रुद्रपुर। यूं तो उत्तराखंड की पुलिस ‘मित्र पुलिस’ के नाम से जानी जाती है, लेकिन मित्र पुलिस ही जब जान लेने पर उतारू हो जाए तो फिर न्याय की उम्मीद किससे की जाए। ऊधमसिंहनगर के रुद्रपुर में ऐसा ही एक वीभत्स मामला सामने आया है, जहां बाइक सवार युवक के माथे पर सीपीयू कर्मी ने चाबी घोंप दी। इस घटना के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हाल ही में कोरोनाकाल में मित्र पुलिस द्वारा स्थापित की गई नई अच्छी छवि को भी ऐसे पुलिस कर्मियों द्वारा धूमिल किया जा रहा है।
रुद्रपुर में घटी घटना सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। जानकारी के अनुसार सोमवार रात्रि रमपुरा के दीपक अपने दोस्त प्रेम प्रकाश के साथ पेट्रोल पंप पर तेल भरने जा रहे थे। इस दौरान उन्हें ड्यूटी पर तैनात सीपीयू ने टोका तो उनकी बहस हो गई। इस पर सीपीयू कर्मी ने दीपक के माथे पर चाबी घोंप दी, जिससे वह घायल हो गया। जब लोगों को इस घटना का पता लगा तो वहां बवाल हो गया। एसएसपी ने सीपीयू के उपनिरीक्षक एसआई राम प्रवीन, कांस्टेबल वीरेंद्र चौहान व जगदीश जोशी को सस्पेंड कर दिया है।
इस मामले में एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर का कहना है कि एक उपनिरीक्षक व दो कांस्टेबल इंदिरा चौक पर चैकिंग कर रहे थे। बाइक सवार दो युवकों को रोका साइड आने से रोका गया तो वह सीपीयू से उलझ गए। इस बार वे वहां से निकल गए। बाद में वह वापस आया और उसके माथे पर चाबी घोंपी पाई गई। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
वीडियो:
सवाल यह है कि कोई भी व्यक्ति भला अपने माथे पर चाबी क्यों घोपेंगा? और इससे भी बड़ा सवाल यह है कि भले ही किसी ने नियमों का उल्लंघन कर दिया हो, लेकिन पुलिस उस पर इस तरह का हमला कैसे कर सकती है? यदि उन युवाओं की गलती थी तो उन पर उचित कार्यवाही की जाती, लेकिन ऐसा न कर उक्त युवक पर ऐसा गहरा जख्म दे दिया गया, जो आजीवन उसके स्मरण से नहीं मिट सकता। यही नहीं यदि यह चाबी थोड़ी सी भी नीचे लगती तो उसकी आंख फूट सकती थी अथवा जानलेवा भी साबित हो सकता था।
बहरहाल, यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि वाकई मामले में सच्चाई क्या है, लेकिन उक्त वीडियो में जो प्रथम दृष्टया दिखाई दे रहा है, उससे पुलिस की किरकिरी हो रही है। अब देखना यह है कि संबंधित पुलिस कर्मियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जाती है!