चारधाम परिसर में रील्स व यूट्यूब वीडियो बनाकर व्यूज बढाने वाले ब्लॉगर्स की उम्मीदों पर फिरा पानी, बिना पंजीकरण के आने पर भी रोक, पढ़ें आदेश
- चारों धामों में अब श्रद्धालु मोबाइल का नहीं कर सकेंगे इस्तेमाल
- बिना पंजीकरण के आने पर भी लगी रोक
- 31 मई तक वीआईपी दर्शन भी नहीं होंगे
देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध चारधामों में यूट्यूब वीडियो व रील्स बनाकर अच्छे व्यूज बढाने की मंशा से आने वाले ब्लॉगर्स की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। इसको लेकर उत्तराखंड शासन ने आज आदेश जारी कर दिया है। चारों धामों के परिसरों के 50 मीटर दायरे में अब मोबाइल प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिससे न सोशल मीडिया के लिए वीडियोग्राफी हो सकती है और न ही रील्स बन सकेगी। इसके अलावा श्रद्धालुओं को उत्तराखंड पर्यटन की वेबसाइट पर पंजीकरण के बाद ही आने को कहा गया है।
बताते चलें कि इस बार केदारनाथ धाम के कपाटोद्घाटन अवसर पर ब्लॉगर्स काफी बड़ी संख्या में पहुंच गए थे औैर डोली के पास अपने कैमरों से वीडियो/रील्स बनाने लगे। इससे तीर्थयात्रियों को डोली दर्शन करने में काफी दिक्कतें हुई। इसके विरोध में तभी से आपत्ति जताई जा रही थी और सोशल मीडिया में भी इन ब्लॉगर्स की कड़ी आलोचना हो रही थी।
इस संबंध में आज उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक आदेश जारी किया है। जिसमें चारों धाम केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री में मोबाइल फोन पर बैन लगा दिया गया है। श्रद्धालु परिसर के 50 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा में इस वर्ष पिछले वर्ष से दोगुनी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रद्धालु उत्तराखंड पर्यटन की वेबसाइट पर पंजीकरण के बाद ही आएं। इससे व्यवस्थाओं में मदद मिलेगी।
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चारधाम यात्रा को लेकर कहा कि बहुत ज्यादा संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए आ रहे हैं। इस दौरान कई लोग ऐसे भी पहुंच रहे जो आस्था नहीं, बल्कि केवल घूमने के लिए आ रहे हैं और उनकी कुछ हरकतों की वजह से लोगों की आस्था को ठेस पहुंच रही है। कहा कि इस बात का विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि यहां आस्था को कोई ठेस न पहुंचाया। धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए सारी व्यवस्था की गई है। हम सभी प्रदेशों के मुख्य सचिव को पत्र भेज रहे हैं कि कोई श्रद्धालु अपंजीकृत वाहन में या अपंजीकृत तरीके से न आएं। बहुत सख्त जांच की जा रही है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा को लेकर अहम बैठक बुलाई।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली के जिला अधिकारी भी इस बैठक में जुड़े। सीएम धामी ने कहा कि बहुत ज्यादा संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए आ रहे हैं। इस दौरान कई लोग ऐसे भी पहुंच रहे जो आस्था नहीं, बल्कि केवल घूमने के लिए आ रहे हैं और उनकी कुछ हरकतों की वजह से लोगों की आस्था को ठेस पहुंच रही है। कहा कि इस बात का विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि यहां आस्था को कोई ठेस न पहुंचाया। धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होनी चाहिए।
वहीं दूसरी ओर भारी भीड़ को देखते हुए शुक्रवार को भी चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण नहीं होंगे। ऋषिकेश से गंगोत्री तथा यमुनोत्री धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को ऋषिकेश से आगे जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। सिर्फ बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के पंजीकरण वाले तीर्थ यात्रियों को ही यहां से जाने की अनुमति है।
बताते चलें कि 10 मई से शुरू हुई चार धाम यात्रा को लेकर धामी सरकार हर रोज सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समीक्षा कर रही है। सरकार की ओर से ऐसा इसलिए हो रहा है कि इस साल चार धाम के लिए श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड भीड़ उमड़ रही है।
कुल मिलाकर शासन द्वारा जारी किए गए इस आदेश की तीर्थयात्रियों के बीच काफी सराहना हो रही है।
31 मई, 2024 तक कोई भी ‘वीआईपी दर्शन’ नहीं करने का निर्णय