शिक्षकों (Teachers) की कमी से जूझ रहा राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय त्यूनी - Mukhyadhara

शिक्षकों (Teachers) की कमी से जूझ रहा राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय त्यूनी

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शिक्षकों (Teachers) की कमी से जूझ रहा राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय त्यूनी

नीरज उत्तराखंडी/त्यूनी

प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति/विमुक्त जाति के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के निर्धन एवं प्रतिभावान छात्रों को उत्कृष्ठ आवासीय शिक्षा निःशुल्क प्रदान करने के उद्देश्य से समाज कल्याण विभाग द्वारा राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। शिक्षा के साथ-साथ निःशुल्क छात्रावास, पाठ्य पुस्तकें,यूनीफार्म एवं खेल कूद आदि की व्यवस्था राज्य सरकार करती है। इन विद्यालयों में 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति, 25 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्गतथा 15 प्रतिशत सामान्य वर्ग के छात्रों को प्रवेश दिये जाने की व्यवस्था है।

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जिनमें पर्वतीय जन जाति क्षेत्र जौनसार बावर की सीमांत तहसील त्यूनी में संचालित आश्रम पद्धति विद्यालय विगत कई वर्षों से शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है।

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यही नहीं विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषय के अध्यापक अपनी ऊंची पहुंच के चलते सुविधाजनक स्थान पर अटैचमेंट करवाने में सफल रहे और वेतन यहां से लेते रहे।

जनपद देहरादून के पर्वतीय जन जाति क्षेत्र जौनसार बावर की सीमांत तहसील त्यूनी में संचालित एकमात्र आश्रम पद्धति विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है जिसके चलते आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है ।

तहसील के एकमात्र आश्रम पद्धति विद्यालय अध्यापक की कमी से जूझ रहा है। डेढ़ वर्ष के बाद भी अध्यापकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। विद्यालय प्रशासन का कहना है कि इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन शासन स्तर से इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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विज्ञान विषय का एक अध्यापक डेढ़ वर्ष से टीआरआई देहरादून में अटैच है, जबकि मूल वेतन आश्रम पद्धति त्यूनी के नाम से ही आहरित हो रहा है।
आश्रम पद्धति विद्यालय त्यूनी में मुख्य विषय विज्ञान, गणित तथा अंग्रेजी के अध्यापक नहीं होने से विद्यालय में अध्ययनरत 175 छात्रों का भविष्य अंधकार में है।

ग्राम पंचायत प्रधान कूणा रीता जगलान, पूर्व प्रधान रामलाल सेमवाल, केडी सजवान, एमएल वर्मा आदि का कहना है कि नया सत्र शुरू होने के साथ नए एडमिशन भी होने जा रहे हैं। यदि जल्दी ही इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो स्थानीय लोगों को मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

उधर इस संबंध में अपर निदेशक योगेंद्र रावत का कहना है कि शासन स्तर से जल्दी ही नियुक्ति होने वाली है । जैसी नियुक्ति होगी, आश्रम पद्धति में शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।

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वहीं पुनः विगत बुधवार को राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय (रगवाड़) में लोक संघ की एक बैठक आहूत की गई। बैठक की अध्यक्षता विक्रम पंवार क्षेत्र पंचायत सदस्य कूणा एवं प्रदेश महासचिव युवा कांग्रेस उत्तराखंड के नेतृत्व में की गई। बैठक में राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में प्रधानाचार्य व शिक्षकों की कमी को लेकर चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि विद्यालय में प्रधानाचार्य महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों की कमी से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हाल ही में हुए बोर्ड परीक्षा में बच्चों को अपने पैसे से प्राइवेट टीचरों को हायर कर विभिन्न विषयों की पढ़ाई करनी पड़ी।

विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति जल्द से जल्द नहीं होने पर विद्यालय में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी। बैठक में राकेश, आर्यन, चैतराम आदि थे।

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