Uttarakhand: राज्य में इसी साल लागू होगा समान नागरिक संहिता (uniform civil code): मुख्यमंत्री धामी - Mukhyadhara

Uttarakhand: राज्य में इसी साल लागू होगा समान नागरिक संहिता (uniform civil code): मुख्यमंत्री धामी

admin
p 1 19

Uttarakhand: राज्य में इसी साल लागू होगा समान नागरिक संहिता (uniform civil code): मुख्यमंत्री धामी

देहरादून/मुख्यधारा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को आई.एस.बी.टी. के समीप स्थित होटल में आयोजित बढ़ता अत्तराखण्ड उभरता उत्तराखण्ड कार्यक्रम में राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में एक पार्टी की सरकार दुबारा न चुनने का मिथक टूटा है यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं देवतुल्य जनता का हमारे लिये आशीर्वाद है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिये 2022 के चुनाव में जनता से वादा किया था। सरकार के गठन के बाद हमने पहला निर्णय इस संबंध में कमेटी गठन का किया।

यह भी पढें : Neeraj Chopra won the gold medal : नीरज चोपड़ा ने फिर रचा इतिहास, स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बने, वीडियो

कमेटी ने 2.33 लाख लोगों से सुझाव लेने तथा तमाम संगठनों, संस्थाओं के साथ राज्य की तमाम जनजातियों के भी सुझाव कमेटी ने लिये है। देश के अन्दर समान नागरिक कानून होना चाहिए। यह जनता की मांग रही है, इसकी शुरूआत उत्तराखण्ड से होगी। संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत हम इसी साल राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करेंगे।

उन्होंने कहा कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी दोनों पहाड के काम आए इस पर कार्य किया जा रहा है।

टिहरी डैम बांध, पानी व बिजली देने का कार्य कर रहे है। युवाओं को स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं से जोडा जा रहा है। राज्य के युवा देश व प्रदेश में अपनी प्रतिभा का परिचय दे रहे है। अब प्रदेश में रिवर्स पलायन की ओर युवा लौट रहे है। कोरोना के बाद हमारे लोग अपने क्षेत्रों में स्वरोजगार पर ध्यान दे रहे है। राज्य का पलायन आयोग भी इस दिशा में कार्य कर रहा है।

यह भी पढें : पहाड़ों (mountains) में क्यों हो रही है भारी बारिश?

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियां राज्य के विकास में बाधा न बने इसे ध्यान रखते हुए पहाड और मैदानी क्षेत्र की परिस्थितियों के अनुसार नीतियां बनाई जा रही है। राज्य ने हाल ही में राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए 27 क्षेत्रीय नीतियां बनाई गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रदेश हिमालय की गोद में बसा है, हम इसे सुरक्षित रखने का कार्य कर रहे है। जोशीमठ की आपदा के बाद प्रदेश के शहरों की धारण क्षमता का आकलन कर इकोलॉजी और इकोनॉमी का समन्वय बनाकर योजना बनायी जा रही है। आपदा के प्रभावों को कम करना हमारा उद्देश्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य 71 प्रतिशत वन भू-भाग वाला है। वन क्षेत्र के साथ अन्य सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने का कार्य किया जा रहा है। 3 हजार हैक्टेयर वन भूमि पर से अतिक्रमण हटाये गये है। जो भी निर्माण अतिक्रमण की जद में आये है वे तोडे जा रहे है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सब आपसी भाई चारे से रहते है। राज्य में धर्मांतरण घुन की तरह लगा था। धोखे और लालच देकर मनगढ़ंत बातों से धर्मांतरण का कार्य हो रहा था। इसे रोकना देवभूमि का मूल स्वरूप बनाये रखने के लिए जरूरी है।

यह भी पढें : सवाल : अतिक्रमण (Encroachment) फिर से बड़ी तबाही का बन सकता है कारण

देव भूमि के प्रति देश विदेश के लोगों की श्रद्धा रही है। गंगा, यमुना धर्म आध्यात्म की इस भूमि का स्वरूप बना रहना देश हित में है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड शान्त प्रदेश है, कानून व्यवस्था अच्छी है। बिना पहचान और वेरिफिकेशन से लोग यहां आकर अवैध रूप से बस रहे है। इससे हो रहे डेमोग्राफिक चेंज को देखना भी जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी। अतिक्रमण हटाने में किसी प्राकर का पक्षपात नही हो रहा है। कोई भी किसी मजहब, जाति, धर्म, पंथ का हो सबके साथ समान व्यवहार किया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य की जरूरतों के हित में कानून बनाये है। युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। पहले इसकी जांच नहीं हो पाती थी। अब हमने इसकी गहराई से जांच कर 80 लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया है। देश का सख्त कानून बनाकर कड़ी सजा का प्राविधान किया है। नया माहौल बनाकर नकल रोकने का परिणाम हुआ कि अब युवा कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफल हुए है। इससे अभिभावकों को भी संतोष हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले लोग यहां से अच्छा अनुभव लेकर जा रहे है। उन्हें बेहतर सुविधाएं मिले इसका ध्यान रखा गया है। अब तक 38 लाख यात्री तथा कांवड यात्रा में 4.15 करोड़ श्रद्धालु आए।

यह भी पढें : उत्तराखंड: आउटसोर्स होगी मेडिकल कॉलेजों की सफाई व्यवस्था (Cleaning system): डॉ. धन सिंह रावत

ऋषिकेश हरिद्वार कॉरिडोर की डीपीआर तैयार की जा रही है। विकास नगर के समीप यमुना नदी किनारे स्थित पौराणिक स्थल हरिपुर का पुनरुद्धार कर वहां भी यमुना की आरती की व्यवस्था की जायेगी। अपने समृद्ध इतिहास में उल्लिखित नगरों के विकास पर हमारा ध्यान है। हमें राज्य में आने वाले करोड़ों पर्यटकों, श्रद्धालुओं की भी व्यवस्था करनी होती है। इसके लिये राज्य के संसाधनों को बढावा देने के लिये भी हम प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री ने चंद्रयान 3 के लैंड़िग स्थल को प्रधानमंत्री ने शिवशक्ति स्थाल घोषित करने पर उनका आभार जताया। यह भारत की विज्ञान एवं तकनीकि दक्षता का प्रतीक है। चंद्रयान 2 के समय जो कमी रह गयी थी उनके सफल नेतृत्व में चंद्रयान 3 के रूप में बडी सफलता देश को मिली है। अब चंदा मामा दूर के नहीं हमारे घर के हो गये है। उन्होंने कहा कि हमारे लोग मुजफ्फरनगर काण्ड, खटीमा और मसूरी गोलीकांड को नहीं भूल सकते है। इसके लिये दोषी लोगों के व्यवहार से राज्य की जनता कभी भूल नहीं सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता केन्द्र एवं राज्य सरकार के कार्यों पर 2014 व 2019 के चुनावों की भांति 2024 के चुनावों में भी राज्य की जनता का आशीर्वाद हमें मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखण्ड से कर्म और मर्म का संबंध है।

Next Post

Rakshabandhan 2023: इस बार रक्षाबंधन पर 'भद्रा काल' होने से दो दिन का कन्फ्यूजन, जानिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त कब रहेगा

Rakshabandhan 2023: इस बार रक्षाबंधन पर ‘भद्रा काल’ होने से दो दिन का कन्फ्यूजन, जानिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त कब रहेगा भाई-बहन के प्यार का पर्व है रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन को लेकर बाजारों में रौनक छा […]
ra 1 1

यह भी पढ़े