आम बजट : जानिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की टीम में वह कौन से योग्य अफसर हैं, जिनकी बजट तैयार करने में रहती है अहम भूमिका
मुख्यधारा डेस्क
बजट को लेकर पूरे देश भर में हलचल है। मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर आज पर होने वाला आम बजट ट्रेंड हो रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करने वाली हैं ।
तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद मोदी सरकार का यह पहला बजट है। इसे पूर्ण बजट के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। बता दें कि बजट की तैयारी कई महीने पहले से शुरू हो जाती है। इस बजट पेश करने के लिए लंबी तैयारी करनी पड़ती है। सैकड़ों अधिकारियों, कर्मचारियों की टीम बजट तैयार करने में लगी होती है। वित्त मंत्रालय आमतौर पर सभी मंत्रालयों, केंद्र शासित प्रदेशों, राज्यों और स्वायत्त संस्थाओं को सितंबर-अक्टूबर के आसपास केंद्रीय बजट के लिए अपनी मांगें और सिफारिशें भेजने के लिए परिपत्र जारी करता है, बजट आमतौर पर 1 फरवरी को पेश किया जाता है। बजट पेश होने से कुछ दिन पहले, सरकार में ‘हलवा समारोह’ आयोजित करने की परंपरा है, जो बजट दस्तावेज की छपाई की शुरुआत का प्रतीक है। हलवा समारोह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वित्त मंत्रालय में तालाबंदी की शुरुआत का भी प्रतीक है, जिसका अर्थ है कि किसी भी अधिकारी को मंत्रालय परिसर से बाहर जाने की अनुमति नहीं है।
संसद में वित्तीय दस्तावेज पेश किए जाने के बाद ही बजट टीम के सभी लोगों को बाहर जाने की अनुमति दी जाती है। नॉर्थ ब्लॉक में स्थित बेसमेंट के अंदर केंद्रीय बजट की छपाई 1980 से एक स्थायी विशेषता रही है। केंद्रीय बजट 2024 तैयार करने में सबसे बड़ी भूमिका में वित्त मंत्रालय के सचिव टीवी सोमनाथन शामिल हैं। वो फाइनेंस सेक्रेटरी और डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर का काम देखते हैं। उन्हें पीएम मोदी का खास माना जाता है। वो पहले भी कई बजट में अहम भूमिका निभा चुके हैं।
निर्मला सीतारमण की टीम में 1987 के आईएएस ऑफिसर अजय सेठ भी शामिल हैं। सेठ फिलहाल वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स में सेक्रेटरी हैं। भारत के पहले ग्रीन सॉवरेन ग्रीन ब्रांड को लाने में इसकी अहम भूमिका रही है।
इसके अलावा 1994 बैच के आईएएस अधिकारी अरविंद श्रीवास्तव भी टीम सीतारमण में शामिल हैं। वो वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालयों का काम देखते हैं। बजट 2024 को तैयार करने में श्रीवास्तव की बड़ी भूमिका है। टीम सीतारमण में तुहिन कांत पांडे भी शामिल हैं। पांडे निवेश एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव हैं। वो एअर इंडिया की बिक्री और एलआईसी का आईपीओ लाने में भी बड़ी भूमिका निभा चुके हैं। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन भी टीम सीतारमण में शामिल हैं। मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट को तैयार करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई हैं। इससे पहले नागेश्वरन ने जी 20 समिट को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
उल्लेखनीय है कि बजट शब्द फ्रांस के बुजे (Bougette) से निकला है, जिसका मतलब है चमड़े का बैग। ऐसा माना जाता है कि सरकार और उद्योगपति अपने कमाई और खर्च के दस्तावेज चमड़े के बैग में रखते हैं, इसलिए वित्त मंत्री भी अपने दस्तावेज एक चमड़े के बैग में लेकर संसद पहुंचते हैं। ब्रिटेन में इस शब्द के इस्तेमाल होता रहा है जो आगे भारत तक पहुंच गया। बजट एक साल का लेखा-जोखा होता है। बजट पेश करने से पहले एक सर्वे से कराया जाता है, जिसमें सरकार की कमाई का अनुमान लगाया जाता है। बजट में सरकार अनुमान लगाती है कि उसे प्रत्यक्ष कर, अप्रत्यक्ष कर, रेलवे के किराए और अलग-अलग मंत्रालय के जरिए कितनी कमाई होगी।
सर्वे में यह भी पता लगाया जाता है कि आगामी साल में सरकार का कितना खर्च अनुमानित होगा।