Header banner

उत्तराखंड की एक गुमनाम बुग्याल (Bugyal) स्वर्ग से भी ज्यादा खूबसूरत हैं

admin
b 1

उत्तराखंड की एक गुमनाम बुग्याल (Bugyal) स्वर्ग से भी ज्यादा खूबसूरत हैं

h 1 4

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला

हिमालय का आंचल ताल और बुग्याल (मखमली घास के मैदान) की सुंदर वादियों में फैला हुआ है। पर इनमें अधिकांश वादियां पर्यटकों की नजर से ओझल है। इन्हीं ताल-बुग्यालों में शामिल है उत्तरकाशी का बेलक-कुश कल्याण बुग्याल। कहा जाता है कि स्वर्गारोहण के समय पांडव इन्हीं बुग्याल से गुजरे थे।

यह भी पढें : आसान नहीं चार धाम की यात्रा (Char Dham Yatra)

उत्तराखंड को धरती का स्वर्ग यूं ही नहीं कहा जाता है यहां ऐसे कई पर्यटक स्थल हैं जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं। एक ऐसा ही पर्यटल स्थल है कुश कल्याण बुग्याल। बुग्याल पहाड़ों में घास के मैदान होते हैं। उत्तराखंड में मखमली चादर की तरह दिखने वाले कई सारे बुग्याल हैं लेकिन ज्यादातर के बारे में कम लोगों को ही पता है। उत्तराखंड में ऐसा ही एक बेहद खूबसूरत कुश कल्याण बुग्याल है यहां आपको चारों तरफ सुन्दर रंग बिरंगे फूल और ताजा हरियाली देखने को मिलती है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के कुश-कल्याण बुग्याल में इन दिनों पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। इस माह तक कुश-कल्याण बुग्याल में 200 से अधिक पर्यटक पहुँच चुके हैं। देश ही नहीं विदेशी सैलानियों को भी यह जगह खूब भा रही है। कुश-कल्याण बुग्याल और इसके आसपास का क्षेत्र अपनी खूबसूरती के साथ ही धार्मिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है।

यह भी पढें : Odisha train accident: दो एक्सप्रेस ट्रेन और मालगाड़ी की भीषण टक्कर में 250 लोगों की मौत, 1000 से ज्यादा घायल

उत्तरकाशी जिले के नाल्ड-कठूड़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला कुश-कल्याण बुग्याल करीब 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह भटवाड़ी विकासखंड के सिल्ला गांव से करीब 10 किमी की पैदल दूरी पर स्थित है। हालांकि कुश-कल्याण बुग्याल को पर्यटन मानचित्र पर अब तक वह पहचान नहीं मिल पाई है जिसका वह हकदार है लेकिन उसके बाद भी स्थानीय युवाओं के प्रयास से यहां पर पर्यटकों की इस वर्ष अच्छी संख्या देखने को मिल रही है। यहां पर विभिन्न ट्रैकिंग एजेंसियों के माध्यम से ट्रैकर्स पहुंच रहे हैं। इस वर्ष ३०० से अधिक पर्यटक कुश-कल्याण का दीदार कर चुके हैं कुश-कल्याण बुग्याल में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाले फूलों की भरमार है। इसके साथ ही ऊंची-ऊंची बर्फीली पहाड़ियों के सुबह सूर्योदय का नजारा बहुत की खूबसूरत होता है। जो कि पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है। जिस प्रकार से पर्यटक कुश-कल्याण का रुख कर रहे हैं, उससे स्थानीय निवासियों को आजीविका का एक सशक्त साधन मिल गया है। ट्रिप और ट्रेकिंग के लिए फेमस हो रहा, पर्यटकों की बन रहा पहली पसंद उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता और बुग्यालों के लिए विश्व प्रसिद्ध है।

यह भी पढें : रोचक जानकारी: दुनिया में सबसे अच्छा उत्तराखंड की ‘बद्री गाय (badri cow)’ का दूध

इन दिनों उत्तरकाशी जिले के कुश-कल्याण बुग्याल में पर्यटकों की आमद बढ़ रही है। हिमालयी क्षेत्र में बसा कुश-कल्याण बुग्याल 3500 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है। जिसकी खूबसूरती का दीदार करने के लिए देश-विदेश पर्यटक कुश- कल्याण बुग्याल की ओर खींचे चले आ रहे हैं। पर्यटकों का कहना है कि शासन-प्रशासन और पर्यटन विभाग को कुश-कल्याण बुग्याल को विकसित करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए वह भी पर्यटन और तीर्थाटन की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। वे कहते कि एक समय ऐसा था जब सड़क मार्ग नहीं थे, तब चारधाम यात्री गंगोत्री से लाटा होते हुए बेलक पहुंचते थे। पुराने समय में इसे बेलक चट्टी भी कहते थे। बेलक से बुढ़ाकेदार, घुत्तू, पंवाली कांठा होते हुए यात्री त्रिजुगीनारायण पहुंचते थे। जाड़ी संस्थान के अध्यक्ष कहते हैं कि बेलक, जौराई- कुश कल्याण क्षेत्र में कदम-कदम पर बुग्याल और ताल हैं, लेकिन ये सब पर्यटकों की नजर से ओझल है। इस क्षेत्र की पौराणिक मान्यता भी है। कहते हैं कि स्वर्गारोहण के दौरान पांडवों ने भी इस बुग्याल में विश्राम किया था और उसके बाद वह यहां से होते हुए केदारनाथ की ओर रवाना हुआ। इसी के तर्ज पर इस बुग्याल की चोटी को पांडव चोटी भी कहा जाता है।लेखक दून विश्वविद्यालय कार्यरत हैं।

 

Next Post

जोशीमठ भू-धंसाव (joshimath landslide) विस्थापित लोगों के राहत व पुनर्वास को SBI ने दिए 2 करोड़

जोशीमठ भू-धंसाव (joshimath landslide) विस्थापित लोगों के राहत व पुनर्वास को SBI ने दिए 2 करोड़ देहरादून/मुख्यधारा जोशीमठ में भू-धंसाव वाले क्षेत्र से विस्थापित लोगों के राहत और पुनर्वास के लिए भारतीय स्टेट बैंक द्वारा गुरूवार को उत्तराखण्ड राज्य आपदा […]
j 1 2

यह भी पढ़े