यूपीएससी ने पूजा खेडकर पर की सख्त कार्रवाई, आईएएस का सिलेक्शन किया रद, भविष्य में सभी परीक्षाओं को देने पर भी लगाया प्रतिबंध

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यूपीएससी ने पूजा खेडकर पर की सख्त कार्रवाई, आईएएस का सिलेक्शन किया रद, भविष्य में सभी परीक्षाओं को देने पर भी लगाया प्रतिबंध

मुख्यधारा डेस्क

ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ यूपीएससी ने बड़ी कार्रवाई की है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। फर्जी डॉक्यूमेंट्स जमा करने का दोषी पाए जाने के बाद पूजा खेडकर का ट्रेनी आईएएस अधिकारी के रूप में चयन रद कर दिया गया है और उन्हें आजीवन प्रवेश परीक्षा देने से रोक दिया गया है।

यूपीएससी ने आज बयान जारी कर बताया कि 34 वर्षीय महाराष्ट्र कैडर की प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेडकर का सिलेक्शन (प्रोविज़नल कैंडिडेचर) रद कर दिया गया है। साथ ही पूजा को भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थाई रूप से प्रतिबंधित किया गया है। यूपीएससी ने उन्हें कई बार फर्जी पहचान बनाकर परीक्षा देने का दोषी पाया। पूजा खेडकर पर आईएएस बनने के लिए विकलांगता और ओबीसी के फर्जी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने का आरोप है। इस संबंध में उनकी विभिन्न स्तरों पर जांच चल रही है। हाल ही में यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 की उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया था। इसके साथ ही उनके खिलाफ पुलिस में केस भी दर्ज कराया था।

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दरअसल, पूजा खेडकर अपने शौक और सुविधाओं के लिए चर्चा में आई थीं। पूजा खेडकर पर आरोप लगाया गया कि प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के रूप में उन्होंने उन सुविधाओं की मांग की, जिनकी वे हकदार नहीं थीं। इसके अलावा उन पर एक वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा करने का भी आरोप है। बताया गया है कि पूजा खेडकर ने अपनी निजी ऑडी कार में लाल बत्ती और ‘महाराष्ट्र सरकार’ के प्लेट लगवाई। इसके बाद मामले की जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने यूपीएससी में सेलेक्शन पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था। इसके बाद उन पर जांच बैठ गई। उनका ट्रांसफर कर दिया गया। माता-पिता पर भी कई आरोप लगे। पूजा की मां का पिस्टल लहराते हुए वीडियो भी वायरल हुआ था।

पूजा खेडकर को हाल ही में यूपीएससी की तरफ से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। इसमें उन पर लगे आरोपों को लेकर सफाई मांगी गई थी। इस नोटिस में यह भी पूछा गया था कि उनकी सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उम्मीदवारी को रद क्यों न कर दिया जाए।

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