Brics Shikhar Summit: ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए पीएम मोदी साउथ अफ्रीका रवाना, जानिए क्या है ब्रिक्स और इसमें कौन-कौन से देश जुड़े हैं
मुख्यधारा डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी दिल्ली से विशेष विमान से 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (Brics Shikhar Summit) में शामिल होने के लिए आज सुबह रवाना हो गए हैं। पीएम मोदी का यह विदेश दौरा 4 दिन का है। 25 अगस्त को प्रधानमंत्री ग्रीस भी जाएंगे।
दक्षिण अफ्रीका के शहर जोहानिसबर्ग में 22 से 24 अगस्त तक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। साल 2019 के बाद पहली बार ब्रिक्स देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेता एक मंच पर दिखाई देंगे।
कोरोना महामारी और उसके बाद के वैश्विक प्रतिबंधों के उभरने के बाद व्यक्तिगत रूप से आयोजित होने वाला पहला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होगा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि अभी दोनों नेताओं की मुलाकात पर सस्पेंस बरकरार है।
पीएम मोदी और शी जिनपिंग की आखिरी बार पिछले साल नवंबर में G-20 बैठक के दौरान मुलाकात हुई थी।
वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस समिट में आने से पहले ही मना कर चुके हैं। 14 साल पहले 2009 में बने समूह ब्रिक्स की बैठक इस बार काफी अहम मानी जा रही है। इसकी एकमात्र वजह इस संगठन का सदस्य बनने के लिए मची होड़ है।
लगभग 40 देशों ने संगठन में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है। इनमें सऊदी अरब, तुर्किये, पाकिस्तान और ईरान भी शामिल हैं। इस बार की बैठक का सेंटर पॉइंट समूह का विस्तार ही होगा। हालांकि, इसके पांच सदस्य देशों के बीच अभी इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है।
सम्मेलन के बाद अफ्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस डायलॉग किया जाएगा। इसमें दक्षिण अफ्रीका की ओर से आमंत्रित अन्य देश शामिल होंगे। इस बार की ब्रिक्स समिट के दो एजेंडा हैं। पहला- ब्रिक्स का विस्तार, दूसरा- ब्रिक्स देशों में अपनी करंसी में कारोबार। साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि हम ब्रिक्स के सदस्यों की संख्या बढ़ाने का समर्थन करते हैं।
ब्रिक्स दुनिया की पांच सबसे तेज अर्थव्यवस्थाओं का ग्रुप है, पहली बैठक साल 2009 में हुई थी
विदेश मंत्रालय के सचिव विनय क्वात्रा के मुताबिक ब्रिक्स समिट में ग्लोबल इकोनॉमिक रिकवरी, जियो पॉलिटिकल चैलेंज और काउंटर टेरेरिज्म पर बातचीत की जाएगी।
उन्होंने कहा जोहानिसबर्ग में अपने कार्यक्रम पूरे करने के बाद प्रधानमंत्री ग्रीस के प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर 25 अगस्त को आधिकारिक यात्रा के लिए ग्रीस जाएंगे। विदेश सचिव ने बताया पीएम मोदी की ग्रीस यात्रा के दौरान दोनों देश व्यापार, इंवेस्टमेंट, डिफेंस और सिक्योरिटी पार्टनर्शिप और बुनियादी ढांचे में सहयोग पर चर्चा करेंगे। इस यात्रा से दोनों देशों को फायदा होगा।
इस यात्रा से दोनों पक्षों को क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करने और द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक और मजबूत करने में मदद मिलेगी।
बता दें ब्रिक्स दुनिया की पांच सबसे तेज अर्थव्यवस्थाओं का ग्रुप है। ब्रिक्स का हर एक अक्षर एक देश का प्रतिनिधित्व करता है। ब्रिक्स में B से ब्राजील, R से रूस, I से इंडिया, C से चीन और S से साउथ अफ्रीका है। साल 2001 में गोल्डमेन सैक्स के अर्थशास्त्री जिम ओ’निल ने एक रिसर्च पेपर में BRIC शब्द का इस्तेमाल किया था।
BRIC में ब्राजील, रूस, इंडिया और चीन थे। साल 2006 में पहली बार ब्रिक देशों की बैठक हुई। उसी साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान इन चारों देशों के विदेश मंत्रियों की मीटिंग हुई तो इस समूह को ‘BRIC’ नाम दिया गयाब्रिक देशों की पहली शिखर स्तर की बैठक 2009 में रूस के येकाटेरिंगबर्ग में हुई थी।
इसके बाद 2010 में ब्राजील के ब्रासिलिया में दूसरी शिखर बैठक हुई। उसी साल इसमें साउथ अफ्रीका भी शामिल हुआ, तब ये BRIC से BRICS बन गया। ब्रिक्स का हेडक्वार्टर चीन के शंघाई में है। इसकी समिट हर साल होती है। ब्रिक्स की जब-जब बैठक होती है दुनिया के तमाम देशों की निगाहें लगी रहती है।