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उत्तराखंड आपदा : हादसे के समय सभी मजदूर कंटेनर हाउस में थे, उसी दौरान बर्फ का बड़ा हिस्सा आ गिरा, चार की मौत, पांच की तलाश जारी

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उत्तराखंड आपदा : हादसे के समय सभी मजदूर कंटेनर हाउस में थे, उसी दौरान बर्फ का बड़ा हिस्सा आ गिरा, चार की मौत, पांच की तलाश जारी

चमोली/मुख्यधारा

उत्तराखंड के चमोली एवलांच में अब तक 4 लोगों की मौत हो गई है। हादसे के दूसरे दिन शनिवार को 17 मजदूरों को रेस्क्यू किया गया। इससे पहले शुक्रवार को 33 लोगों को बचाया गया था। इनमें गंभीर रूप से घायल 4 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई। 5 मजदूर अब भी लापता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि चमोली-बद्रीनाथ हाईवे पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के कुल 57 लोग काम कर रहे थे, जिसमें से 2 लोग छुट्टी पर थे। घटना के समय सभी मजदूर कंटेनर हाउस में थे। उसी दौरान बर्फ का बड़ा हिस्सा पहाड़ से नीचे आया और मजदूर दब गए।

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उल्लेखनीय है कि दो साल से गांव-माणा के पास हाईवे का सुधारीकरण और चौड़ीकरण कार्य चल रहा है। जिसके लिए क्षेत्र में मजदूर रह रहे थे। ये मजदूर दिनभर हाईवे चौड़ीकरण कार्य करने के बाद रात्रि विश्राम के लिए माणा पास एंट्री गेट के पास स्थापित कंटेनर में पहुंच जाते हैं। पिछले तीन दिनों से बर्फबारी होने के कारण मजदूर इन्हीं कंटेनर में रह रहे थे। इनमें पौकलेंड, जेसीबी व अन्य मशीनों के ऑपरेटर भी रह रहे थे।

शुक्रवार को सुबह कुबेर पर्वत से मजदूरों के कंटेनर के ऊपर भारी मात्रा में हिमस्खलन हो गया। जिससे बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के 55 मजदूर इसकी चपेट में आ गए।

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बताया जा रहा है कि मजदूर वहां आठ कंटेनरों में सो रहे थे। इसी दौरान कंटेनर के ऊपर हिमस्खलन हो गया। अचानक से हुए इस हादसे के बाद किसी को ना तो भागने का मौका मिला और ना ही रास्ता। आलम यह रहा कि सभी मजदूर लोहे के कंटेनर के अंदर ही बंद होकर रह गए।

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बर्फ का यह पहाड़ इतना खतरनाक था कि उसने लोहे के कंटेनर को भी मोड़ कर रख दिया। इन सभी मजदूरों को बचाने के लिए छह हेलीकॉप्टरों को लोगों को निकालने के लिए तैनात किया गया है।

हेलीकॉप्टरों में भारतीय सेना विमानन के 3 चीता हेलीकॉप्टर, भारतीय वायु सेना के 2 चीता हेलीकॉप्टर और भारतीय सेना द्वारा किराए पर लिया गया एक नागरिक हेलीकॉप्टर शामिल है।

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रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना, आइटीबीपी, बीआरओ, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान खराब मौसम के बावजूद बर्फ में दबे 50 मजदूरों को सकुशल निकाला। अभी तक, रेस्क्यू किए गए 50 में से 23 व्यक्तियों को जोशीमठ पहुंचाया जा चुका है। दुर्भाग्य से, 4 घायलों की मृत्यु की पुष्टि हुई है। पांच लोगों को बचाने के लिए सर्च और रेस्क्यू जारी है।

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बर्फ में फंसे 55 मजदूरों में बिहार के 11, उत्तर प्रदेश के 11, उत्तराखंड के 11, हिमाचल प्रदेश के 7, जम्मू-कश्मीर के 1 और पंजाब के 1 मजदूर शामिल हैं। 13 मजदूरों का पता और मोबाइल नंबर नहीं है।

उत्तराखंड सरकार ने इस पूरे हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए गए हैं। रेस्क्यू टीमों का पूरा फोकस अब लापता मजदूरों को तलाशने पर है। प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द से जल्द इन पांच मजदूरों को भी सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।

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