वायनाड में अभी हालत सामान्य नहीं, 276 लोगों की मौत, रेस्क्यू अभियान जारी, राहुल गांधी और प्रियंका आज पीड़ितों से मिलेंगे
मुख्यधारा डेस्क
केरल के वायनाड में बारिश और भूस्खलन के बाद अभी भी हालत सामान्य नहीं है। तीन दिनों से लगातार राहत बचाव कार्य जारी है। रेस्क्यू अभियान में लगातार हो रही बारिश मुसीबत बनी हुई है। इस प्राकृतिक आपदा ने चारों गांवों को तहस-नहस कर दिया है।
वायनाड में आए भूस्खलन के मलबे से अब तक 276 शव निकले जा चुके हैं, अब भी 200 से ज्यादा लोग लापता हैं। जो लापता हैं उनके भी जीवित बचने की उम्मीद न के बराबर जताई जा रही है क्योंकि घटना को हुए 3 दिन हो गए हैं।
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वहीं, लापता लोगों को खोजने और भूस्खलन पीड़ितों के रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एनडीआरएफ, सेना और नौसेना के जवान डटे हुए हैं। केंद्र सरकार ने बताया कि मौके पर एनडीआरएफ और पुलिस की टीम मौजूद है। हेलिकॉप्टर की मदद से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। नौसेना की रिवर क्रॉसिंग टीम भी मौके पर मौजूद है।
भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के 1200 बचावकर्मी घटनास्थल पर तैनात किए गए हैं। रक्षा प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा कि मुंदक्कई और पड़ोसी बागान क्षेत्रों में तैनात सेना की इकाइयों ने प्रभावित क्षेत्र के कुछ हिस्सों में फंसे लगभग 1,000 लोगों को बचाया है।
भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने दिन भर कई हवाई सर्वेक्षण किए। सेना, नौसेना और एनडीआरएफ की बचाव टीमें मलबे के ढेरों को खोदने और लकड़ी और कंक्रीट के अवशेषों को तोड़ने में लगी हैं। ये वे मलबा है जो कभी घर हुआ करते थे। टीमें दिन-रात जुटे हैं ताकि जीवित बचे लोगों की तलाश की जा सके। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों से मिलने पहुंच रहे हैं। पहले खराब मौसम के कारण उनका दौरा स्थगित हो गया था। राहुल गांधी ने पिछली लोकसभा में वायनाड का प्रतिनिधित्व किया था। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी वह रायबरेली के साथ वायनाड से निर्वाचित हुए थे, लेकिन उन्होंने केरल में आने वाले संसदीय क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया। अब वायनाड से उपचुनाव में उनकी बहन प्रियंका गांधी कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में बताया- 23-24 जुलाई को ही केरल सरकार को अलर्ट किया गया था, सरकार समय रहते लोगों को हटाती तो इतना नुकसान नहीं होता। इस पर केरल मुख्यमंत्री विजयन ने कहा- जब ऐसा कुछ होता है, तो आप दूसरों पर दोष मढ़कर जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। मौसम विभाग ने त्रासदी से पहले एक बार भी रेड अलर्ट जारी नहीं किया।