देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखंड क्रांति दल की इस बार एक और पहल रंग लाई है उक्रांद ने मुख्यमंत्री से मिलकर PCS की परीक्षा (pcs exam) की तिथि बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर मुहर लग गई है। इससे परीक्षार्थियों सहित उक्रांद कार्यकर्ताओं में भी खुशी का माहौल देखा जा रहा है।
यूकेपीएससी ने पीसीएस परीक्षा (pcs exam) की तिथि को आगे बढ़ा दिया है। यूपीएससी ने इसकी जानकारी दी है।
पीसीएस की परीक्षा 20 अगस्त 2022 से 23 अगस्त 2022 के बीच होनी थी। जिसके बाद अभ्यर्थियों के प्रत्यावेदनों पर विचार करते हुए आयोग ने इस परीक्षा की तिथियों में बदलाव कर दिया। अब यह परीक्षा 14 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक कराई जाएंगी।
यूकेडी ने मुख्यमंत्री से इस परीक्षा (pcs exam) की तिथि आगे बढ़ाने की मांग की थी। उत्तराखंड क्रांति दल ने सरकार से पीसीएस मुख्य परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाने और गंभीर अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र भेजा था।
यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने सीएम से मांग की थी कि आयोग में विभिन्न परीक्षाओं में हो रही अनियमितताओं की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की जाए, ताकि भविष्य में ऐसे किसी छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो सके।
शिवप्रसाद सेमवाल ने सीएम से पत्र में लिखा था कि हम राज्य में उतराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जा रही PCS मुख्य परीक्षा में राज्य के युवाओं के साथ हो रहे अन्याय की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।
1.राज्य में 10 अगस्त 2021 को उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ सेवा के 318 पदों के संदर्भ में नोटिफिकेशन जारी किया गया था जिसकी प्रारम्भिक परीक्षा 3 अप्रैल 2022 को हुई थी।
2. इस प्रारंभिक परीक्षा में आयोग ने 6 प्रश्न गलत बनाये थे जिन्हें बाद में आयोग ने पेपर से हटा दिया था।
3. हालांकि उत्तराखंड राज्य नाम परिवर्तन से सम्बंधित प्रश्न, जिसका उत्तर 2006 है, आयोग ने इसका उत्तर गलत दिया, जिस कारण लगभग 300 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा से वंचित हुए हैं।
ये सभी अभ्यर्थी उच्च न्यायालय की शरण में गए जहॉं न्यायालय ने भी 4 जुलाई को आपने आदेश में 2006 वाले विकल्प को सही मानते हुए आयोग को अपनी उत्तरकुंजी पर पुनर्विचार करने को कहा। किंतु 4 जुलाई को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा साफ आदेश देने के बावजूद अभी तक आयोग ने इस प्रश्न मैं अपनी त्रुटि में सुधार नहीं किया जिस कारण सैकड़ों युवा मुख्य परीक्षा से वंचित होकर बैठे हैं।
4. इसके अतिरिक्त उद्यान अधिकारी, वित्त अधिकारी और सांख्यिकी अधिकारी के पदों पर घोषित कट ऑफ में भारी मात्रा में गड़बड़ी हुई है। उद्यान अधिकारी के लिए कट ऑफ से ज्यादा मार्क्स होने के बावजूद सैकड़ों अभ्यर्थियों को प्रारम्भिक परीक्षा के परिणाम से बाहर रखा गया जिस कारण उन्हें भी उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ा।
5. माननीय उच्च न्यायालय ने अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया एवं BSc एग्रीकल्चर वाले विद्यार्थियों को भी मुख्य परीक्षा में शामिल करने के निर्देश लोक सेवा आयोग को दिए ।
6.उच्च न्यायालय द्वारा दिये गए आदेश के अनुपालन में आयोग ने 29 जुलाई एवं 1 अगस्त को कृषि स्नातकों को इन पदों के लिए योग्य मानते हुए मुख्य परीक्षा में शामिल तो किया किंतु तब जबकि मुख्य परीक्षा में मात्र 20 दिन शेष हैं।
7. इसके अतिरिक्त अन्य राज्य की महिलाओं को राज्य सेवाओं में आरक्षण से सम्बंधित विषय भी 6 अगस्त को उच्च न्यायालय में लंबित है।
8. वर्ष 2016 के बाद पूरे 6 वर्ष के पश्चात राज्य में PCS परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है किंतु सभी परीक्षाओं की तिथि जैसे Lower PCS, न्यायिक सेवा, PCS एवं समीक्षा अधिकारी की मुख्य परीक्षाएँ एक साथ एक छोटे से समयान्तराल में रखी गयी है, कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जिहोने एक साथ 2-3 परीक्षाएं उत्तीर्ण की हैं। उनके सामने अब समस्या यह है कि वे एक साथ इन सब परीक्षाओं की तैयारी इतने कम समय में कैसे करेंगे?
उपरोक्त बिंदुओं के संदर्भ में उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने मुख्यमंत्री से मांग की थी कि
1. 20 अगस्त को प्रस्तावित PCS मुख्य परीक्षा को कम से कम 3 महीने आगे बढ़ाया जाय, चूंकि परीक्षा 6 साल के अंतराल में हुई है ऐसे में इस प्रकार जल्दबाजी से राज्य के स्थानीय युवा काफी असमंजस की स्थिति में हैं।इसी के साथ एग्रीकल्चर के लगभग 200 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु मात्र 19 दिन का समय दिया गया है जो किसी भी दृष्टि से न्यायसंगत नहीं है।
2. उत्तराखंड राज्य नाम परिवर्तन वाले प्रश्न में कोर्ट के आदेशानुसार आयोग को उन सभी विद्यार्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल किया जाए जिन्होंने 2006 को सही विकल्प चुना है एवं जिनका सलेक्शन 1 या 1.5 नम्बर से रुका हुआ है।
3.आयोग में विभिन्न परीक्षाओं में हो रही अनियमितताओं की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की जाए ताकि भविष्य में ऐसे किसी छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो सके।
आयोग ने पत्र में लिखा कि
“एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य सिविल / प्रवर अधीनस्थ सेवा मुख्य परीक्षा 2021 हेतु दिनांक 20 अगस्त, 2022 से 23 अगस्त, 2022 की तिथियां निर्धारित थी। मुख्य परीक्षा की तिथियों को स्थगित करने विषयक कतिपय अभ्यर्थियों के प्रत्यावेदनों पर सम्यक विचारोपरान्त मा० आयोग द्वारा अभ्यर्थियों के हित एवं मा० उच्च न्यायालय में योजित रिट याचिका संख्या 434 / 2022 में पारित आदेश दिनांक 02.08.2022 के आलोक में अभ्यर्थियों के प्रकरणों के निस्तारण में लगने वाले आवश्यक समय के दृष्टिगत मुख्य परीक्षा हेतु निर्धारित उक्ताकित तिथियों को स्थगित करते हुए प्रश्नगत परीक्षा दिनांक 14 से 17 अक्टूबर 2022 तक आयोजित की जायेगी।
आयोग की वेबसाइट से मुख्य परीक्षा की संशोधित तिथियों के सापेक्ष प्रवेश पत्र डाउनलोड करने सम्बन्धी सूचना पृथक से आयोग की वेबसाइट एवं दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से प्रसारित की जायेंगी।”
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