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रूसी राष्ट्रपति को मिला नया दोस्त, उत्तर कोरिया पहुंचे व्लादिमीर पुतिन ने किम जोंग उन से की “नई डिफेंस डील”

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रूसी राष्ट्रपति को मिला नया दोस्त, उत्तर कोरिया पहुंचे व्लादिमीर पुतिन ने किम जोंग उन से की “नई डिफेंस डील”

शंभू नाथ गौतम

यूक्रेन से जारी युद्ध और अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों के साथ तनातनी के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अब एक और नया तेज तर्रार दोस्त मिल गया है। हालांकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ भी पुतिन की जबरदस्त दोस्ती है। लेकिन अब रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। उत्तर कोरिया भी तानाशाही रवैये की वजह से दुनिया के नक्शे से अलग-थलग पड़ा हुआ है। मौजूदा हालात को देखते हुए रूस और उत्तर कोरिया को एक दूसरे की जरूरत भी थी। दोस्ती के नए आयाम गढ़ने के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन बुधवार 19 जून को उत्तर कोरिया पहुंचे। “इस दौरान पुतिन और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन ने नए एग्रीमेंट पर दस्तखत किए हैं। इसके मुताबिक, अगर किसी भी देश ने उत्तर कोरिया या फिर रूस पर हमला किया तो उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। इसका जवाब दोनों देश मिलकर देंगे।

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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस डील को ‘एलायंस’ नाम दिया गया है”। नॉर्थ कोरिया दौरे पर पुतिन ने किम जोंग को तोहफे में लग्जरी कार ऑरस भेंट की। पुतिन 24 साल बाद 19 जून को नॉर्थ कोरिया दौरे पर पहुंचे। यहां एयरपोर्ट पर किम जोंग उन ने खुद उन्हें रिसीव किया। पुतिन के साथ रूस के 10 मंत्रियों और अधिकारियों का डेलिगेशन था। इनमें विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री आंद्रे बेलोऊसोव शामिल हैं। दोनों नेताओं के बीच शुरू हुई नई दोस्ती दुनिया के तमाम देशों के लिए सिरदर्द भी बन सकती है। व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की पहचान दुनिया भर में आक्रामक नेताओं के रूप में जानी जाती है। हालांकि भारत और रूस (पूर्व नाम सोवियत संघ) की दोस्ती 1950 के दशक से शुरू हुई थी जो आज भी बरकरार है। वहीं उत्तर कोरिया भी भारत के अंदरूनी मामलों में दखलअंदाजी देने से बचता रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने अपनी यात्रा के दौरान रूस और उत्तर कोरिया के बीच संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की, जिसमें उन्होंने आक्रमण की स्थिति में पारस्परिक सहायता के लिए प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जिसे उन्होंने एकांतप्रिय राज्य की अपनी दुर्लभ यात्रा के दौरान घोषित ‘सफल’ रणनीतिक साझेदारी के रूप में वर्णित किया। पुतिन की ओर 24 वर्षों में उत्तर कोरिया की अपनी पहली यात्रा के दौरान शहर के चौड़े बुलेवार्ड पर ‘स्वागत पुतिन’ के नारे लगाते हुए हजारों उत्तर कोरियाई लोगों ने रूसी और उत्तर कोरियाई झंडे और फूलों के गुलदस्ते लहराते हुए लाइन लगाई।

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रूसी राज्य समाचार एजेंसी तास के अनुसार, नेताओं ने एक व्यापक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जो 1961, 2000 और 2001 के पिछले समझौतों को पीछे छोड़ देता है। पुतिन ने समझौते के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि आज हस्ताक्षरित व्यापक साझेदारी समझौते में, अन्य बातों के अलावा, इस समझौते के किसी एक पक्ष के खिलाफ आक्रमण की स्थिति में पारस्परिक सहायता का प्रावधान शामिल है। उन्होंने समझौते की सराहना करते हुए कहा कि इसमें राजनीतिक, व्यापार, निवेश, सांस्कृतिक और सुरक्षा क्षेत्र शामिल हैं, और इसे ‘वास्तव में एक सफल दस्तावेज’ करार दिया पुतिन ने संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के संयुक्त सैन्य अभ्यास की भी आलोचना की, जिसे उत्तर कोरिया के प्रति ‘शत्रुतापूर्ण’ बताया, तथा अमेरिकी नीति को ‘टकरावपूर्ण’ बताया। वहीं किम जोंग-उन ने द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में नए ‘गठबंधन’ की प्रशंसा की।

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इस यात्रा में किम इल सुंग स्क्वायर में एक स्वागत समारोह में उत्साहपूर्ण जश्न मनाया गया, जहां घुड़सवार सैनिक, सैन्यकर्मी और गुब्बारे लिए बच्चे दोनों नेताओं के बड़े चित्रों की पृष्ठभूमि में जयकार कर रहे थे।पुतिन उत्तर कोरिया की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद गुरुवार शाम को वियतनाम पहुंचे। राजधानी हनोई के नोई बाई हवाई अड्डे पर पुतिन के स्वागत के लिए रैंप पर लाल कालीन बिछाया गया। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वियतनाम के उप प्रधानमंत्री ट्रान होंग हा, सीपीवी केंद्रीय समिति के अंतरराष्ट्रीय मामलों के विभाग के प्रमुख ले होई ट्रुंग और वियतनामी उप विदेश मंत्री ले थी थू हैंग ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। अपनी यात्रा के दौरान, पुतिन चार वियतनामी नेताओं के साथ बैठक करेंगे, जिनमें राष्ट्रपति, देश की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के महासचिव, सरकार के प्रधानमंत्री और नेशनल असेंबली के अध्यक्ष शामिल हैं।

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