देहरादून/मुख्यधारा
प्रदेश कांग्रेस के लिए पौड़ी जनपद की यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र से झटका देने वाली खबर आ रही है जहां द्वारीखाल के दिग्गजों ब्लाक प्रमुख महेंद्र राणा (Mahendra Rana) ने कांग्रेस पार्टी में निष्ठावान कार्यकर्ताओं की घोर उपेक्षा तथा भाई-भतीजेवाद के चलते पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रेषित किया है।
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए अपने इस्तीफे में द्वारीखाल ब्लॉक प्रमुख महेंद्र सिंह राणा ने कहा है कि मैं उत्तराखण्ड प्रदेश में विगत 25 वर्षों से लगातार कांग्रेस पार्टी का सक्रिय सदस्य रहा हूं तथा विगत 15 वर्षों से पार्टी संगठन में विभिन्न पदों पर रहते हुए पार्टी संगठन को अपनी सेवायें देता आ रहा हूं। वर्तमान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य तथा प्रदेश महामंत्री के रूप में तन-मन-धन से पार्टी संगठन की सेवा कर रहा हूं।
पार्टी में इतने लम्बे समय की सेवा के बाद मेरे द्वारा वर्ष 2017 एवं 2022 के विधानसभा चुनाव में यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी बनाये जाने हेतु टिकट की दावेदारी की गई तथा मुझे पूरा विश्वास था कि पार्टी नेतृत्व मेरी लम्बी सेवा को देखते हुए मुझे उपकृत करेगा, परन्तु पार्टी संगठन द्वारा मेरी लम्बी सेवा के बावजूद मेरी लगातार उपेक्षा की गई।
महेंद्र राणा (Mahendra Rana) ने कहा है कि वर्तमान में उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस संगठन में जिस प्रकार गुटबाजी एवं पुराने कार्यकर्ताओं की घोर उपेक्षा की जा रही है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस पार्टी संगठन में निष्ठावान एवं कर्मठ कार्यकर्ताओं की बजाय चाटुकारिता तथा भाई-भतीजावाद को तरजीह दी जा रही है, जिससे मेरे जैसे निष्ठावान कार्यकर्ता आहत हैं।
कांग्रेस पार्टी में लम्बी संगठनात्मक सेवा के उपरान्त अपनी घोर उपेक्षा तथा पार्टी संगठन में चल रही गुटबाजी से आहत होकर वे कांग्रेस पार्टी के सभी पदों तथा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देते हैं।
इस प्रकार प्रदीप कांग्रेस के लिए एक और करारा झटका लगा है। बताते चलें कि कॉन्ग्रेस वर्तमान में अपने नेताओं के पलायन से जूझ रही है। राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर पर बड़े-बड़े दिग्गज नेता पार्टी को छोड़कर अन्य दलों की शरण में जा रहे हैं। कांग्रेस से यदि लगातार इसी तरह बड़े जनाधार वाले नेताओं का पार्टी से किनारा करना जारी रहता है तो यह कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश की राजनीति के लिए भी शुभ संकेत के रूप में नहीं देखा जा रहा है।
बहरहाल अब देखना यह होगा कि खासे जनाधार वाले नेता द्वारीखाल प्रमुख महेंद्र राणा (Mahendra Rana) का अगला कदम क्या होता है!
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