9वीं बैठक : पीएम की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसलिंग की बैठक आज, कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मीटिंग का किया बहिष्कार
मुख्यधारा डेस्क
राजधानी दिल्ली में आज नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसलिंग की बैठक होने जा रही है। इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस बैठक में भाग लेने के लिए भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शुक्रवार शाम को ही राजधानी दिल्ली पहुंच गए हैं। बैठक में 7 राज्यों के मुखयमंत्रियों ने आने से मना कर दिया है। इनमें तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, केरल और झारखंड शामिल हैं। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल होंगी।
मीटिंग में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने पर फोकस रहेगा। नीति आयोग की शीर्ष संस्था शासी परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री नीति आयोग के चेयरमैन हैं। बयान के मुताबिक, इस बैठक का उद्देश्य केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच सहभागी संचालन तथा सहयोग को बढ़ावा देना, वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है।
नीति आयोग की बैठक में विपक्ष के शामिल न होने पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है. कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक की अन्य पार्टियां निजी हित को प्राथमिकता दे रही हैं। बहिष्कार की यह राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण है और वह भी नीति आयोग जैसे मंच का, जो गैर-राजनीतिक है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, विपक्ष ने एक बार फिर भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के बारे में अपनी घटिया सोच दिखाई है। कुछ राजनीतिक दल इस बैठक का बहिष्कार करने के बारे में सोच रहे हैं।
इससे पता चलता है कि उनकी व्यक्तिगत राजनीति देश पर किस तरह हावी है। कभी-कभी मुझे लगता है कि वे जनसेवा से ज्यादा महत्व प्रचार को देते हैं। कांग्रेसके नेता वेणुगोपाल ने कहा, ‘इस सरकार का रवैया पूरी तरह से संवैधानिक सिद्धांतों के विपरीत है। हम ऐसे कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे जो पूरी तरह से इस शासन के सच्चे, भेदभावपूर्ण रंगों को छिपाने के लिए बनाया गया है। इस मीटिंग में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए ‘विकसित भारत साल 2047’ दस्तावेज पर चर्चा की जाएगी। साथ ही 27 से 29 दिसंबर, 2023 के दौरान आयोजित मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर चर्चा की जाएगी। नीति आयोग की बैठक में पेयजल की पहुंच, मात्रा और गुणवत्ता, बिजली की गुणवत्ता, एफिशिएंसी और विश्वसनीयता, स्वास्थ्य की पहुंच, सामर्थ्य और देखभाल की गुणवत्ता, स्कूली शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता और भूमि और संपत्ति की पहुंच, डिजिटलीकरण, रजिस्ट्रेशन और म्यूटेशन के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।
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पिछले दिनों केंद्र सरकार ने नीति आयोग की नई टीम बनाई
केंद्र सरकार ने 16 जुलाई को नीति आयोग की नई टीम का ऐलान किया। इसमें चार पूर्णकालिक सदस्यों के अलावा भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों के 15 केंद्रीय मंत्रियों को पदेन सदस्य या विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयोग के अध्यक्ष और इकोनॉमिस्ट सुमन के बेरी उपाध्यक्ष बने रहेंगे। इसके अलावा साइंटिस्ट वी के सारस्वत, एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट रमेश चंद, बाल रोग विशेषज्ञ वी के पॉल और मैक्रो-इकोनॉमिस्ट अरविंद विरमानी पूर्णकालिक सदस्य बने रहेंगे। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चार पदेन सदस्य होंगे। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी और एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी नीति आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं।
इनके अलावा विशेष आमंत्रित सदस्यों में पंचायती राज मंत्री लल्लन सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार, नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू, आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान और राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार राव इंद्रजीत सिंह शामिल हैं।केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर, जिन्हें पिछले साल आयोग में शामिल किया गया था, इस साल आयोग के सदस्य नहीं बनाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया को नीति आयोग के नाम से जाना जाता है। यह भारत सरकार का एक नीति थिंक टैंक है, जो सरकार के कामों और नीतियों की जानकारी देता है।केंद्र की मोदी सरकार ने 2015 में 65 साल पुराने योजना आयोग की जगह नीति आयोग का गठन किया था। योजना आयोग देश के विकास से संबंधित योजनाएं बनाने का काम करता था।नीति आयोग सरकार के लॉन्ग टर्म पॉलिसी और कार्यक्रमों के लिए रणनीति तैयार करने में अहम रोल निभाता है। आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं। अध्यक्ष के अलावा एक उपाध्यक्ष और एक कार्यकारी अधिकारी होता है। इनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 8 फरवरी 2015 को नीति आयोग की पहली बैठक की अध्यक्षता की थी।