आफत (Heavy rains in Uttarakhand): उत्तराखंड में भारी बारिश से नदियां उफान पर, भूस्खलन से कई राष्ट्रीय मार्ग और सड़कें बंद, पर्वतीय क्षेत्रों में बिगड़े हालात
देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखंड में मौसम का कहर जारी है। 10 दिनों से लगातार हो रही बारिश ने लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया है। भारी बारिश के चलते पर्वतीय क्षेत्र में जनजीवन काफी अस्त-व्यस्त हो गया है। कई स्थानों पर तो भूस्खलन हो रहा है फिर रुक रहा लेकिन पत्थरों गिरना जारी है। जिसकी वजह से प्रशासन ने मार्गों पर आवाजाही रोकी हुई है।
नेशनल हाईवे से लेकर सड़क मार्ग भूस्खलन की वजह से बंद है। भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं। हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश तक में गंगा की जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।
वहीं, ऊपरी इलाकों की बात करें तो मूसलाधार बारिश के चलते घर से लेकर सेब के बगीचे सब पानी में बह गए हैं। मार्ग पर रुके यात्रियों के लिए भी खासी मुसीबत है, क्योंकि पहाड़ कब दरक जाए इसका कोई भरोसा नहीं और मार्गों में यात्री रुके हैं, लेकिन वे कितने सुरक्षित हैं इसका अंदाजा किसी को भी नहीं। यही वजह है कि पर्वतीय क्षेत्रों में सरकार और प्रशासन लगातार यात्रियों से अपील कर रही है कि फिलहाल पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा को टालें।
उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्ग और रुद्रप्रयाग व चमोली में बदरीनाथ राजमार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन से बाधित हो गए हैं।
उत्तरकाशी के खीरगंगा में बाइक से आए करीब 400 कांवड़ यात्री, गंगनानी में दो हजार से अधिक यात्री और चमोली में बदरीनाथ राजमार्ग पर करीब तीन हजार यात्री फंसे हुए हैं।
भारी बारिश का ये दौर अभी थमने वाला नहीं है। नदी में पानी के तेज बहाव से कोटद्वार में मालन नदी का पुल गिर गया। कई लोग बाल-बाल बच गए।
पिथौरागढ़ में चीन सीमा को जोड़ने वाला लिपुलेख मार्ग मलबा आने के कारण बाधित हो रखा है। जबकि चंपावत में पूर्णागिरि मार्ग पर 9 दिनों के बाद भी आवाजाही बाधित है। राजधानी के हाल तो और भी ज्यादा खराब है। जगह-जगह हो रहे जलभराव के कारण लोगों का जीना दुश्वार हो रखा है।
आवाजाही करने में लोगों को भारी दिक्कतें हो रही हैं। सड़कों की हालत ऐसी है कि गड्ढों का पता ही नहीं चल रहा है और वाहन चालक दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। बरसात का कहर विद्युत उत्पादन पर भी पड़ रहा है।
यूजेवीएनएल के पावर प्लांट से सिल्ट की वजह से उत्पादन ठप हो गया है और राज्य में बिजली का संकट भी खड़ा हो गया है। उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से खराब हालत को देखते हुए केंद्र सरकार ने 413 करोड़ रुपए की सहायता दी है।
मौसम विभाग की चेतावनी, अगले 3 दिन तक उत्तराखंड में भारी बारिश के आसार
अगले तीन तक उत्तराखंड में भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, गुरुवार को प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। जबकि, शुक्रवार और शनिवार को भारी से भारी बारिश की आशंका है। इसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, आज देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जनपदों के अधिकांश स्थानों, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ के अनेक स्थानों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। जबकि, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में कही-कहीं भारी बारिश हो सकती है। विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है।
उत्तराखंड के मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है, कि कहा कि हम 13 जुलाई के लिए पीली चेतावनी यानी येलो अलर्ट जारी कर रहे हैं। 14 जुलाई को हल्की से मध्यम बारिश ही होगी।
कुमाऊं क्षेत्र के कुछ इलाकों में ही भारी बारिश हो सकती है। 15-16 जुलाई को मौसम की गतिविधियां फिर जोर पकड़ेंगी। 15, 16 और 17 जुलाई को भारी से बहुत ज्यादा बारिश हो सकती है। अधिकांश जिलों में कुछ स्थानों पर बारिश होगी। 15 जुलाई से हम ऑरेंज अलर्ट जारी करेंगे।