देहरादून/मुख्यधारा
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि पिछले पांच साल में प्रचंड बहुमत वाली भाजपा सरकार आम जनमानस की उम्मीदों पर खरा उतरने में पूरी तरह फेल रही है। सरकार ने जनता के सपनों को साकार करने की बजाय उसे निराश किया है।
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड की जनता ने जिस आशा और विश्वास के साथ 2017 के विधानसभा चुनाव में डबल इजन की सरकार बनाने के लिए भाजपा को 70 में से 57 विधायक देकर एक भारी बहुमत वाली सरकार दे कर राज्य में विकास का पहिया सरपट दौड़ने का मौका दिया था, भाजपा ने उस मौके का उपयोग जनता के हित में करने के बजाय राज्य के अंदर अपना कार्याकाल शुरू करने से लेकर अब तक के 55 महीनो में देवभूमि की जनता को बुरी तरह निराश किया है।
बिष्ट ने कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार की मिलीभगत से महगाई लगातार चरम पर है, दाल, तेल, सब्जी, दूध, डीजलय पेट्रोल और रसोई गैस के दामों में हर महीने लगातार बढ़ोतरी से गरीबो का जीना दूभर हो गया है, देश का भुखमरी का इन्डेक्स तीजी से बढ रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 में 116 देशों में भारत 55 वें स्थान पर था, 2021 में भारत 101 की पायदान पर पहुँच गया है। भुखमरी के अलावा बेरोजगारी में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर है, महिलाओं के साथ अनाचार में अपराधियों के अलावा भाजपा के नेता भी बराबर दौड़ में है, देश का किसान 10 माह से देश के राजधानी में डेरा डाले हुए है। उन्होंने कहा कि सरकार समाधान निकालने के बजाये अपने लोगों से किसानों को डराने धमकाने और गाड़ियों से कुचलने पर उतर आई है। लखीमपुर खीरी की घटना इसका ताजा उदहारण है।
जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि 1950 से 2014 तक की कांग्रेस की सरकारों ने देश में जो सैकड़ो सार्वजनिक उपक्रम और अनेको परिसंपत्तियों का सृजन किया था। केंद्र की भाजपा सरकार ने उन सभी सम्पत्तियों को कौड़ियो के दाम पर बेचने का संकल्प लेकर बिक्री शुरू कर दी है। देश आर्थिक बदहाली और बिकवाली के दौर में है? इन 55 महीनो में केन्द्र और राज्य के दोनों सरकारों ने उत्तराखंड के विकास को पूरी तरह बाधित कर दिया है।
विगत सप्ताह में सीमाओं की रक्षा करते हुए तथा आतंकवादियों से लड़ते हुए उत्तराखंड के 9 लाल शहीद हो गए। भाजपा सरकार में बैठे लोग शहीदों के परिजनों के जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय चुनावी तैयारियों और जशन मनाने की तैयारी में मगन हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 4 दिन पहले जारी अपने 100 दिन के कार्यकाल के उपलब्धि पत्र में एक भी उपलब्धि नहीं दिखाई दे रही है, बल्कि यह एक उपलब्धि पत्र के बजाय अगले चुनाव का घोषणा पत्र जैसा दिखाई देता है।
जोत सिंह बिष्ट ने कहा वे धनोल्टी विधानसभा क्षेत्र से हैं। वर्ष 2020 में कोरोना के लाकडाउन से मैं दिनरात क्षेत्र में घूम-घूम कर देख रहा हूं कि विगत कांग्रेस सरकार के समय में जो सड़क जहां तक बनाई गयी थी, वह उससे एक इंच आगे नहीं बढ़ी। खाद-सावली तथा लालुरी- विधायाकोट जैसी कई सड़कें इसका उदाहरण है। विधानसभा के अंतर्गत लगभग एक दर्जन से अधिक सड़कें वन भूमि हस्तातरण के निस्तारण का इन्तजार कर रही हैं। लगभग 27 सड़कें डामरीकरण का इन्तजार कर रही है। सरकार के नुमाइंदों या चहेतों की कारगुजारी के कारण स्थानीय ठेकेदारों के बजाय बाहरी ठेकेदारों को काम देकर स्थानीय लोगांे का रोजगार खत्म किया जा रहा है।
बिष्ट ने कहा कि लॉकडाउन के बाद विगत डेढ़ साल से 7 हजार से अधिक प्रवासी नौजवान बेरोजगार होकर घर में बैठे हुए हैं, उनको स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार या स्थानीय प्रतिनिधियों के पास कोई कार्ययोजना नहीं है। सरकार की नाकामी के कारण स्वास्थ्य सेवाए बदहाल है। महिलाओं को कई बार सड़कों पर खुले में प्रसव करना पड़ा है। कोरोना की रोकथाम, इलाज एवं टीकाकरण की बदहाली किसी से छुपी हुई नहीं है।
सरकार में बैठे लोगों की अक्षमता का एक उदहारण चारधाम यात्रा मार्ग के निर्माण से चंबा से चिन्यालीसौड़ तक लगभग 60 से अधिक गाँव के ग्रामीणों के मकानों, कृषि भूमि के नुकसान का आकलन नहीं किया जाना, डम्पिंग जोनो पर क्षमता से अधिक मलवा डालने, कई स्थानों पर अवैध डम्पिंग जोन बनाये जाने तथा सड़क का मलबा कई स्थानों पर टिहरी बांध के जलाशय में जाने जैसे अनियमितताओं के खिलाफ स्थानीय प्रतिनिधि, सरकार और प्रशासन की चुप्पी है। ऐसा प्रतीत होता है कि राजशे के समय की तरह बी०आर० ओ० और ठेकेदार कम्पनी मौरिसदार हैं तथा स्थानीय ग्रामीण इनके खायकर हैं। सरकार की लापरवाही, प्रशासन की उदासीनता के कारण बीआरओ व ठेकेदार कंपनी की तानाशाही से परेशान स्थानीय नागरिको की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
जोत सिंह बिष्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कहा जा सकता है कि सरकार की एकमात्र उपलब्धि 57 विधायकों के बावजूद राज्य को तीन मुख्यमंत्री देना और दलबदल करवाना है। ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
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