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बुरांस परियोजना के तत्वावधान में यमुना घाटी के चिकित्सकों को दिया मानसिक रोगों (Mental Diseases) पर एक दिवसीय प्रशिक्षण

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बुरांस परियोजना के तत्वावधान में यमुना घाटी के चिकित्सकों को दिया मानसिक रोगों (Mental Diseases) पर एक दिवसीय प्रशिक्षण

नीरज उत्तराखंडी/पुरोला/मुख्यधारा

पुरोला विकासखण्ड में बुरांश परियोजना के तत्वावधान में एम्स दिल्ली से आये विशेषज्ञ चिकित्सकों ने पुरोला के उप जिला चिकित्सालय,बुरांस परियोजना कार्यालय सहित तीन प्रशिक्षण केंद्रों में मिर्गी रोग सहित कई मानसिक रोगों पर जागरूकता सहित रोगों की पहचान व चिकित्सा पर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया।

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गुरुवार को पुरोला में संचालित स्वयं सेवी संस्था बुरांस परियोजना के तत्वावधान में यमुना घाटी के चिकित्सकों, सीएचओ, एएनएम व आशा कार्यकत्रियों तथा फैसिलिटेटर्स को मिर्गी सहित सम्बंधित कई प्रकार के मानसिक रोगों की विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने रोगियों की पहचान करने के साथ ही उनकी उचित चिकित्सा पर विस्तृत जानकारी दी गयी।

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एम्स दिल्ली से आये विशेषज्ञ चिकित्सकों न्यूरोलॉजिस्ट प्रो0 डॉ0 ममता भूषण, डॉ0 मयंक व डॉ0 हेमंत तिवारी ने प्रशिक्षण देते हुए बुरांस परियोजना के इस प्रकार के प्रशिक्षण आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि मानसिक रोगों से ग्रसित रोगियों की पहचान कर उन्हें सामाजिक,मानसिक प्रोत्साहन के साथ साथ उचित चिकित्सा सलाह देनी महत्वपूर्ण है।

वहीं संस्था के परियोजना समन्वयक जीत बहादुर ने जानकारी देते हुए बताया कि यमुना घाटी मे 150 से अधिक मिर्गी व अन्य मानसिक रोग से पीड़ित मरीजों की पहचान की गई है, जिसमे मात्र 5 मरीज ही उचित सलाह से दवाई ले पा रहे है। उन्होंने कहा कि मरीजों से बात करने पर पता चला कि इलाज के लिए देहरादून या अन्य बड़े शहरों तक जाना पड़ता है जो गरीब मरीजों के लिए बहुत खर्चीला होता है, जिसके कारण अधिकांस मरीज इलाज के अभव में जिंदगीभर समस्याओं का सामना झेलते हैं।

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उन्होंने कहा कि मरीजों की इस समस्या को ध्यान मे रखते हुए यमुना वैली डॉक्टर, सी.एच.ओ, ए.एन.एम, आशा समन्वयक, आशा कार्यकत्रियों को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि यमुना वैली के मरीजों को अपने ही स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज मिल सके। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 आर सी आर्य सहित डॉ0 संदीप रतूड़ी,डॉ0 मयंक जुवांठा,डॉ0 रोबिन कुमार,डॉ0 अभिजीत,डॉ0 मनोज,डॉ0 रेशमा व बुरांस परियोजना से भागीरथी शर्मा, प्रकाश राज आदि लोग मौजूद थे।

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