सावधान! सरकारी नौकरी (Government job) के झांसे में कहीं आपकी गाढ़ी कमाई को भी न लग जाए चूना!
पढें एसटीएफ की गिरफ्त में आए इस गिरोह की ठगी के तरीके
देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखंड हमेशा से ही अपनी शांत वादियों के लिए लोगों को आकर्षित करता रहा है। यही कारण है कि यह शहर रिटायर्ड कर्मियों की पसंदीदा जगहों में से नंबर एक पर रहा है। पूर्व में यहां रोजगार के साधन सीमित थे, किंतु जैसे-जैसे समय बीतता गया, उपभोक्ताओं की मांग के अनुरूप रोजगार के नए साधनों का भी सृजन होता चला गया। अब नौजवान युवाओं ने भी अपने इसी शांत शहर में रोजगार तलाशना शुरू किया तो ठगों की पैनी नजर से वे भला कैसे अछूते रह सकते थे। बेरोजगार युवाओं की इसी पसंद को नौकरी लगाने वाले ठगों के गिरोह ने बड़ी जल्द भांप लिया और धीरे-धीरे ठगों का मकडज़ाल बनता चला गया। ऐसे ही एक गिरोह के सदस्यों को आज उत्तराखंड की एसटीएफ टीम ने गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है।
उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर पैसे ठगने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। बताया गया कि इस गिरोह ने भारतीय युवा खेल परिषद नाम से वेबसाइट बनाकर उससे बेरोजगार युवाओं से ठगी की जा रही थी। गिरोह के सदस्य कई राज्यों के युवाओं को पीटी मास्टर, रेलवे, इनकम टैक्स आदि सरकारी विभागों में सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर ठग रहे थे। हैरान करने वाली बात यह भी है कि ऐसे युवाओं को नियुक्ति पत्र थमाते हुए हरिद्वार के एक आश्रम में टे्रनिंग भी दी जाती थी।
यह भी पढ़ें: गुड न्यूज Uttarakhand: प्रदेश को जल्द मिलेंगे 824 ANM : डॉ. आर. राजेश कुमार
आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में कुछ युवकों ने शिकायत की थी। जिसमें बताया गया था कि भारतीय युवा खेल परिषद में फिजिकल एजुकेशन टीचर, रेलवे, इनकम टैक्स सहित कई अन्य सरकारी विभागों में सरकारी नौकरी के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र मांगे जा रहे हैं व भर्ती कराने के बदले उक्त कथित भर्ती सेंटरों में प्रशिक्षण देकर मोटी रकम मांगी जा रही है।
यह भी पढ़े : उत्तराखंड: UKPSC की इस परीक्षा में नकल करने वालों की सूची जारी
वेबसाइट पर भर्ती के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 700 रुपए रखा गया था। कुछ दिनों बाद ऑरिजिनल डॉक्युमेंट जमा कर लिए जाते थे। तत्पश्चात उन युवाओं को फिजिकल एजुकेशन टीचर पद पर नौकरी लगाने के नाम पर हरिद्वार के एक आश्रम में बुलाया जाता था। जहां उन लोगों से लगभग डेढ से दो लाख रुपए खातों में जमा करवाया जाता था। ट्रेनिंग देने के बाद उन युवाओं को इंतजार करने को कहा जाता था। युवाओं से जब उनके द्वारा जमा कराए गए खातों की जांच की गई तो उनमें पिछले 6 महीनों के भीतर 55 लाख रुपए की धनराशि जमा की गई है।
जांच में पाया गया कि इस गिरोह के आनंद कुमार मेहतो, राखी रानी, मनीष कुमार, सदस्य योगेंद्र कुमार योगेश, संजय रावत, राजकुमार उर्फ राजवरी, संदीप सिंह का नाम शामिल थे। जिनमें से शनिवार की रात्रि तीन सदस्यों आनंद मेहतो, योगेश व संजय रावत को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उनके पास से एक लैपटॉप, तीन मोबाइल, भारतीय युवा खेल परिषद से जुड़े दस्तावेज आदि चीजें बरामद कर ली गई हैं। उनके खिलाफ श्यामपुर थाना हरिद्वार में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एसटीएफ की टीम द्वारा गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
गिरोह के इन सदस्यों की हुई गिरप्तार
- आनन्द मेहतो पुत्र श्री स्व0 हरिलाल मेहतो निवासी उर्दू बाजार भागलपुर बिहार हाल किरायेदार कीनू राणा, प्लाॅट नं0 10, सेक्टर 22, चैड़ा गांव नोयडा (गिरोह का सरगना और भा0यु0खे0परि0 का प्रशासक)
- योगेन्द्र कुमार योगेश पुत्र श्री कृष्णा देवीईई प्रसाद निवासी डी-278 नई अशोक नगर बसुन्धरा एन्कलेव पूर्वी दिल्ली संजय रावत पुत्र श्री मनवर सिंह म0नं0 301 जलालपुर रोड, राधेष्याम विहार, फेस-4, मुरादनगर गाजियाबाद(भा0यु0खे0परि0 का डाईरेक्टर)
- संजय रावत पुत्र श्री मनवर सिंह निवासी म0नं0 301 जलालपुर रोड, राधेष्याम विहार, फेस-4, मुरादनगर गाजियाबाद
बहरहाल, सरकारी विभागों में नौकरी लगाने के नाम पर लोगों की गाढ़ी कमाई को इससे पहले भी कई बार चूना लगाया जा चुका है। पुलिस व एसटीएफ की टीमें गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद जनहित में ठगों के मकडज़ाल में न फंसने की अपील करते रहे हैं। ऐसे में यदि आप व आपके बेटा/बेटी भी पैसे देकर सरकारी नौकरी लगने का सपना संजोये बैठे हैं तो आपकी गाढी कमाई को ठग बड़ी चालाकी से चूना लगा सकते हैं। फिर आपके समक्ष हाथ मलने के सिवाय कोई और उपाय नहीं रहेगा!!