अच्छी खबर: रुद्रप्रयाग जिले को मिला चेस्ट फिजिशीयन (Chest Physician), अब इन बीमारियों के इलाज के लिए नहीं लगानी पड़ेगी अन्य शहरों की दौड़
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि में दी तैनाती
- दमा, निमोनिया, सांस व फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के मरीजों को मिलेगी राहत
- बढ़ेगी टीबी केस फाइंडिंग, टीबी मुक्त मुक्त अभियान में आएगी तेजी
रुद्रप्रयाग/मुख्यधारा
जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की दिशा में जारी प्रयासों की कड़ी में एक और अच्छी खबर है। जिले को चेस्ट फिजिशीयन मिल गया है, स्वास्थ्य विभाग ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि में चेस्ट फिजिशीयन को तैनात किया है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. विमल सिंह गुसाईं ने बताया कि शासन ने एक सप्ताह पूर्व डा0 अतुल उपाध्याय को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि में बतौर चेस्ट फिजिशीयन तैनात किया है, उन्होंने अपना कार्यभार ग्रहण कर दिया है। बताया कि चेस्ट फिजिशियन की तैनाती होने से दमा, निमोनिया, सांस व फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के मरीजों को जनपद में ही विशेषज्ञ सेवा मिल पाएगी।
यह भी पढें : उत्तराखंड : मैदान-पहाड़ को बांटने वाले नहीं होंगे कामयाब
चेस्ट फिजिशीयन की तैनाती होने से जहां सांस व फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के उपचार के लिए जनपद के बाशिंदों को अब अन्य शहरों की दौड़ नहीं लगानी होगी। वहीं, अब टीबी मुक्त अभियान को भी गति मिल पाएगी।
दरअसल, टीबी मुक्त जनपद के लक्ष्य को हासिल करने के जनपद में फील्ड स्तर पर एक्टिव केस फाइंडिंग की गतिविधियां को लगातार अंजाम दिया जा रहा है, फिर भी कतिपय मामलों में टीबी लक्षणों को छुपाने की प्रवृत्ति के दृष्टिगत ऐसे मामलों के टीबी संक्रमण होने की आशंका बनी रही है। ऐसे में चेस्ट फिजिशीयन के पास उपचार के लिए आने वाले मामलों की तत्काल टीबी जांच कर अधिक से अधिक केसों को ढुंढकर उनका उपचार किया जा सकता है, जिससे टीबी मुक्त अभियान को गति मिलेगी।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि में स्वास्थ्य सेवाओं की सुदृढिकरण की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है। जिसके तहत बीते एक वर्ष में सीएचसी अगस्त्यमुनि में जनरल सर्जन, सोनोलॉजिस्ट की तैनाती की गई, वहीं एक माह पूर्व बाल रोग विशेषज्ञ भी तैनात किया गया है।