डोईवाला छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई के कार्यकर्ता सड़क पर उतर गए और सीएम व सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। यही नहीं डोईवाला मेन चौक पर मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका गया। इससे कुछ देर गहमागहमी का माहौल बन गया।
जानकारी के अनुसार अध्यक्ष पद का प्रत्याशी दलित परिवार का था। आरोप है कि प्रत्याशी की अच्छी पकड़ देख भाजपाइयों ने उसे डराने की कोशिश की व उसके परिवार को जेल में डालने की धमकी दी।
इस पर अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रोहन सहित एनएसयूआई के सभी प्रत्याशियों को अपना नामांकन वापस लेना पड़ा और मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना पड़ा। ऐसे में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशी निर्विरोध जीतने में कामयाब हो गए।
इस संबंध में एबीवीपी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रकाश कोठारी कहते हैं कि “रोहन के जाति प्रमाण पत्र में खामी थी, जिसके कारण उसने अपना नाम वापस ले लिया था। इसमें भाजपा अथवा एबीवीपी के द्वारा धमकाने की बात सही नहीं है।”
एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने आज अपने पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के नेतृत्व में दर्जनों की संख्या में सड़कों पर उतर कर मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए।