पांच दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आखिरी दिन, कृषि को नवाचार से जोड़ने पर मंथन
देहरादून/मुख्यधारा
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के आखिरी दिन आज विशेषज्ञों ने कृषि को नवाचार से जोड़ने की रणनीतियों पर मंथन किया।
यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन कृषि व पशुधन में नवाचार पर आयोजित किया गया। सम्मेलन में यूरोप व देश भर से आये विशेषज्ञों , शोधकर्ताओं व छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। सम्मेलन को आज उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र की निदेशक प्रो. अनिता रावत ने मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा कि पहाड़ों का पर्यावरण सेल्फ-संस्टेनिंग है। यहां के लोगों की जरूरतें सीमित हैं लेकिन प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग अगर जरूरत से ज्यादा होगा तो आपदाओं जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि बच्चों में कम उम्र से ही क्रिटिकल थिंकिंग का कौशल विकसित करना चाहिए। इससे बच्चे भविष्य में सामाजिक चुनौतियों का हल निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगे। सम्मेलन में यूरोपियन बायोइनफोरमेटिक्स इंस्टीट्यूट यूनाईटेड किंगडम के विशेषज्ञों डा. जाॅर्ज बतिस्ता दा रोचा व डा. लुईस पावलो मिराबुएनो ने विश्वविद्यालय की तैयारियों को सराहा।
पांच दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को सूक्ष्म जैविकी में जिनोमिक व कम्प्यूटेशनल जीव विज्ञान की भूमिका, जिनोमिक उपकरणों से पेड़ों की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण, पारम्परिक खेती के महत्व, मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए फसल विविधीकरण, साहीवाल गाय जैसे विभिन्न विषयों पर जानकारी दी। इन विशेषज्ञों में डा. सुचेता त्रिपाठी, डा. मोधुमिता दासगुप्ता, डा. आर. के. गौतम, डा. लेख चंद, डा. शिवे कुमार और डा. प्रियांक वत्स शामिल हैं। सम्मेलन में 120 शोधपत्र व पोस्टर प्रदर्शित किए गए। शोधपत्र प्रतियोगिता की विभिन्न थीमों में नामिनी जोशी, डा. बिजेता और डा. मानसी ने पहला स्थान हासिल किया। पोस्टर प्रतियोगिता की विभिन्न थीमों में पार्वती थापा, डायलाबोया लुकरम व शायक थायर बाशा को प्रथम पुरूस्कार दिया गया। सम्मेलन में डा. पारूल चैधरी व डा. पल्लवी जोशी को यंग वुमेन साइंटिस्ट के पुरूस्कार से सम्मानित किया गया।
अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ एग्रीकल्चर ने यूरोपियन बायोइनफोरमेटिक्स इंस्टीट्यूट के सहयोग से किया। सम्मेलन में कार्यक्रम संयोजक व डीन डा. एम. के. नौटियाल, आयोजन सचिव व एचओडी डा. अरविन्द सिंह नेगी, सोसायटी फोर प्लांट रिसर्च के संस्थापक अध्यक्ष डा. एस. के. भटनागर के साथ डा. दीपक खोलिया, डा. विवेक पाठक और डा. अनिता सिंह भी मौजूद रहे। संचालन डा. बलवंत रावत ने किया।
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