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नोबेल प्राइज : दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलने की हुई शुरुआत, चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल प्राइज विक्टर एम्ब्रोस और गेरी रुवकुन को दिया जाएगा

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नोबेल प्राइज : दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलने की हुई शुरुआत, चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल प्राइज विक्टर एम्ब्रोस और गेरी रुवकुन को दिया जाएगा

मुख्यधारा डेस्क

दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित और बड़ा पुरस्कार नोबेल मिलने की आज से शुरुआत हो चुकी है। साल 2024 के लिए आज मेडिसिन या फिजियोलॉजी के क्षेत्र में नोबेल प्राइज की घोषणा की गई है। चिकित्सा (मेडिसिन) का अमेरिकी साइंटिस्ट को नोबेल प्राइज विक्टर एम्ब्रोस और गेरी रुवकुन को मिला है। उन्हें ये प्राइज माइक्रो आरएनए की खोज के लिए दिया गया है। हर साल की तरह, मेडिसिन का पुरस्कार नोबेल पुरस्कारों की सीरीज में पहला है। नोबेल असेंबली ने कहा कि उनकी खोज यह समझने में महत्वपूर्ण है कि मानव सहित जीव किस प्रकार विकसित होते हैं और कार्य करते हैं।

नोबेल प्राइज देने वाली कमेटी ने कहा था कि इनकी दी गई mRNA टेक्नोलॉजी से बनी कोरोना वैक्सीन के जरिए दुनिया कोरोना महामारी से निकल पाई। कोरोना महामारी के समय पहली बार ऐसा हुआ था जब mRNA टेक्नोलॉजी पर बेस्ड वैक्सीन बनी थी।

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इस टेक्नोलॉजी का उपयोग फाइजर, बायो एन टेक और मॉडर्ना जैसी दवा कंपनियों ने किया था। विक्टर एम्ब्रोस का जन्म 1953 में हनोवर, न्यू हैम्पशायर, यूएसए में हुआ था। उन्होंने 1979 में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), कैम्ब्रिज, एमए से पीएचडी प्राप्त की, जहां उन्होंने 1979-1985 तक पोस्टडॉक्टरल रिसर्च भी किया।

वह 1985 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज, एमए में प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर रह चुके हैं। वह 1992-2007 तक डार्टमाउथ मेडिकल स्कूल में प्रोफेसर थे और अब वे यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स मेडिकल स्कूल, वॉर्सेस्टर, एमए में नेचुरल साइंस के सिल्वरमैन प्रोफेसर हैं।

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गैरी रुवकुन का जन्म 1952 में बर्कले, कैलिफोर्निया, यूएसए में हुआ था। उन्होंने 1982 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी प्राप्त की। वे 1982-1985 तक मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), कैम्ब्रिज, एमए में पोस्टडॉक्टरल फेलो थे। वह 1985 में मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर बने, जहां वे अब जेनेटिक्स के प्रोफेसर हैं।1901 में जब नोबेल प्राइज की शुरुआत हुई थी, तब से 2024 तक मेडिसिन की फील्ड में 229 लोगों को इससे सम्मानित किया जा चुका है। 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक विज्ञान, अर्थशास्त्र, साहित्य और शांति जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले लोगों को नोबेल प्राइज दिया जाएगा।

ये प्राइज स्वीडन के स्टॉकहोम में दिए जा रहे हैं। नोबेल प्राइज में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानी लगभग 8.90 करोड़ रुपए का कैश प्राइज दिया जाएगा।

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