विज्ञान और अध्यात्म को साथ लाना जरूरी
देहरादून/मुख्यधारा
ग्राफिक एरा में आयोजित अंतर्राष्टीय संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने विज्ञान और अध्यात्म को साथ में ला कर कार्य करने का आह्वान किया।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में साइंस, स्पिरिचुअलिटी एण्ड सस्टेनेबिलिटी 2025 विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्टीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण को अध्यात्म से जोड़ने की जरूरत है तभी ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से बचा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि वृक्ष पर्यावरण के आधार हैं। इसके लिए युवाओं को आगे आकर वृक्ष सरंक्षण के लिए कदम उठाना चाहिए।
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ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह ने कहा कि विज्ञान आज के दौर पर कितने तेजी से आगे बढ़ रहा है एआई और रोबोट जैसी तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है लेकिन इन तकनीकों की स्थिरता के लिए अध्यात्म से जुड़े रहना जरूरी है। अगस्त्या फाउंडेशन टोकियो, जापान के हेड होशी ताकायुकी, महार्षि इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, लोवा यूएसए के डा. टोनी नादेर, युमलैक कुराकाओ, नीदरलैण्ड के डायरेक्टर लुईस अल्वारेज, अर्शा विद्या सत्संग, ह्यूस्टन यूएसए के डायरेक्टर प्रो. राज वेदाम, मैती आन्दोलन देहरादून के संस्थापक पद्मश्री कल्याण सिंह मैती, एप्रोप्रिएट टेक्नोलाॅजी इण्डिया के चेयरमैन डा. एस. पी. सिंह, हरिबोल के मैन्टर योगेश्वर पुष्करना, बर्ग टेक्नोलाजिस के संस्थापक देवेश बिज्लवाण ने अध्यात्म और विज्ञान से जुड़े विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर वर सोविनियर के साथ ही हिलिंग हैंड्स टू हिलिंग हार्ट, शेपिंग दा फ्यूचर थ्रू वेल्यु एजुकेशन, काॅन्शसनेस इस आल देयर, चेतना ही सब कुछ है पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। संगोष्ठी का आयोजन ग्राफिक एरा के डिपार्टमेण्ट ऑफ इन्वायरमेन्टल साइंस एण्ड डिपार्टमेण्ट ऑफ ह्यूमैनिटिज एण्ड सोशल साइंस ने इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ सस्टेनेबिलिटी, एप्रोप्रिएट टेक्नोलाॅजी इण्डिया, सुमनदीप विद्यापीठ और फ्यूचर आईकान दिल्ली के सहयोग से किया। कार्यक्रम में इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ सस्टेनेबिलिटी के चेयरपर्सन कुमार गौरव, डिपार्टमेण्ट आॅफ ह्यूमैनिटिज एण्ड सोशल साइंस की एचओडी प्रभा लामा, इन्वायरमेण्टल साइंस की एचओडी डा. प्रतिभा नैथानी, डा. प्रदीप शर्मा, डा. सुमन नैथानी, अर्चना बछेती, डा. निधि त्यागी और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. भारती शर्मा ने किया।
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