मुख्यधारा ब्यूरो
पुरोला। कुमोला सामुदायिक चिकित्सालय के भवन में अवैध रूप से चीड़ और देवदार की लकड़ी रखने का मामला संज्ञान में आया है। शिकायत मिलने पर उपजिलाधिकारी व डीएफओ ने मौके पर पहुंचकर लकड़ी बरामद की है। मामले में चिकित्सालय प्रबंधन की तहरीर राजस्व पुलिस चौकी देवडुंग में नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया है। वहीं वन विभाग ने इन इमारती लकडिय़ों को जब्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुरोला विकासखण्ड के कोरना गांव के स्वास्थ्य विभाग के भवन में चीड़ व देवदार की लकड़ी रखे होने की शिकायत मिलने पर शनिवार को उपजिलाधिकारी व डीएफओ ने मौके पर पहुंचे और चीड़ एवं देवदार के तख्ते, फ्रेम बरामद कर सीज कर दिए।
दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग ने भी भवन का ताला तोडऩे व लकड़ी रखने के आरोप में राजस्व पटवारी चौकी खाबली सेरा में हरिमोहन नेगी पुत्र विजेंद्र नेगी निवासी कोरना के खिलाफ तहरीर देकर प्राथमिकी दर्ज करवाई है।
शनिवार को उपजिलाधिकारी मनीष कुमार को कोरना गांव के स्वास्थ्य विभाग भवन में कई दिनों से लकड़़ी रखे होने की शिकायत मिली थी, जिस पर उपजिलाधिकारी व टौंस वन प्रभाग के डीएफओ सुबोध काला मय राजस्व, वन विभाग टीम के साथ कोरना गांव स्वास्थ्य भवन में पहुंचे, जहां से देवदार तख्ते, चिरान की गई तख्ते व दरवाजे, खिड़कियों के फ्रेम बरामद किए गए, जिन्हें सीज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
प्रभागीय वनाधिकारी सुबोध काला ने बताया कि शिकायत पर पहुंची टीम द्वारा स्वास्थ्य विभाग के भवन में रखी देवदार की लकड़़ी के दरवाजे व खिड़कियों के फ्रेम, तख्ते बरामद किये गये हैं, जो कि लगभग 2 क्यूबिक मीटर है। देवदार की लकड़ी अधिकांश पुराने मकान की हैं व नई चीड़ की लकड़ी हैं, जो गांव के हरिमोहन नेगी की बताई जा रही है। जिनका पुराने मकान का जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है। लकड़ी को सीज कर मामले की जांच की जा रही है।
राजस्व उपनिरीक्षक उपेंद्र सिंह राणा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के फार्मेसिस्ट की तहरीर पर हरिमोहन नेगी पुत्र विजेंद्र नेगी के खिलाफ राजस्व पटवारी चौकी खाबली सेरा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है तथा मामले की जांच की जा रही है।
उपजिलाधिकारी मनीष कुमार का कहना है कि इसमें लकड़ी अवैध रूप से रखी गयी या अनुमति के साथ, अभी यह जांच का विषय है।
वहीं जब इस संबंध में नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मेरे पैतृक मकान का कार्य नवम्बर से चल रहा था। पास में ही सामुदायिक चिकित्सालय का आवासीय परिसर है, जो कई वर्षों से खंडहर पड़ा था। मैंने मौखिक स्वीकृति लेकर अपनी पुरानी लकड़ी वहां रखी थी, जिससे किसी को कोई आपत्ति या नुकसान नहीं हो रहा था। मैंने सरकारी संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुचांया है। मेरे विरोधी मुझे बदनाम करने के लिए यह सब षड्यंत्र रच रहे हैं और पॉलिटिकल प्रेशर के कारण ही मेरे खिलाफ ऐसा करवाया जा रहा है।