सरकार को रखना पड़ेगा फूंक-फूंक कर कदम
देहरादून। बाहरी प्रदेशों से उत्तराखंड आने वाले लोगों के साथ कोरोना भी मुक्त में यहां आ रहा है। यह स्थिति तब है, जब कोरोना से निपटने के लिए प्रदेश में व्यापक इंतजाम किए गए हैं। ई-रैबार कार्यक्रम में स्वयं मुख्यमंत्री ने भी चिंता जताई थी कि राज्य में घर वापसी कर रहे सवा दो लाख प्रवासियों में से लगभग 25 हजार लोग कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि उनकी इस बात को प्रवासियों द्वारा डराने वाली बात बतायी जा रही है।
बताते चलें कि प्रदेश में लॉकडाउन पार्टी-3 के बाद से अब तक प्रदेश में पिछले मात्र 4 दिनों के भीतर ही 8 कोरोना संक्रमित प्रवेश कर चुके हैं। इससे उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ गई है। हालांकि लॉकडाउन पार्ट-दो के संपन्न होने तक प्रदेश में कोरोना मामलों को बेहतर ढंग से नियंत्रण में रखा गया था।
उधमसिंहनगर में आज एक ऐसा कोरोना संक्रमित व्यक्ति पाया गया, जो पंजाब से ट्रक में समान लेकर उधमसिंहनगर के बाजपुर पहुंचा था। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि उक्त व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पंजाब में पॉजिटिव आई है। इससे बाजपुर पुलिस प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। इस पर चालक को सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी भेज दिया गया, जबकि परिचालक को बाजपुर में ही क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है। इसके अलावा ट्रक को भी सेनिटाइज किया गया।
बाजपुर की सीओ दीपशिखा अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार उक्त व्यक्ति का पंजाब में तीन दिन पहले सैंपल लिया गया था, जिसकी रिपोर्ट वहां पॉजीटिव आई है।
बताते चलें कि बीते 8 मई को प्रदेश में दो कोरोनो संक्रमित सामने आए, जिनमें से एक हरिद्वार, जबकि एक ऊधमसिंहनगर से था। उसके बाद अगले दिन 9 मई को एक साथ चार कोरोना संक्रमित मामले सामने आए, जिससे स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूल गए थे। यह चारों मरीज भी ऊधमसिंहनगर जनपद से ही थे।
चिंता की सबसे बड़ी बात तो तब हुई, जब रविवार 10 मई को एक कोरोना मरीज सुदूर पहाड़ी और ग्रीन जनपद उत्तरकाशी में भी एक कोरोना पॉजीटिव पाया गया। इससे स्वास्थ्य विभाग से लेकर सरकारी तंत्र पर भी चिंता की लकीरें छा गई। सवाल उठने लगे कि जब उत्तरकाशी जैसे ग्रीन जनपद में प्रवासियों के साथ कोरोना पहुंच सकता है तो फिर अन्य जनपद भला कोरोना से कैसे अछूते रह सकते हैं। हालांकि इससे पार पाना सरकार के लिए कठिन भी नहीं है, लेकिन सरकारी तंत्र को इसके लिए कड़ी अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ेगा।
इसके बाद आज ऊधमसिंहनगर जिले में ही एक बार फिर से पंजाब से आए व्यक्ति में कोरोना संक्रमित पाया गया है। हालांकि आज पाए गए कोरोना मरीज जैसा एक मरीज इससे पहले भी उत्तराखंड के देहरादून जनपद में सामने आ चुका है। वह देहरादून के चमन विहार का एक बुजुर्ग व्यक्ति था, जो दिल्ली के अस्पताल में इलाज कराकर लौटा था। उसकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजीटिव दिल्ली में ही आई थी। ऐसे में उत्तराखंड हैल्थ बुलेटिन में उस मरीज की गणना नहीं की गई। हालांकि उसके बाद उसे एम्स में भर्ती कराया गया था। ठीक इसी प्रकार आज ऊधमसिंहनगर में पाए गए व्यक्ति की रिपोर्ट पंजाब में पॉजीटिव आई है और उसे सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब देखना यह है कि उस व्यक्ति को उत्तराखंड के आंकड़ों में जोड़ा जाता है या नहीं!
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में हेल्थ बुलेटिन के अनुसार अब तक 68 सामने आ चुके हैं। यदि हेल्थ बुलेटिन में आज का आंकड़ा भी जोड़ दिया जाता है तो फिर प्रदेश में कुल 69 मामले हो जाएंगे।
प्रदेश के लिए राहत की बात यह है कि अब तक 46 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। इसके अलावा एक महिला की ब्रेन हेमरेज के कारण मौत हो चुकी है। इस प्रकार अब प्रदेश में 21 एक्टिव मामले हैं।
कुल मिलाकर जिस प्रकार से चार दिनों के भीतर आठ कोरोना संक्रमित उत्तराखंड में सामने आए हैं, इससे निपटना उत्तराखंड हैल्थ सिस्टम के लिए जहां बड़ी चुनौती होगी, वहीं त्रिवेंद्र सरकार को भी फूंक-फूंक कर कदम रखना होगा।