कर्नाटक चुनाव परिणाम (Karnataka Election Result): रुझानों में कांग्रेस सरकार बनाने की ओर बढ़ रही, मतगणना जारी
पार्टी के नेताओं में जश्न का माहौल, भाजपा खेमा छाई मायूसी
मुख्यधारा डेस्क
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है। रुझानों में कांग्रेस पार्टी राज्य में सरकार बनाती हुई दिख रही है। अब तक आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस 117 सीटें और भाजपा 76 सीटों पर आगे चल रही है। कर्नाटक विधानसभा की सभी 224 सीटों पर रुझान आ गए हैं। चुनाव आयोग द्वारा जारी रुझानों में कर्नाटक में बीते 38 सालों का ट्रेंड बदलता नहीं दिख रहा है।
ट्रेंड के अनुसार एक बार फिर राज्य में सरकार बदलती रही है। रुझानों में कांग्रेस ने बड़ी बढ़त बनाते हुए बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। भाजपा सरकार के कई कैबिनेट मंत्री पीछे चल रहे हैं। बेंगलुरु में भी भाजपा पिछड़ गई है।
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वहीं, जेडीएस केवल 24 सीटों पर आगे है। इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, कांग्रेस 117, भाजपा 76, जेडीएस 24 और अन्य 7 सीटों पर आगे है। यानी कांग्रेस अभी बहुमत के आंकड़े 113 के पार चल रही है। कांग्रेस को 42.9%, भाजपा को 36.2% और जेडीएस को 13% वोट मिलते दिख रहे हैं। रुझानों को देखते हुए कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को बेंगलुरु पहुंचने को कहा है।
उधर, जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि भाजपा या कांग्रेस किसी भी पार्टी ने उनसे संपर्क नहीं किया है।एग्जिट पोल्स की बात करें तो 10 में से 5 में हंग असेंबली की भविष्यवाणी की गई है। चार में कांग्रेस को तो एक में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बताया गया है।
राज्य में 38 साल से सत्ता रिपीट नहीं हुई है। आखिरी बार 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व वाली जनता पार्टी ने सत्ता में रहते हुए चुनाव जीता था। वहीं, पिछले पांच चुनाव (1999, 2004, 2008, 2013 और 2018) में से सिर्फ दो बार (1999, 2013) सिंगल पार्टी को बहुमत मिला। भाजपा 2004, 2008, 2018 में सबसे बड़ी पार्टी बनी। उसने बाहरी सपोर्ट से सरकार बनाई।
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10 मई को 224 सीटों के लिए 2,615 उम्मीदवारों के लिए 5.13 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले। चुनाव आयोग के मुताबिक, कर्नाटक में 73.19% मतदान हुआ है। यह 1957 के बाद राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा है। 2018 में भाजपा ने 104, कांग्रेस ने 78 और जेडीएस ने 37 सीटें जीती थीं। किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था।
भाजपा से येदियुरप्पा ने 17 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन सदन में बहुमत साबित न कर पाने की वजह से 23 मई को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार बनी। 14 महीने बाद कर्नाटक की सियासत ने फिर करवट ली। कांग्रेस और JDS के कुछ विधायकों की बगावत के बाद कुमारस्वामी को कुर्सी छोड़नी पड़ी। इन बागियों को येदियुरप्पा ने भाजपा में मिलाया और 26 जुलाई 2019 को 119 विधायकों के समर्थन के साथ वे फिर मुख्यमंत्री बने, लेकिन 2 साल बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
भाजपा ने बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कर्नाटक में जो माहौल दिखा था आज उसी का नतीजा कर्नाटक के चुनाव परिणाम में स्पष्ट दिख रहा है।
यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने शानदार कैंपेन किया। कर्नाटक ने सांप्रदायिक राजनीति को नकार कर विकास की राजनीति को चुना है।
आने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भी इसकी पुनरावृत्ति होगी। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘अभी तक जो ख़बर है कांग्रेस का बहुत अच्छा प्रदर्शन है। निश्चित तौर पर कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनेगी। बीजेपी का प्रयास रहेगा कि अन्य पार्टियों से मिलकर खरीद फरोख्त करें।
कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में मिठाई बांटी। उन्होंने कहा, इस चुनाव में पीएम मोदी को आगे रखकर वोट मांगा गया था, यह मोदी की हार है। बजरंग बली की गदा भ्रष्टाचारियों के सिर पर पड़ी। कांग्रेस नेता अलका लांबा ने राहुल गांधी की गदा लिए फोटो शेयर की है। यह फोटो भारत जोड़ो यात्रा के दौरान की है।
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा, मैंने पहले ही कहा था कि अगर मोदी भी आ गए, तो कुछ नहीं होगा। देखिए यही हुआ। हम 120 सीटों पर आगे चल रहे हैं। ऐसी ही हमें उम्मीद थी कि हमें बहुमत मिलेगा।