डिजिटल लैंड बैंक बनाने और विभागीय परिसंपत्तियों को उचित उपयोग हेतु किराए पर दिए जाने को लेकर हिमांशु खुराना ने की बैठक
चमोली / मुख्यधारा
जिले में सरकारी भूमि-परिसंपत्तियों का डिजिटल लैंड बैंक बनाने और विभागीय परिसंपत्तियों को उचित उपयोग हेतु किराए पर दिए जाने को लेकर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बुधवार को समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने निर्देशित किया कि समस्त विभागीय भूमि एवं परिसंपत्तियों का डिजिटल लैंड बैंक शीघ्र तैयार किया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि लैंड बैंक के माध्यम से भविष्य में सरकारी भूमि का उपयोग उचित योजना के साथ बुनियादी सुविधाओं की स्थापना हेतु किया जाएगा। विभागों के पास समस्त आवासीय, अनावासीय, खाली भूमि या अन्य किसी भी प्रकार की भूमि जिस पर विभाग का आंशिक या पूर्ण कब्जा हो, उसका सटीक डिजिटल लैंड बैंक तैयार किया जाए। सभी विभाग अपनी परिसंपत्तियों को पोर्टल पर दर्ज करें। कोई भी परिसंपत्ति छूटनी नही चाहिए। ताकि भविष्य में अतिक्रमण को रोका जा सके और विकास योजनाओं के लिए सरल और सुगम तरीके से सरकारी भूमि उपलब्ध हो सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसी भूमि-परिसंपत्तियां जो विभागीय उपयोग में नही है, लेकिन आम जनता के लिए किसी विशेष उद्देश्य से उपयोगी है, उनको चिन्हित कर प्रचार प्रसार करें और विभागीय उपयोग के उपरांत खाली संपत्तियों को आम नागरिकों के उचित उपयोग हेतु किराए पर दिया जाए। इससे विभाग की परिसंपत्तियों का बेहतर उपयोग के साथ राजस्व भी प्राप्त होगा। जिसका 25 प्रतिशत तक विभाग अपनी परिसंपत्तियों के रखरखाव पर खर्च कर सकते है। उन्होंने कहा कि आगे से जिला योजना और अन्य मदों से विभागीय परिसंपत्तियों के रख रखाव हेतु फंड जारी करते समय इसको भी देखा जाएगा कि विभागों ने अपनी परिसंपत्तियों को किराए पर देकर कितनी आय अर्जित की है। उन्होंने निर्देश दिए कि परिसंपत्तियों से आय अर्जित करने हेतु सभी विभागों का न्यूनतम लक्ष्य भी निर्धारित किया जाए। ताकि समय समय पर इसका आकलन भी किया जा सके।
अपर जिलाधिकारी ने बैठक में बताया कि जनपद में अब तक 76 प्रतिशत सरकारी भूमि-परिसंपत्तियों का डिजिटल लैंड बैंक तैयार कर लिया गया है। जनपद के सभी विभागों के पास दर्ज 11682 परिसंपत्तियों में से 8956 परिसंपत्तियों का डिजिटल बाउंड्री बन चुकी है और जल्द ही शेष कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।