मायूसी: गुजरात हाईकोर्ट फैसले के बाद अब राहुल गांधी के पास लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) लड़ने के लिए अभी भी बचा है आखिरी रास्ता
पार्टी के नेताओं ने तैयार की आगे की रणनीति
मुख्यधारा डेस्क
अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अब करीब 9 महीने का समय बचा है। ऐसे में आज गुजरात हाईकोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी को मोदी सरनेम को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को सुनाई गई सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस फैसले के बाद क्या राहुल गांधी 2024 का चुनाव लड़ पाएंगे? राहुल गांधी की राह कितनी मुश्किल हो गई है। इसी साल अप्रैल में सूरत सेशन कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के अगले दिन ही राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता रद कर दी गई थी।
इस फैसले के खिलाफ 25 अप्रैल 2023 को राहुल गांधी की तरफ से गुजरात हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। जिसका फैसला 2 मई को गुजरात हाई कोर्ट ने सुरक्षित कर लिया था। आज उसी केस में फैसला सुना गया है।
सूरत कोर्ट के फैसले पर राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील की थी। अब गुजरात हाईकोर्ट के सजा पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद अब राहुल गांधी के डिविजन बेंच में अपील करने का विकल्प है। राहुल गुजरात हाईकोर्ट के सिंगल जज की बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती दे सकते हैं।
राहुल के लिए अब सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपील का रास्ता भी खुल गया है। गांधी अब सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट अगर मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल को दोषी करार देने के निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा देता है तो उनकी संसद सदस्यता भी बहाल हो सकती है। साथ ही राहुल के 2024 में चुनाव लड़ने की राह भी खुल जाएगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा है कि वे इस मामले को आगे बढ़ाएंगे। इस बयान का अब एकलौता मतलब यह है कि राहुल गांधी को हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करना होगा।
गुजरात हाईकोर्ट फैसले के बाद कांग्रेस नेता सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती
कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा भी है कि पार्टी गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। यदि उच्च न्यायालय ने मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले पर रोक लगा दी होती तो राहुल की अयोग्यता को उलट दिया जा सकता था। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि मानहानि मामले में राहुल गांधी की याचिका खारिज करने के फैसले को हम सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
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कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने हाईकोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि न्याय नहीं हुई है। शिवकुमार ने आगे कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है। फिर भी, पूरा देश और विपक्षी दल राहुल गांधी के साथ खड़े हैं। राहुल एक महान नेता हैं जो पूरे देश को एकजुट करने के लिए लड़ रहे हैं। न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने अपने फैसले में कहा कि राहुल पहले से ही देशभर में 10 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति ने ये भी कहा कि राहुल को दोषी ठहराने के लिए निचली अदालत का आदेश उचित और कानूनी था। निचली अदालत के फैसले में कुछ बदलने लायक नहीं है। बता दें कि मोदी सरनेम केस में सूरत सेशन कोर्ट ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी।बता दें कि 2019 में कर्नाटक के कोलर में चुनावी रैली में भाषण देते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि सभी चोरों के उपनाम मोदी क्यों होते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’ इसके बाद गुजरात बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने सूरत सेशन कोर्ट में इसके विरुद्ध याचिका दायर कर दी। इसी मामले में सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी।