न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री Jacinda Ardern ने इस्तीफा देने की घोषणा की, भावुक स्पीच देते हुए कहा- 'अब उनके पास पहले जैसी ऊर्जा नहीं बची' - Mukhyadhara

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री Jacinda Ardern ने इस्तीफा देने की घोषणा की, भावुक स्पीच देते हुए कहा- ‘अब उनके पास पहले जैसी ऊर्जा नहीं बची’

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न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) ने इस्तीफा देने की घोषणा की, भावुक स्पीच देते हुए कहा- ‘अब उनके पास पहले जैसी ऊर्जा नहीं बची’

विश्व की लोकप्रिय नेताओं में शुमार न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री 42 वर्षीय जैसिंडा अर्डर्न इस्तीफे के एलान से देशवासियों को चौंका दिया है। जैसिंडा ने कहा कि वो अगले महीने 7 फरवरी को पद से इस्तीफे दे देंगी। पीएम ने कहा कि वो आम चुनाव होने तक एक सांसद के तौर पर काम करती रहेंगी। साल 2017 में उन्होंने न्यूजीलैंड में प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली थी।

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  • मुख्यधारा डेस्क

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री और विश्व की महान नेताओं में शुमार प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न इस्तीफे का एलान कर दिया है। अचानक अर्डर्न के इस्तीफे का फैसला न्यूजीलैंड में लोगों को चौंका गया। जैसिंडा अर्डर्न ने गुरुवार को पीएम पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी है। इस्तीफे के एलान के समय उन्होंने एक भावुक स्पीच भी दी है।

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न्यूजीलैंड की पीएम जैसिंडा ने कहा कि वो अगले महीने 7 फरवरी को पद से इस्तीफे दे देंगी। पीएम ने हालांकि ये साफ किया कि वो आम चुनाव होने तक एक सांसद के तौर पर काम करती रहेंगी। जैसिंडा ने आगे कहा कि वे पीएम पद से इस्तीफा इसलिए नहीं दे रही हैं कि इस पद पर काम करना कठिन है, बल्कि इसलिए दे रहीं है क्योंकि अब उनके पास वो ऊर्जा नहीं बची जो पहले थी। उन्होंने कहा कि इस तरह के विशेषाधिकार प्राप्त पद के साथ एक बड़ी जिम्मेदारी होती है कि पद पर बैठा व्यक्ति ये समझे कि कब तक वो देश को लीड कर सकता है। उन्होंने इस इस्तीफे की घोषणा ऐसे समय की है जब वे न्यूजीलैंड में राजनीति के शिखर पर हैं। वहीं, उप प्रधान मंत्री ग्रांट रॉबर्टसन ने कहा कि वह अपना नाम आगे नहीं रखेंगे।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जैसिंडा ने कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगी, लेकिन मैं जानती हूं कि न्यूजीलैंड के लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दे इस साल और चुनाव तक सरकार के ध्यान में रहेंगे। अर्डर्न ने कहा कि उन्हें अब भी विश्वास है कि आगामी चुनाव में न्यूजीलैंड की लेबर पार्टी जीतेगी। अर्डर्न ने कहा कि अगला आम चुनाव 14 अक्टूबर को होगा और तब तक वह एक निर्वाचक सांसद के रूप में बनी रहेंगी। उन्होंने कहा कि मैं इसलिए इस्तीफा नहीं दे रही हूं कि मुझे हारने का डर है। बल्कि हमें पूरा विश्वास है कि हम अगला चुनाव भी जीतेंगे।

साल 2017 में जैसिंडा अर्डर्न न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री बनी थीं

बता दें कि अर्डर्न 2017 में एक गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री बनीं, फिर तीन साल बाद एक चुनाव में शानदार जीत के लिए अपनी वाम लेबर पार्टी का नेतृत्व किया। हाल के चुनावों में उनकी पार्टी और व्यक्तिगत लोकप्रियता में गिरावट देखी गई है। एक महीने पहले संसद के ग्रीष्मकालीन अवकाश में जाने के बाद से अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति में, उन्होंने बताया कि ब्रेक के दौरान उन्हें नेता के रूप में काम जारी करने के लिए ऊर्जा मिलने की उम्मीद थी, लेकिन मैं ऐसा करने में सक्षम नहीं हूं। जेसिंडा ने अपने 6 साल के कार्यकाल को काफी चुनौतीभरा बताया। उन्होंने कहा, मैं इसलिए नहीं जा रही हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि हम अगला चुनाव नहीं जीत सकते, बल्कि इसलिए कि मुझे विश्वास है कि हम जीत सकते हैं और जीतेंगे।

‘ अर्डर्न ने कहा कि उनका इस्तीफा 7 फरवरी से पहले प्रभावी होगा। 42 साल की अर्डर्न ने कहा कि उनके इस्तीफे के पीछे कोई रहस्य नहीं है। ‘मैं इंसान हूँ। हम जितना दे सकते हैं उतना देते हैं और फिर यह समय है। और मेरे लिए, यह समय है। मैं जा रही हूं क्योंकि इस तरह के एक विशेषाधिकार प्राप्त नौकरी के साथ एक बड़ी जिम्मेदारी आती है। यह जानने की जिम्मेदारी है कि आप कब नेतृत्व करने के लिए सही व्यक्ति हैं – और यह भी कि आप कब नहीं हैं।’ मई 2021 में फॉर्च्यून मैगजीन ने प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न को दुनिया के सबसे महान नेताओं की लिस्ट में पहली रैंक दी थी। यह खिताब उनको कोरोना महामारी को फैलने से रोकने में, क्राइस्ट चर्च घटना का संज्ञान लेने में और वाइट आइलैंड में ज्वालामुखी फटने की घटना में उनके काम के लिए मिला था।

जैसिंडा आर्डर्न का जन्म 26 जुलाई, 1980 को न्यूजीलैंड के शहर हैमिल्टन में हुआ था। उनके पिता रॉस आर्डर्न पुलिस अफसर थे और मां लॉरेल कुक थीं। जेसिंडा को हमेशा से राजनीति में दिलचस्पी थी। इसलिए उन्होंने साल 2001 में मात्र 18 की उम्र में वह न्यूजीलैंड की लेबर पार्टी से जुड़ गई थी। वह तत्कालीन प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क के लिए रिसर्चर के तौर पर काम करती थीं। वो 2017 में 37 साल की उम्र में न्यूजीलैंड की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री बनीं थीं। तब से लेकर अब तक कई संकटों का बेहतर तरीके से सामना करने के लिए कारण वह बहुत लोकप्रिय हुईं।

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