देहरादून। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी की शिकायतें सरकार और शासन स्तर तक पहुंचने के बाद अब निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा कोई अन्य शुल्क नहीं ले सकेंगे। यही नहीं यदि कोई स्कूल ऑनलाइन या अन्य किसी माध्यम से वर्तमान में बच्चों को नहीं पढ़ा रहा है तो ऐसे स्कूल भी फीस नहीं ले पाएंगे। इन स्कूलों को अपने स्रोतों से अपने स्टाफ को सैलरी देनी पड़ेगी।
गुरुवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की निजी स्कूलों को कड़ी चेतावनी के बाद आज सचिव शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश जारी कर दिया है। उसके अनुसार जिन स्कूलों में लॉकडाउन में ऑनलाइन या अन्य माध्यमों से बच्चों की पढ़ाई कराई जा रही है, वे स्कूल स्वेच्छा से देने वाले अभिभावकों से मात्र ट्यूशन फीस ही लेंगे। ट्यूशन फीस भी मात्र चालू माह की ही लेनी होगी। इसके अलावा कोई भी शुल्क जैसे वाहन, महंगाई, परीक्षा एवं पंजिका शुल्क नहीं लिया जा सकता है।
सभी जिलों के जिलाधिकारियों को संबोधित आदेश में समस्त निजी विद्यालयों को उपरोक्त आदेश का कड़ाई से पालन करेंगे करने को कहा गया है।
इससे पहले शासन की ओर से एक आदेश जारी किया गया था, लेकिन उसका कोई खास असर निजी स्कूलों पर नहीं पड़ा और प्रदेशभर के कई जगहों से तमाम प्राइवेट स्कूलों की मनमानी की शिकायतें आ रही थी। इस पर एक दिन पहले अरविंद पांडे ने इन स्कूलों को सख्त चेतावनी दी थी। उन्होंने शिकायत पाए जाने पर मान्यता रद्द किए जाने की बात कही थी।
बताते चलें कि लॉकडाउन के चलते अभिभावकों के आर्थिक संकट को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। ऐसे में निजी स्कूलों को भी चाहिए कि वह मानवीय संवेदनाएं देखते हुए इस समय अभिभावकों और अपने विद्यार्थियों के साथ खड़ा रहे, न कि उनके साथ मनमानी कर उत्पीड़़न किया जाए।
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