Hill Station Kausani: उत्तराखंड का 'कौसानी' पर्यटकों से हुआ गुलजार, सुकून और ताजगी का एहसास कराती हैं हरी-भरी वादियां - Mukhyadhara

Hill Station Kausani: उत्तराखंड का ‘कौसानी’ पर्यटकों से हुआ गुलजार, सुकून और ताजगी का एहसास कराती हैं हरी-भरी वादियां

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Hill Station Kausani: उत्तराखंड का ‘कौसानी’ पर्यटकों से हुआ गुलजार, सुकून और ताजगी का एहसास कराती हैं हरी-भरी वादियां

मुख्यधारा डेस्क

इन दिनों पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है। हर साल गर्मी से बचने के लिए लोग पहाड़ की ओर रुख करते हैं।

जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सैर पर निकले हुए हैं। चार धाम यात्रा में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है। उत्तराखंड में कई ऐसे हिल स्टेशन है जहां सैलानियों की भारी भीड़ है। उत्तराखंड का ऐसे ही एक खूबसूरत हिल स्टेशन है कौसानी।

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यहां हर साल गर्मियों में देश और विदेश से लाखों टूरिस्ट आते हैं और कौसानी की सैर करते हैं। यहां के सौंदर्य और प्रकृति के अद्भुत नजारों की तारीफ करना नहीं भूलता। हिंदी के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म यहीं हुआ था। इन दिनों कौसानी में पर्यटकों की भारी भीड़ है सारे होटल खचाखच भरे हुए हैं।

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कौसानी से हिमालय की चोटियों के शानदार और मनोरम दृश्य दिखाई दे रहे हैं। पर्यटक चीड़ के घने पेड़ों से घिरी कौसानी से बैजनाथ कत्यूरी, सोमेश्वर और गरुड़ की सुंदर घाटियों का अद्भुत नजारे का अवलोकन कर रहे हैं। तराई में गर्मी चरम पर है। वहीं, पहाड़ का मौसम अभी भी सुहावना बना हुआ है।

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सुबह-शाम की ठंडी हवाएं पर्यटकों को यहां बांधे हुए हैं। इसके अलावा बैजनाथ, बागेश्वर में भी चहल-पहल बढ़ गई है। पिंडारी ग्लेशियर की साहसिक यात्रा पर भी निकल रहे हैं। जिससे व्यापारी और स्थानीय लोगों के चेहरे खिले हुए हैं।

रुद्रधारी जलप्रपात, के अलावा पर्यटक् हिमालय की नंदा देवी और नंदा घुटी जैसी चोटियों का आनंद ले रहे हैं। भगवान बैजनाथ को चिकित्सकों के भगवान की संज्ञा दी जाती है। यहां प्राचीन मंदिर को 13 वीं शताब्दी के आसपास बनवाया गया था। पर्यटक की पहली पसंद बना है।

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कौसानी टी एस्टेट के अलावा कौसानी में स्थित स्टारगेट ऑब्जर्वेटरी खगोलीय पिंडों की एक प्राइवेट ऑब्जर्वेटरी है। यहां से आप नंदा देवी पर्वत और पंचचुली की पर्वत श्रृंखलाओं को निहार सकते हैं। दूर बर्फ से आच्छादित हिमालय की चोटियां यहां का प्रमुख आकर्षण है।

कौसानी का वातावरण इतना शांत है कि आपका यहां से वापस शौरगुल की दुनिया में आने का मन ही नहीं करेगा। यहां आप पहाड़ी तोता, कठफोड़वा सहित कई पक्षियों को देख सकते हैं।

कौसानी अपनी खूबसूरती के साथ चाय बागानों के लिए भी देश में है प्रसिद्ध-

कौसानी में आप चाय के बागानों की सैर कर सकते हैं। यहां के चाय के बागान बेहद प्रसिद्ध हैं।

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अभिनेता ऋतिक रोशन की फिल्म कोई मिल गया की ज्यादातर शूटिंग नैनीताल, भीमताल और कौसानी में हुई थी। इसके अलावा यहां आप ट्रैकिंग भी कर सकते हैं। कौसानी में कफनी ग्लेशियर, बैजनाथ मंदिर, पिन्नाथ, पिंडारी और सुंदरधुंगा ग्लेशियर लोकप्रिय ट्रैकिंग प्लेस हैं।

कौसानी के चाय बागान 208 एकड़ क्षेत्र में फैले हुए हैं। जहां की पर्यटक सैर कर सकते हैं। यहां आप लक्ष्मी आश्रम और अनाशक्ति आश्रम देख सकते हैं। लक्ष्मी आश्रम 1964 में बनाया गया था और यह आज लड़कियों के लिए एक अनाथालय है।

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इसके अलावा आप यहां अनाशक्ति आश्रम, जिसे गांधी आश्रम भी कहते हैं, देख सकते हैं। गांधी जी ने इस आश्रम में ही भगवत् गीता पर भाष्य लिखा था। कौसानी में ही आप प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानन्दन पंत का संग्राहलय भी देख सकते हैं।

बड़ी तादाद में लेखक और साहित्यकार भी कौसानी जाते हैं और यहां की शांति एवं सुकून में सृजन करते हैं। वीकेंड में समय बिताने के लिए यह बेस्ट डेस्टिनेशन है। शोर शराबे से दूर कौसानी को महात्मा गांधी ने भारत का स्विट्जरलैंड कहा था ।

हिमालय में बसा कौसानी उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र का एक हिस्सा है, जो जैव विविधता से संपन्न है। यहां पहाड़ियों के साथ-साथ नदियों का स्वच्छ जल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। कौसानी उत्तराखंड के बागेश्वर में स्थित एक हिल स्टेशन है। कौसानी की दूरी दिल्ली से महज 430 किलोमीटर है। जिसे आप 9-10 घंटे में तय कर लेंगे। इस सुरम्य हिल स्टेशन के आसपास की पर्वत चौटियां, घने जंगल, देवगार और चिड़ के वृक्ष यकीनन आपका दिल जीत लेंगे।

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