- महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को दिये जांच के निर्देश
- समिति गठित कर तीन दिन के भीतर कार्रवाई
देहरादून/मुख्यधारा
यूं तो सरकारी विभागों के कारनामे समय-समय पर अखबारों की सुर्खियों में आते रहे हैं, किंतु इस बार एक ऐसे विभाग से बड़ी विचित्र खबर आई है, जो देश के भविष्य को संवारता है। जी हां! आप ठीक पढ़ रहे हैं, यहां बात की जा रही है उत्तराखंड शिक्षा विभाग की। शिक्षा विभाग ने एक ऐसे शिक्षक का ट्रांसफर करके अजब गजब कारनामा कर डाला, जो 4 वर्ष पहले स्वर्ग सिधार (transfer of dead teacher) चुका है। इस खबर को जो भी सुन रहा है, उसका सिर चकरा रहा है। कौतुहलवश यह खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत भी मैदान में उतर चुके हैं और उन्होंने इस प्रकरण की जांच बैठा दी है।
बताते चलें कि रूद्रप्रयाग जनपद में प्राथमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत मृतक शिक्षक का तबादला (transfer of dead teacher) किये जाने पर सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने सख्त रूख अपनाया है। डॉ0 रावत ने सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रों की खबरों का संज्ञान लेते हुये महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को मामले में समिति गठित कर तत्काल जांच के निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने इस प्रकरण को घोर लापरवाही मानते हुये संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश महानिदेशक शिक्षा को दिये हैं।
शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि रूद्रप्रयाग जनपद में वार्षिक स्थानांतरण-2022-23 के तहत एक मृतक शिक्षक के तबादले का प्रकरण समाने आया है। जिसमें प्रथम दृष्टिया विभागीय अधिकारियों की अपने कार्य एवं दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही प्रतीत होती है।
मामले की गंभीरता को देखते हुये महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी को तत्काल विभागीय समिति गठित कर तीन दिन के भीतर जांच करने कराने के साथ ही लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई (transfer of dead teacher) के निर्देश दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि मृतक शिक्षक की मौत के चार साल बाद तबादला किया जाना जिम्मेदार अधिकारियों की भारी लापवाही को दर्शाता है। जो कि बर्दाश्त किये जाने योग्य नहीं है।
डॉ0 रावत ने कहा इस प्रकरण की गंभीरता से जांच की जायेगी और जांच में जो भी दोषी पाये जायेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि स्थानांतरण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापवाही न बरते अन्यथा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई अमल में लाई जायेगी।