धार्मिक मान्यता : 2 दिन बाद लगेगा खरमास (kharmas), एक महीने तक शादी विवाह मांगलिक कार्यों पर लग जाती है रोक - Mukhyadhara

धार्मिक मान्यता : 2 दिन बाद लगेगा खरमास (kharmas), एक महीने तक शादी विवाह मांगलिक कार्यों पर लग जाती है रोक

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धार्मिक मान्यता : 2 दिन बाद लगेगा खरमास (kharmas), एक महीने तक शादी विवाह मांगलिक कार्यों पर लग जाती है रोक

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इन दिनों देश में शादी-विवाह समेत शुभ समारोहों की धूम मची हुई है। लेकिन 2 दिन बाद यानी 16 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास या मलमास का महीना लग जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार खरमास महीने में शादी विवाह मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। यानी 1 महीने तक मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। ‌ अगले साल 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन जब सूर्य मकर राशि में संचरण करेंगे तब खरमास का समापन होगा। हिंदू धर्म के अनुसार गुरु देव बृहस्पति की दो राशियां धनु और मीन में जब-जब सूर्य प्रवेश करता है, तब खरमास या मलमास लगता है। ऐसी मान्यताएं है कि सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो उनकी गति धीमी हो जाती है। चूंकि सूर्य हमारे जीवन को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है।

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय में सूर्य देव का प्रभाव कम होता है, इसलिए शुभ कार्य नहीं करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे एक वर्ष में दो बार ऐसा मौका आता है, जब खरमास लगता है। एक खरमास मध्य मार्च से मध्य अप्रैल के बीच और दूसरा खरमास मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी तक होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, एक वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं। सूर्य जब धनु और मीन में प्रवेश करते हैं, तो इन्हें धनु संक्रांति और मीन संक्रांति कहा जाता है। सूर्य जब धनु व मीन राशि में रहते हैं, तो इस अवधि को मलमास या खरमास कहा जाता है। खरमास में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। इस समय अगर विवाह किया जाए तो भावनात्मक और शारीरिक सुख दोनों नहीं मिलते हैं। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास के दौरान मुंडन, छेदन, गृह प्रवेश, शादी विवाह जैसे कार्य बिल्कुल न करें। खरमास के दौरान किसी भी नए कार्य, व्यापार की शुरुआत नहीं करना चाहिए। इससे व्यक्ति को सफलता नहीं मिलती है और धन हानि का भी सामना करना पड़ सकता है।

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शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि खरमास के दौरान निर्माण कार्य भी शुरू नहीं करना चाहिए। इस मास में बनाए गए घर में रहने से व्यक्ति को कभी भी सुख-समृद्धि नहीं मिलती है। खरमास के दौरान कोई नई चीज जैसे वाहन, घर, प्लाट, आभूषण आदि बिल्कुल नहीं खरीदना चाहिए। इससे बुरा असर पड़ता है। इस महीने में तामसिक भोजन जैसे-लहसुन-प्‍याज, नॉनवेज और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। इस पूरे महीने शाकाहारी भोजन ही करें। खरमास के दौरान तांबे के बर्तन में रखे भोजन या पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। ये सेहत पर बुरा असर डालता है। 14 जनवरी दिन रविवार को रात 8 बजकर 57 मिनट पर मकर संक्रांति का क्षण है। इस समय पर खरमास का समापन हो जाएगा। मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने के बाद सूर्य पूजा करते हैं। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होते हैं।

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