1 अप्रैल 2024 : नए फाइनेंशियल ईयर (New Financial Year) ने इन 6 नए बदलावों के साथ की शुरुआत, आज मस्ती-मजाक से भरा दिन 'अप्रैल फूल' भी - Mukhyadhara

1 अप्रैल 2024 : नए फाइनेंशियल ईयर (New Financial Year) ने इन 6 नए बदलावों के साथ की शुरुआत, आज मस्ती-मजाक से भरा दिन ‘अप्रैल फूल’ भी

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1 अप्रैल 2024 : नए फाइनेंशियल ईयर (New Financial Year) ने इन 6 नए बदलावों के साथ की शुरुआत, आज मस्ती-मजाक से भरा दिन ‘अप्रैल फूल’ भी

मुख्यधारा डेस्क

आज 1 अप्रैल है। यह तारीख नए वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर) की शुरुआत के लिए जानी जाती है। यानी आज से साल 2024-25 का वित्त वर्ष शुरू हो चुका है। वहीं आज 1 अप्रैल को अप्रैल फूल भी मनाया जाता है। पहले बात करेंगे नए फाइनेंशियल ईयर को लेकर। हर साल नए वित्त वर्ष में बदलाव भी होते हैं। आज से 6 बड़े बदलाव हो गए हैं। जिसका असर सीधा आपकी जेब पर हो सकता है। आइए जानते हैं क्या-क्या बदलाव हुए हैं। सरकार की ओर से कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम में कटौती की गई है। नई कटौती के बाद 19 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 30.50 रुपये, मुंबई में 31.50 रुपये, चेन्नई में 30.50 रुपये और कोलकाता में 32 रुपये कम हो गए हैं।

बता दें, सरकार की ओर से हर महीने की शुरुआत में समीक्षा के बाद गैस सिलेंडरों के नए दाम जारी किए जाते हैं।कटौती के बाद दिल्ली में 19 किलो के एलपीजी सिलेंडर का रेट 1764.50 रुपये हो गया है। पहले ये 1795 रुपये था। वहीं, चेन्नई में कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर का दाम कम होकर 1930 रुपये हो गया है। वहीं, मुंबई और कोलकाता में 19 किलो के कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1717.50 रुपये और 1879 रुपये हो गई है। वहीं आज से इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदना महंगा हो गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME-II) के तहत मिलने वाली सब्सिडी बंद कर दी है।इस स्कीम के तहत 22,500 रुपए तक की सब्सिडी दी जाती थी।

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सरकार ने आज से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) शुरू की है। यह 31 जुलाई 2024 तक वैलिड रहेगी। नई योजना के तहत इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर 10,000 रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी। वहीं थ्री व्हीलर पर 25,000 तक सब्सिडी मिलेगी।  इसके अलावा किया, टोयोटा और टाटा ने आज से अपनी गाड़ियों के दाम बढ़ा दिए हैं। गाड़ियों के अलग-अलग मॉडल और वैरिएंट के अनुसार अलग-अलग लागू होंगी। अगर आपने अपनी कार के फास्टैग की बैंक से KYC अपडेट नहीं कराई है वो आज से डीएक्टिव हो सकता है। इसके बाद फास्टैग में बैलेंस होने के बावजूद पेमेंट नहीं होगा। दोबारा इसे चालू करने के लिए आपको KYC अपडेट करानी होगी। आज से नई टैक्स रिजीम को सरकार ने डिफॉल्ट​ कर दिया है। ​​​​​​ऐसे में अगर आपको पुरानी टैक्स रिजीम के तहत टैक्स भरना है तो इसे चुनना होगा। सरकार ने 2020 में नई टैक्स रिजीम का ऑप्शन दिया था। नई टैक्स रिजीम में किसी भी तरह के डिडक्शन लागू नहीं होते हैं। अब आप उन म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश नहीं कर पाएंगे जो फॉरेन ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में पैसा लगाते हैं।

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शेयर मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने म्यूचुअल फंड्स पर इस तारीख से नया निवेश लेने पर रोक लगा दी है। सेबी का आदेश इसलिए आया है क्योंकि, फॉरेन ETF में निवेश की मैक्सिमम लिमिट 1 बिलियन डॉलर (करीब ₹8,332 करोड़) तय है। इसमें निवेश अब इस लिमिट के करीब पहुंच गया है। इसको लेकर सेबी ने देश में म्यूचुअल फंड हाउसेज को हेड करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) को लेटर भी लिखा है।

हर साल 1 अप्रैल को मस्ती-मजाक का दिन ‘अप्रैल फूल’ दिवस मनाया जाता है–

1 अप्रैल का दिन ज्यादातर हंसी-ठहाकों के साथ बीतता है, क्योंकि इस दिन लोग एक दूसरे को फूल यानी बेवकूफ या मूर्ख बनाने का कोई मौका नहीं चूकते हैं। पहले यह दिन फ्रांस और कुछ अन्य यूरोपीय देशों में ही मनाया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे दुनियाभर के देशों में अप्रैल फूल डे मनाया जाने लगा। अप्रैल फूल डे के इतिहास के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं। जिनमें से एक के अनुसार, अप्रैल फूल डे की शुरुआत 1381 में हुई थी। बताया जाता है कि उस समय के राजा रिचर्ड जीती और बोहेमिया की रानी एनी ने घोषणा करवाई कि वो दोनों 32 मार्च 1381 को सगाई करने वाले हैं। सगाई की खबर सुनकर जनता खुशी से झूम उठी, लेकिन 31 मार्च 1381 के दिन लोगों के समझ आया कि 32 मार्च तो आता ही नहीं है। इसके बाद लोग समझ गए कि उन्हें मूर्ख बनाया गया है।

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बताया जाता है कि तभी से 32 मार्च, यानी 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। कुछ किस्सों के मुताबिक, अप्रैल फूल डे की शुरुआत 1392 में ही हो चुकी थी। वहीं दूसरी ओर अप्रैल फूल डे का इतिहास तब का है जब 1582 में फ्रांस ने जूलियन कैलेंडर को छोड़कर ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया था। उस दौरान जहां जूलियन कैलेंडर में एक अप्रैल से नया साल शुरू होता था, तो वहीं ग्रेगोरियन कैलेंडर में ये एक जनवरी शिफ्ट हो गया। इस बदलाव को बहुत से लोग समझ नहीं पाए। ऐसे में जो लोग जूलियन कैलेंडर के हिसाब से ही 1 अप्रैल को नया साल मनाते थे, उन्हें लोग फूल यानी कि बेबकूफ बोलने लगे और उनका मजाक उड़ाने लगे। इसी वजह से उन्हें अप्रैल फूल कहा जाने लगा और इस दिन की शुरुआत हो गई। दुनियाभर में 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाने के अलग-अलग तरीके हैं। अगर बात करें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और अफ्रीकी देशों की, तो वहां अप्रैल फूल डे सिर्फ 12 बजे तक ही मनाया जाता है। वहीं, कनाडा, अमेरिका, रूस और बाकी यूरोपीय देशों में 1 अप्रैल को दिनभर अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में इस दिन की शुरुआत 19वीं सदी में अंग्रेजों ने की थी। आज के समय में भारत में भी लोग इस दिन लोग मस्ती-मजाक करते हैं।

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