हरियाली तीज (Hariyali Teej) : पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए सुहागिन महिलाएं रखती हैं व्रत, जानिए क्यों मनाया जाता है यह पर पर्व
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आज हरियाली तीज का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। करवा चौथ के बाद यह पर्व महिलाओं के लिए विशेष माना गया है। सावन के शुक्ल पक्ष की तीज पर सुहागन महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए ये व्रत रखती हैं।
भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। सभी महिलाएं इस दिन विशेष साज-श्रृंगार कर त्योहार मनाती हैं और व्रत-पूजा करती हैं। इस दिन महिलाएं घरों पर कई प्रकार के व्यंजन बनती हैं। जिसमें पूड़ी, कचौड़ी, हलवा, खीर बनाने की परंपरा है। महिलाएं रसोई में पकवान बनाने की तैयारियों में जुटी हुई हैं।
कहा जाता है कि यदि किसी जातक के वैवाहिक जीवन में किसी तरह की समस्या आ रही है तो उसे हरियाली तीज व्रत के दिन ‘स्वयंवर पार्वती मंत्र’ का जाप करना चाहिए। हरियाली तीज का त्योहार मुख्यतः उत्तर भारत में मनाया जाता है।
मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, हरियाली तीज के ही दिन माता पार्वती और भगवान शिव का पुनर्मिलन हुआ था, तब से यह हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है। हरियाली तीज का त्योहार सावन के महीने में आता है इसलिए माता पार्वती के साथ ही भगवान शिव की भी पूजा की जाती है और दोनों के आशीर्वाद से सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
हरियाली तीज मुख्य रूप से देवी पार्वती और भगवान शिव के अटूट रिश्ते को ध्यान में रखते हुए मनाया जाता है। इस दिन सोलह श्रृंगार करके, विवाहित महिलाएं वैवाहिक बंधन के लिए उनका आशीर्वाद मांगती हैं। सोलह श्रृंगार करने से उत्सव की भावना बढ़ जाती है, क्योंकि महिलाएं खुद को सजाने और पारंपरिक पोशाक पहनने में गर्व महसूस करती हैं।
हरियाली तीज केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं है, बल्कि एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक अवसर भी है। सोलह श्रृंगार से विवाहित महिलाओं में एकता और एकजुटता की भावना पैदा होती है। क्योंकि, वे दिन के दौरान विभिन्न अनुष्ठानों और उत्सवों में भाग लेती हैं।
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सोलह श्रृंगार हरियाली तीज उत्सव का एक अभिन्न अंग माना जाता है और विवाहित महिलाओं के जीवन में खुशहाली लाने का एक तरीका माना जाता है। हरियाली तीज के दिन हरे रंग का अधिक से अधिक प्रयोग करें।
इस दिन महिलाओं को हरे रंग के वस्त्र, हरी चूड़ियां और हरी बिंदी आदि से श्रृंगार करना चाहिए। हरे रंग को प्रगति और उल्लास का प्रतीक माना गया है। ऐसे में हरियाली तीज पर हरे रंग के प्रयोग से वैवाहिक जीवन में खुशी का आगमन होता है।
ज्योतिषविदों के अनुसार, हरियाली तीज की पूजा के लिए आज दो शुभ मुहूर्त हैं।
पहला शुभ मुहूर्त सुबह 07.30 बजे से सुबह 09.08 बजे तक रहेगा। इसके बाद, दोपहर 12.25 बजे से शाम 05.19 बजे तक पूजा का दूसरा शुभ मुहूर्त होगा।