उत्तराखंड के जागेश्वर धाम, कैलाश पर्वत क्षेत्र चारों धामों की तर्ज पर होंगे विकसित, पीएम मोदी एक दिन पहले इन धार्मिक स्थलों पर गए थे
शंभू नाथ गौतम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिन पहले गुरुवार को उत्तराखंड के दौरे पर पहुंचे थे। यहां पर पीएम मोदी ने कई धार्मिक स्थलों का दौरा किया और साधना की। प्रधानमंत्री के इस दौरे के बाद उत्तराखंड में जागेश्वर धाम, पर्वती कुंड और कैलाश पर्वत क्षेत्र को विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है।
कैलाश दर्शन के बाद पीएम मोदी उत्तराखंड में धारचूला से 70 किमी दूर और 14000 फीट ऊपर बसे गुंजी गांव पहुंचे। यहां उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की। यह गांव अगले दो साल में बड़े धर्म नगर शिव धाम के रूप में विकसित हो जाएगा। कैलाश व्यू प्वाइंट, ओम पर्वत और आदि कैलाश के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का धारचूला के बाद यही सबसे बड़ा और अहम पड़ाव होगा। यहां बड़े यात्री निवास, होटल बनेंगे। भारतीय टेलीकॉम कंपनियों का नेटवर्क भी मिलेगा। गांव में होम स्टे बढ़ाए जाएंगे।
पीएम ने कहा कि इस मानसखंड में बागेश्वर, बैजनाथ, नंदा देवी, गोलू देवता, पूर्णागिरी, कसार देवी, कैंची धाम, कटारमल, नैनादेवी, नानकमत्ता, रीठा साहिब जैसे अनेकों देव स्थलों की श्रृखंला का वैभव मौजूद है। राष्ट्र रक्षा और आस्था की इस तीर्थभूमि पर आकर मैं धन्य हो जाता हूं। भगवान शिव का घर माने जाने वाले कैलाश पर्वत के दर्शन अब भारत से ही हो सकेंगे। इसके लिए अब चीन के कब्जे वाले तिब्बत जाने की जरूरत नहीं होगी। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों से कैलाश पर्वत साफ दिखाई देता है। यहां से पर्वत की हवाई दूरी 50 किलोमीटर है।
बता दें कि गूंजी गांव व्यास घाटी की उस जमीन पर है, जहां न भूस्खलन का खतरा है और न ही बाढ़ का। इस गांव में 20 से 25 परिवार ही रहते हैं। जो बमुश्किल अपना खर्च चला पाते हैं। पिथौरागढ़ डीएम रीना जोशी के मुताबिक गूंजी के दाएं तरफ से नाभीढांग, ओम पर्वत और कैलाश व्यू प्वाइंट का रास्ता जाता है, तो बाएं तरफ से आदि कैलाश और जौलीकॉन्ग का। इसीलिए, ये गांव कैलाश तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मुफीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अल्मोड़ा में स्थित जागेश्वर धाम में पहुंचने के बाद इस क्षेत्र को विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहली बार विश्व विख्यात जागेश्वर धाम में पहुंचे। वह करीब 25 मिनट तक जागेश्वर धाम रहे और मंदिर के गर्भ गृह में जाकर पूजा अर्चना की। यह धाम अल्मोड़ा से करीब 36 किलोमीटर की दूर है। यहां 124 छोटे और बड़े मंदिर हैं, जबकि हर साल धाम में हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। मंदिर परिसर में स्थापित मंदिरों में भी उन्होंने पूजा की, जिसमें जागेश्वर ज्योतिर्लिंग, हनुमान मंदिर, पुष्टि मैया, महामृत्युंजय बाबा, केदारनाथ मंदिर और बटुक भैरव आदि शामिल हैं। मान्यता है कि यहां लोगों की हर मनोकामना पूरी होती है। जागेश्वर धाम में देश-विदेश से श्रद्धालु रुद्राभिषेक, शिव वचन आदि के लिए पहुंचते हैं। पीएम ने कहा कि यहां आने से पहले मुझे पार्वती कुंड और जोगेश्वर धाम में पूजा अर्चना करने का सौभाग्य मिला। मैंने हर देशवासी के अच्छे स्वास्थ्य और विकसित भारत के संकल्प को मजबूत करने के लिए आशीर्वाद मांगा। मैंने प्रार्थना की कि उत्तराखंड के सारे सपने और संकल्प पूरे हों।
बता दें कि जागेश्वर धाम में बॉलीवुड फिल्म विवाह की शूटिंग भी हुई है। जबकि बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार के अलावा कई अभिनेता और नेता यहां पर आकर भगवान शंकर दर्शन कर चुके हैं।
पीएम ने कहा कि उनकी सरकार के प्रयास हैं कि मानसखंड को भी ऊंचाई पर लेकर जाना है। केदारखंड और मानसखंड को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जो लोग बदरीनाथ और केदारनाथ आएंगे वो जागेश्वर धाम, आदि कैलाश, और ओम पर्वत भी आसानी से आ सकें ये प्रयास किया जा रहा है। उनके इस दौरे से बाकी पर्यटक भी यहां तक पहुंचेंगे। मानसखंड माला मिशन शुरू किया गया है। इससे कुमाऊं के मंदिरों तक आवाजाही आसान होगी। बदरीनाथ और केदारनाथ आने वाले यात्री इस ओर जरूर आएंगे। अब मानसखंड में यात्रियों की संख्या जबरदस्त बढ़ने वाली है। अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड को 4,200 हजार करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। परियोजनाओं के शिलान्यास व लोकार्पण के बाद पीएम ने पिथौरागढ़ के स्पोर्ट्स स्टेडियम में देवभूमि की जनता को संबोधित किया।
पीएम ने पहाड़ के लोगों से जुड़ते हुए उनका उत्तराखंड से जुड़ाव का जिक्र किया। बता दें कि, पीएम मोदी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजली, पेयजल, खेल एवं पर्यटन, आपदा प्रबंधन और बागवानी से जुड़ी कुल 23 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया है। पीएम ने कहा कि उत्तराखंड के गांव-गांव में गंगा-गंगोत्री है, यहां के हिमशिखरों में शिवजी और नंदा विराजते हैं। यहां के मेले विशिष्ठ पहचान रखते हैं। पांडव नृत्य, छोलिया, मांगल गीत, फूलदेई, हरेला, बग्वाल, और रम्माण जैसे सांस्कृतिक आयोजन से देवभूमि समृद्ध है।
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वहीं, स्वाद के मामले में भी पहाड़ों का कोई मुकाबला नहीं। रोट, अरसे, झंगोरे की खीर, कफली, पकौड़े, रायता, अल्मोड़ा की बाल मिठाई, सिंगोरी का स्वाद कौन भूल सकता है। अपने दौरे की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी ने आदि कैलाश का दर्शन करके की । इसके बाद पीएम गुंजी गांव पहुंचे, जहां उन्होंने ग्रामीण महिलाओं, बच्चों से मुलाकात की। यहां भारतीय सेना, आईटीबीपी और बीआरओ के जवानों संग भी समय बिताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सीमा से सटे गुंजी गांव में लोगों से मुलाकात की। छोटे-छोटे बच्चों से लेकर महिलाओं से पीएम मोदी ने बातचीत की। इस दौरान एक बुजुर्ग महिला ने पीएम मोदी के सिर पर हाथ फेरते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया।