शीतकालीन सत्र : मोदी सरकार आज लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पेश करेगी, कांग्रेस-सपा समेत विपक्षी दलों ने किया विरोध

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शीतकालीन सत्र : मोदी सरकार आज लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पेश करेगी, कांग्रेस-सपा समेत विपक्षी दलों ने किया विरोध

मुख्यधारा डेस्क

संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को मोदी सरकार लोकसभा में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक पेश करने जा रही है। भाजपा ने अपने सभी लोकसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया।

लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक डॉ. संजय जायसवाल ने पत्र जारी करते हुए सभी सांसदों को मंगलवार को लोकसभा में उपस्थित रहने के लिए कहा है। उधर राज्‍यसभा में आज भी ‘संविधान पर चर्चा’ होगी। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आज लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश संशोधन विधेयक पेश करेंगे। विधेयक को चर्चा के लिए संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) के पास भेजे जाने की तैयारी है।

वहीं, कांग्रेस ने अपने लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई है। विपक्ष लगातार वन नेशन, वन इलेक्शन का विरोध करता आ रहा है। फिलहाल लोकसभा में आज की कार्यवाही काफी हंगामेदार रहने वाली है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विरोध का एलान कर दिया है।

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शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ये बिल संविधान के खिलाफ है। ये संविधान पर हमला है. चुनाव की प्रक्रिया के साथ छेड़खानी है। बीजेपी पावर सेंट्रलाइज्ड करना चाहती है। कितना कॉस्ट इफेक्टिव रहेगा, हमें ये पता नहीं है। हम इस बिल का विरोध करेंगे।वन नेशन, वन इलेक्‍शन बिल पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश का कहना है, ‘कांग्रेस पार्टी एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक को दृढ़ता से खारिज करती है। हम इसे पेश करने का विरोध करेंगे. हम इसे संयुक्त संसदीय समिति में भेजने की मांग करेंगे। हमारा मानना है यह असंवैधानिक है। हमारा मानना है कि यह बुनियादी ढांचे के खिलाफ है और इसका मतलब इस देश में लोकतंत्र और जवाबदेही का गला घोंटना है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने 17 जनवरी को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखा था कि कांग्रेस पार्टी इस विचार पर आपत्ति क्यों कर रही है? एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक केवल पहला मील का पत्थर है, असली उद्देश्य एक नया संविधान लाना है, लेकिन एक संविधान लाना आरएसएस और पीएम मोदी का असली उद्देश्य है।एक राष्ट्र, एक चुनाव, केवल पहला कदम है, असली कदम इस संविधान को पूरी तरह से बदलना है, इस संविधान के स्थान पर एक नया संविधान लाना है। हम इसी का विरोध कर रहे हैं। वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले का कहना है, हम मांग कर रहे हैं कि बिल जेपीसी में जाना चाहिए और चर्चा होनी चाहिए। हमारी पार्टी जेपीसी की मांग कर रही है।

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बता दें कि 20 दिसंबर तक संसद का शीतकालीन सत्र है। इससे पहले यह चर्चा चली थी कि सोमवार को लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पेश हो सकता है। हालांकि, सोमवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पेश नहीं किया गया। उल्लेखनीय है कि 12 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस बिल को मंजूरी दे दी गई थी।

कैबिनेट ने दो ड्रॉफ्ट कानूनों को मंजूरी दी थी, इसमें से एक संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से संबंधित है, जबकि दूसरा विधेयक विधानसभाओं वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों के एक साथ चुनाव कराने के संबंध में हैं।

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