बिन्सर अभ्यारण्य में जिन्दा जले कर्मचारियों को 25-25 लाख मुआवजा व एक परिजन को नौकरी दे सरकार : करन माहरा - Mukhyadhara

बिन्सर अभ्यारण्य में जिन्दा जले कर्मचारियों को 25-25 लाख मुआवजा व एक परिजन को नौकरी दे सरकार : करन माहरा

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बिन्सर अभ्यारण्य में जिन्दा जले कर्मचारियों को 25-25 लाख मुआवजा व एक परिजन को नौकरी दे सरकार : करन माहरा

  • मुख्यमंत्री के निर्देश पर दो एयर एम्बुलेंस से एम्स दिल्ली शिफ्ट किये जायेंगे घायल चारों वनकर्मी
  • मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देगी उत्तराखंड सरकार

देहरादून/मुख्यधारा

उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने विगत दिवस अल्मोड़ा के बिनसर अभयारण्य इलाके में चार वन कर्मचारियों के जिन्दा जलने की घटना पर गहरा दु:ख जताया है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जिन्दा जले कर्मचारियों को 10 लाख नहीं, बल्कि 25-25 लाख का मुआवजा देने के साथ ही उनके परिवार से एक व्यक्ति को विभाग में नियुक्त किए जाने की मांग की है, ताकि वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सके।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर दो एयर एम्बुलेंस से एम्स दिल्ली शिफ्ट किये जायेंगे घायल चारों वनकर्मी

बिन्सर वन्यजीव विहार में वनाग्नि की चपेट में आकर झुलसे चार वन कर्मियों को हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी बेस अस्पताल से मुख्यमंत्री के विशेष निर्देशों पर दो एयर एम्बुलेंस से दिल्ली एम्स में शिफ्ट किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आज सुबह सीएम आवास में बैठक में इसके निर्देश दिए थे।

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कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने एक बयान जारी करते हुए अल्मोड़ा के बिनसर अभयारण्य इलाके में चार वन कर्मचारियों के जिन्दा जलने पर दु:ख व्यक्त करते हुए, मृत आत्माओं की शान्ति एवं शोक-संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि कुछ अन्य वन कर्मियों की झुलसने की खबर भी आई है, मैं उनकी शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना के साथ उत्तराखण्ड सरकार से उनके नि:शुल्क उपचार की मांग करता हॅू।

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अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में बर्न वार्ड के बिना कैसे होगा उपचार?

माहरा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में अल्मोड़ा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई थी, परन्तु ज्ञात हुआ है कि आज तक अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में बर्न वार्ड है ही नहीं तो आग से झुलसने वाले कर्मियों का उपचार कैसे होगा? उन्होंने कहा कि ऐसे ही हाल सभी मेडिकल कॉलेजों एवं अन्य अस्पतालों का है कहीं डाक्टर नहीं तो कहीं कर्मचारियों की कमी है और कहीं वार्ड नहीं हैं कही टेक्नीशियन नहीं है, ऐसे ही आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं का भी बुरा हाल है।

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करन माहरा ने कहा कि उत्तराखण्ड का कुल वन क्षेत्र लगभग 72 प्रतिशत है। कांग्रेस पार्टी लगातार केन्द्र सरकार से उत्तराखण्ड को ग्रीन बोनस देने की मांग करती आ रही है, ताकि राज्य में बंजर भूमि पर वृक्षारोपण किया जा सके, परन्तु आज तक भाजपा सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को ग्रीन बोनस नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि आज तक राज्य में वनों में लगी आग से लगभग 17 वनकर्मी की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने राज्य सरकार को कठधरे में खड़ा करते हुए कहा कि राज्य के जंगलों में काफी समय से आग लग रही है, पर वन विभाग आग को बुझाने के लिए कोई ठोस कदम नही उठा पाया रहा है, जिससे वन कर्मियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है जो काफी दु:खद है।

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आग से वनों को कैसा बचाया जा सकता है, इसके लिए सरकार ने अभी तक कोई ठोस नीति नहीं बनाई है, जिसका खामयाजा वन कर्मियों को अपनी मौत के रूप भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वनों में आग लगने से पेड़, पौधे जल रहे हैं, जिससे पीने के पानी के श्रोत लगातार सूख रहे हैं और जंगली जानवरों को भी काफी हानि पहॅुच रही है।

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करन माहरा ने कहा कि वनाग्नि पर काबू पाने के लिए सरकार के पास कोई भी ठोस कार्ययोजना नहीं है और न ही अस्थाई कर्मचारियों के लिए कोई फायर सूट ही है, न कोई बीमा योजना है। जिससे राज्य सरकार को सेना की मदद लेनी पड़ रही है। इससे साफ जाहिर है कि सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। उन्होंने राज्य की जनता से अपील करते हुए कहा कि हम सभी का भी कर्तव्य बनता है कि हम स्वयं भी आग को बुझाने में वनकर्मियों की मदद करें और उन लोगों को भी चिन्हित करें, जो वनों को आग के हवाले कर रहे हैं। यदि वन ही नहीं होंगे तो हमारा जीवन भी कहां से सुरक्षित रहेगा?

