उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटा दिया है।
बताते चलें कि बीपी 26 जून को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी, तब हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण के चलते पुख्ता व्यवस्थाएं न होने के कारण चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी।
उच्च न्यायालय ने कुछ प्रतिबंधों के साथ चार धाम यात्रा पर लगी रोक हटा दी है। अब केदारनाथ धाम में रोजाना 800 श्रद्धालु, बद्रीनाथ में 1200, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट के साथ ही वैक्सीन कि दोनों डोज वाला सर्टिफिकेट साथ रखना होगा।
आज हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य शासकीय अधिवक्ता सीएस रावत ने चार धाम यात्रा को लेकर जानकारी प्रस्तुत की।
इस दौरान याचिका करने वाले के अधिवक्ता शिव भट्ट ने चारों धामों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा संबंधी बिंदुओं को प्रमुखता से सामने रखा। इसके अलावा सरकार की ओर से चारधाम यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग की गई। सरकार ने पक्ष रखा कि कोविड-19 संक्रमण अब कम हो गया है। साथ ही व्यापारियों को होने वाले नुकसान से भी अवगत कराया गया। जिस पर न्यायालय ने चार धाम में आने वाले यात्रियों को आने से पहले रजिस्ट्रेशन करने के साथ ही कोविड-19 रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी अनिवार्य रूप से साथ रखना होगा।