लालढांग में 'बाल साहित्य और सामाजिक सरोकार (Children's literature and social concern) ' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू, 11 पुस्तकों का लोकार्पण - Mukhyadhara

लालढांग में ‘बाल साहित्य और सामाजिक सरोकार (Children’s literature and social concern) ‘ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू, 11 पुस्तकों का लोकार्पण

admin
l 1

लालढांग में ‘बाल साहित्य और सामाजिक सरोकार (Children’s literature and social concern) ‘ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू, 11 पुस्तकों का लोकार्पण

  • बाल कवि सम्मेलन में 22 बच्चों ने पढ़ी स्वरचित कविताएं
  • 11 राज्यों के 100 साहित्यकारों ने की सहभागिता

लालढांग(हरिद्वार)/मुख्यधारा

नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावास लालढ़ांग तथा अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी व बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा लालढांग में आयोजित राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी में देश के विभिन्न राज्यों के साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया।

l 2

‘बाल साहित्य और सामाजिक सरोकार ‘ विषय पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता करते हुए एम बी पी जी कालेज हल्द्वानी की हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. प्रभा पंत ने कहा कि इलैक्ट्रानिक मीडिया के आज के दौर में संयुक्त परिवारों के विघटन, शहरीकरण तथा रोजगार के लिए माता-पिता दोनों का घर से बाहर रहने व मोबाइल के प्रचलन से बच्चों को दादा -दादी व माता पिता से प्राकृतिक प्यार नही मिल रहा है । बच्चे मिट्टी पानी व प्रकृति से खेलने के बजाय वीडियो गेम से मार धाड़ व हिंसक प्रवृति के हो रहे हैं ।

यह भी पढें : उत्तराखंड की एक गुमनाम बुग्याल (Bugyal) स्वर्ग से भी ज्यादा खूबसूरत हैं

प्रतापगढ़ से आए दयानंद मौर्य ने कहा कि अब बच्चों को दादा दादी की कहानी सुनने को नही मिलती है । सिक्किम से आई मीना सुब्बा ने कहा कि आज का अभिभावक बच्चों को पैसा कमाने की मशीन बतौर इंजीनियर व डाक्टर बनाना चाहता है । जबकि जरूरत है कि बच्चा एक अच्छा इंसान बने इसके लिए प्रयास किए जाने की जरूरत है । संगोष्ठी की शुरुआत ‘ज्ञान का दीया जलाने’ समूह गीत से हुई ।

‘उत्तराखंड का बालसाहित्य ‘ विषय पर आयोजित सत्र में राजकिशोर सक्सेना ,के पी एस अधिकारी ,हरिमोहन,आनंदसिंह बिष्ट , प्रमोद तिवारी आदि ने संबोधित किया । संचालन डॉ महेंद्र प्रताप पांडे ‘नंद’ ने किया।

‘बालसाहित्य और सामाजिक सरोकार ‘ विषय पर आयोजित संगोष्ठी से पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावास के बच्चों ने दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया । इस अवसर पर आयोजित बाल कवि सम्मेलन में 22 बच्चों ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया।

यह भी पढें : आसान नहीं चार धाम की यात्रा (Char Dham Yatra)

बाल कवि सम्मेलन का संचालन करनपाल व उत्तम ने किया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावास के अधीक्षक योगेश्वर सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए छात्रावास के बारे में जानकारी दी।

इस अवसर पर बालप्रहरी पत्रिका के नए अंक, प्रो प्रभा पंत, राज सक्सेना, रामलखन प्रजापति, डॉ रमेश आनंद, डॉ आर पी सारस्वत , स्नेहलता, रत्ना लक्सम, डॉ चंद्रावती जोशी आदि सहित 11 पुस्तकों का लोकार्पण हुआ । बालप्रहरी व बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा देश की 85 दुर्लभ बाल पत्रिकाओं की प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रही।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावास लालढ़ांग के बच्चों द्वारा तैयार हस्तलिखित पुस्तकों व अन्य रचनात्मक गतिविधियों की प्रदर्शनी को सभी ने सराहा। सायंकालीन सत्र में हरदेव सिंह की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी हुई।

यह भी पढें : Hill Station Kausani: उत्तराखंड का ‘कौसानी’ पर्यटकों से हुआ गुलजार, सुकून और ताजगी का एहसास कराती हैं हरी-भरी वादियां

इस अवसर पर शशि ओझा(भीलवाड़ा ),महेंद्र भट्ट (ग्वालियर ), किसान दीवान (छत्तीसगढ़ ), डॉ मेजर शक्तिराज(सिरसा),सुरेखा शर्मा (गुरुग्राम), लखन प्रतापगढ़) प्रकाश जोशी ( अल ),महेंद्र सिंह राणा ( पौड़ी ),डॉ इंदु गुप्ता (फरीदाबाद ),सुशील सरित(आगरा ), रावेंद्र रवि(खटीमा ) रत्ना लक्सम (सिक्किम ), गोविंद शर्मा (संगरिया), राकेश चक्र (मुरादाबाद )कविता मुकेश (बीकानेर ) हीरा लाल साहनी(दरभंगा),वेद मित्र शुक्ल (दिल्ली )आदि उपस्थित थे ।आज अलग-अलग सत्रों का संचालन डॉ महेंद्र प्रताप पांडे ‘नंद’,नीरज पंत व इंदु तिवारी ‘इंदु ‘ ने किया।

Next Post

अविस्मरणीय कार्य, दो सौ साल पहले उत्तराखण्ड की “जसूली” ने बना डाली 400 धर्मशालाएं

अविस्मरणीय कार्य, दो सौ साल पहले उत्तराखण्ड की “जसूली” ने बना डाली 400 धर्मशालाएं डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला दून विश्वविद्यालय, देहरादून, उत्तराखंड ब्रिटिश शासन काल 19 वीं शताब्दी में एक महा दानवीरांगना, महान समाज सेविका उत्तराखण्ड के सुन्दरतम हिम पर्वत […]
jaaaa

यह भी पढ़े