बताते चलें कि गत दिवस 13 जून को सिविल सोयम वन प्रभाग, अल्मोड़ा के अंतर्गत बिनसर वन्यजीव अभ्यारण्य में वनाग्नि नियंत्रण को बोलेरो वाहन से जाते समय 4 वन कर्मियों के हताहत होने एवं 4 कार्मिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हताहत होने वाले 4 कार्मिकों में 1 वन आरक्षी, 1 दैनिक श्रमिक, 1 पीआरडी श्रमिक तथा 1 फायर वाचर शामिल था। इसके अतिरिक्त 4 घायल वन कार्मिकों में 1 वाहन चालक, 1 दैनिक श्रमिक तथा 2 फायर वाचर हैं।

इस दुर्घटना में त्रिलोक सिंह मेहता पुत्र नारायण सिंह, वन बीट अधिकारी, बिन्सर वन क्षेत्र, सिविल, सोयम वन प्रभाग, अल्मोड़ा, निवासी उड़लगांव, बाड़ेछीना, दीवान राम पुत्र पनी राम, दैनिक श्रमिक, उम्र लगभग 35 वर्ष, निवासी ग्राम सौड़ा, कफडख़ान, अल्मोड़ा, करन आर्य पुत्र बिशन राम, फायर वॉचर, उम्र 21 वर्ष, पूरन सिंह पुत्र दीवान सिंह, पीआरडी जवान, उम्र लगभग 50 वर्ष, निवासी ग्राम कलौन, अल्मोड़ा की मौत हो गई थी।

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इसके अलावा कृष्ण कुमार पुत्र नारायण राम, फायर वॉचर, उम्र लगभग 21 वर्ष, निवासी ग्राम भेटुली, अल्मोड़ा, खाखरी कुन्दन सिंह नेगी पुत्र प्रताप नेगी पी0आर0डी0, उम्र 44 वर्ष, भगवत सिंह भोज पुत्र बची सिंह, चालक, उम्र लगभग 38 वर्ष, निवासी ग्राम भेटुली, अयारपानी, कैलाश भटट् पुत्र बद्री दत्त भटट्, दैनिक श्रमिक, उम्र लगभग 54 वर्ष निवासी ग्राम घनेली, अल्मोड़ा घायल हुए हैं। उक्त घायल कार्मिकों को उपचार हेतु हल्द्वानी रेफर किया गया था।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर दो एयर एम्बुलेंस से एम्स दिल्ली शिफ्ट किये जायेंगे घायल चारों वनकर्मी

बिन्सर वन्यजीव विहार में वनाग्नि की चपेट में आकर झुलसे चार वन कर्मियों को हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी बेस अस्पताल से मुख्यमंत्री के विशेष निर्देशों पर दो एयर एम्बुलेंस से दिल्ली एम्स में शिफ्ट किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आज सुबह सीएम आवास में बैठक में इसके निर्देश दिए थे।

विगत दिवस बिन्सर वन्यजीव विहार में वन कर्मियों की बोलेरो गाड़ी वनाग्नि की चपेट में आ गई थी। इस हादसे में चार वनकर्मियों की मृत्यु हो गई थी जबकि चार वनकर्मी झुलस गए थे जिन्हें एयर लिफ्ट कर हल्द्वानी अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन चारों वन कर्मियों को दो एयर एंबुलेंस से दिल्ली एम्स में भर्ती कराने के निर्देश दिए हैं।

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बताते चलें कि वनाग्नि की सूचना पर विन्सर गेट से चालक समेत कुछ 8 वन कर्मी वनाग्नि नियंत्रण हेतु विन्सर अभ्यारण में गये। कुछ किमी0 पश्चात विन्सर महादेव मंदिर के आगे 4 वन कर्मी वाहन से उतर गये तथा पहाड़ के नीचे वनाग्नि की स्थिति देखने लगे तभी अचानक तेज हवाओं के साथ नीचे से आती अग्नि की चपेट में आये इन चार वनकर्मियों की मौके पर ही मृत्यु हो गयी। वाहन में सवार अन्य चार वन कर्मी कुछ मीटर ही आगे गये होंगे, वह भी वाहन से कूदकर अपनी जान बचाने की कोशिस में, अग्नि की चपेट में आ गये और गंभीर रूप से घायल हो गये।

मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देगी उत्तराखंड सरकार

  • मुख्यमंत्री द्वारा मृतकों को 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा की गई है।
  • विश्व प्रकृति निधि (भारत) डब्ल्यू डब्ल्यू एफ (इंडिया) द्वारा मृतको को 3-3 लाख रुपये प्रदान किया जायेगा।
  • मृतको को दैवीय आपदा फंड से भी अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी।
  • भारतीय वन सेवा के अधिकारियों द्वारा भी एक-एक दिन का वेतन देने की घोषणा की है।
  • वाहन चालक संघ, वन आरक्षी संघ, सहायक कर्मचारी संघ, उप वन क्षेत्राधिकारी संगठन, वन क्षेत्राधिकारी संगठन तथा मिनिस्ट्रीरियल संघ द्वारा भी एक-एक दिन का वेतन देने की सहमति दी गई है।

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