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नया सवेरा : 2023 इतिहास के पन्नों में हुआ दर्ज, भारत समेत दुनिया ने साल 2024 (year 2024) का किया जोरदार स्वागत, देश में छाया नववर्ष का जश्न

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नया सवेरा : 2023 इतिहास के पन्नों में हुआ दर्ज, भारत समेत दुनिया ने साल 2024 (year 2024) का किया जोरदार स्वागत, देश में छाया नववर्ष का जश्न

शम्भू नाथ गौतम

रविवार रात 12 बजे साल 2023 इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। भारत समय दुनिया ने साल 2024 का जोरदार तरीके से स्वागत किया। आज से साल 2024 ने अपनी यात्रा शुरू कर दी है। इस नए साल में देशवासियों के नए सपनों के साथ नई उम्मीदें भी हैं । साथ ही हर बार लोग नए साल में कई संकल्प लेकर आगे बढ़ते हैं। लोगों की आम धारणा रहती है कि बीते हुए साल में जो भी सपने और कमियां पूरी रह गई हो उसे इस साल पूरा करेंगे। साल 2024 का सवेरा लोगों की कई उम्मीदें लेकर आया है। पूरे देश भर में नव वर्ष का उत्साह के साथ जश्न का माहौल है। लोग अपने परिवार और करीबियों को कॉल और मैसेज के जरिए नए साल की शुभकामनाएं दे रहे हैं। बता दें कि नए साल का जश्न सबसे पहले न्यूजीलैंड में मना। भारत और न्यूजीलैंड के समय में 7:30 घंटे का फर्क है। जिसके चलते न्यूजीलैंड में 31 दिसंबर को भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे नए साल का स्वागत हुआ।

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इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, जापान, कोरिया और चीन में नए साल का स्वागत किया गया। रविवार रात 12 बजे भारत में भी लोगों ने नए साल का स्वागत किया।

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टूरिस्ट और पिकनिक स्पॉट के साथ धार्मिक स्थलों पर भी नए साल की धूम है। मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, गुरुग्राम और कोलकाता, आगरा, वाराणसी, जयपुर, देहरादून और लखनऊ जैसे शहरों में भी लोगों ने रातभर पार्टी की। शिमला, मनाली, नैनीताल, मसूरी और गुलमर्ग जैसे टूरिस्ट स्पॉट पर लोग पहाड़, जंगल और बर्फ देखने के लिए पहुंचे। इसके चलते मनाली-शिमला में सभी होटल्स लगभग फुल हैं।

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वहीं गोवा में समुद्र के किनारे आतिशबाजी के बीच रात के 12 बजे लोगों ने नए साल का स्वागत किया। नए साल की पूर्व संध्या पर चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को रोशनी से सजाया गया। नव वर्ष पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने शुभकामनाएं दी हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को नए साल की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, सभी को 2024 की शुभकामनाएं। यह वर्ष सभी के लिए समृद्धि, शांति और अद्भुत स्वास्थ्य लेकर आए।

साल के पहले दिन देश भर में धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी–

साल के पहले दिन धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में 2024 की पहली भस्म आरती की गई।

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वाराणसी में दशाश्वमेध घाट पर पहली गंगा आरती और सूर्य पूजा की गई। नए साल के पहले दिन सोमवार को गुवाहाटी के मां कामाख्या मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने पहुंचे। साल 2024 के पहले दिन दिल्ली के कालकाजी मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।

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गिर सोमनाथ के सोमनाथ मंदिर में विशेष आरती की गई। हरिद्वार में नए साल 2024 की पहली सुबह कुछ लोगों ने गंगा में डुबकी लगाकर मनाई। ओडिशा के पुरी समुद्र तट से साल 2024 का पहला सूर्योदय देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में नए साल के पहले दिन हवन और रुद्राभिषेक किया।

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बता दें कि नए साल का जश्न मनाने की परंपरा हजारों साल पुरानी है। 153 ईसा पूर्व रोम में यह शुरू हुई। तब लोग 1 मार्च को नया साल मनाते थे। 46 ईसा पूर्व में जूलियस-सीजर के सौर आधारित कैलेंडर से 1 जनवरी को यह मनाया जाने लगा। रोमन साम्राज्य में इस प्रथा को व्यापक रूप से अपनाया गया। 1582 में शुरू किए गए ग्रेगोरी कैलेंडर आने के बाद 1 जनवरी का दिन नए साल की शुरुआत के रूप में मनाया गया। किरिबाती में नए साल का जश्न सबसे पहले मनाया गया और अब यह जश्न धीरे-धीरे पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। वहीं नए साल के पहले दिन भी मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत देश के 19 राज्यों में कोहरा देखने को मिला। उत्तर भारत के कई जिलों में विजिबिलिटी 50 मीटर तक रह गई।

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विजिबिलिटी कम होने के कारण 21 ट्रेनें अपने निर्धारित समय पर नहीं चल सकी। मौसम विभाग के मुताबिक अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। जिसके कारण कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण पूर्व अरब सागर, लक्षद्वीप और आसपास के दक्षिण पश्चिम अरब सागर में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।

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मौसम विभाग ने मछुआरों से चेतावनी वाली जगहों पर समुद्र में जाने से मना किया है।

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