बादल फटले से तीन लोगों की की मौत सहित 11 लोग हैं लापता
पिथौरागढ़। जहां कल-परसों तक मुनस्यारी क्षेत्र के सेराघाट के टांगा और गैला गांव के जिन घरों में चहल-पहल हुआ करती थी, दैनिक कार्यों के लिए भागदौड़ मची रहती थी, बच्चों की किलकारियां गूंजा करती थी, आज उन्हीं घरों और पूरे आसपास के क्षेत्र में एकदम सन्नाटा पसरा हुआ है और चहुंओर है तो सिर्फ मातम ही मातम। किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि उनके घरौंदे अचानक श्मशान में तब्दील हो जाएंगे, लेकिन आज जो भी गांव की इन तस्वीरों को देखता है, वह सिहर उठता है और प्रकृति के रौद्र रूप को देख थरथराने लगता है।
रविवार रात्रि प्रकृति ने टांगा और गैला गांव के कई घरों में अपना रौद्र रूप दिखाते हुए कहर बरपाया। जिसमें इन दोनों गांवों के कई घर ध्वस्त हो गए और 14 लोग भी इस प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ गए। अभी तक तीन शवों को ही बरामद किया जा चुका है, जबकि 11 लोगों को मलबे में खोजबीन किया जा रहा है।
दरअसल भारी बारिश के बाद यह घटना उस वक्त घटी, जब लोग रात्रि के लगभग दो-ढाई बजे गहरी नींद में सो रहे थे। इससे वे लोग इस आपदा को नहीं भांप सके और जमींदोज हो गए। गांव में तीन मकान ध्वस्त हुए हैं। यहां एक घर के तीन लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा तीन और लोग घायल हुए हैं। वहीं टांगा गांव में भी तीन घर जमींदोज हुए हैं। इन घरों के 11 लोग अभी भी लापता हैं। यहां एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व पुलिस, आपदा प्रबंधन टीम का रेस्क्यू अभियान जारी है।
मरने वालों में शेर सिंह, गोविंदी देवी व ममता शामिल हैं, जबकि दिव्यांशु, लक्की, खुशाल, जीतराम, पार्वती देवी, माधो सिंह, रोशन कुमार, हीरा देवी, तुलसी देवी, पुष्पा देवी व प्रतिमा देवी अभी भी लापता हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए राहत एवं बचाव कार्य में कोई लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए हैं। डीएम विजय कुमार जोगदंडे के अनुसार प्रभावित क्षेत्र में एसडीआरएफ और मेडिकल टीम का रेस्क्यू अभियान जारी है।
वहीं विधायक हरीश धामी आपदा प्रभावित क्षेत्र टांगा में स्वयं मौजूद रहकर रेस्क्यू कार्यों में जुटे हुए हैं। एक घायल को उनके वाहन से जिला अस्पताल पहुंचाया गया और वे अपने संसाधनों से भी मदद कर रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़े रहने पर हरीश धामी का आभार जताया है।