मुख्यधारा ब्यूरो
देहरादून। यूं तो उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में जब-तब दुर्घटनाएं होती रहती हैं और असंख्य लोग अपनी जान गंवाते हैं, लेकिन जब खोखली सड़कों पर ही वाहन दौड़ रहे हों तो हादसे की आशंका और प्रबल हो जाती है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसी कौन सी सड़क होगी, जो खोखली है तो इसकी हकीकत जानने चले आइए अस्थाई राजधानी देहरादून के सबसे नजदीकी विधानसभा क्षेत्र यमकेश्वर के विकासखंड में, जहां आपकी आशंका को प्रत्यक्ष प्रमाण भी मिल जाएगा।
जी हां! यह सौ फीसदी सच है कि यमकेश्वर विकासखंड में कई खोखली सड़कों पर वाहन सरपट दौड़ रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार हैं कि इस और मौन हैं और किसी बड़ी दुर्घटना को न्यौता दे रहे हैं।
इस क्षेत्रवासियों के राज्य निर्मांण के बाद भी विकास की राह ताकते-ताकते आंखें पथरा गई हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुयी है। स्थिति यह है कि लोग अपने भाग्य को कोसने पर मजबूर हैं।
क्षेत्रीय जन समस्याओं को निरंतर उठाने वाले पूर्व सैनिक एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य बूंगा सुदेश भट्ट इस बार ने इस बार भी नीचे से खोखली हो चुकी एक सड़क का मुद्दा उठाया है।
सुदेश भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि यह सड़क ऋषिकेश लक्ष्मणझूला से मात्र 13 किमी. की दूरी पर व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गांव से मात्र 17 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह सड़क यमकेश्वर की जीवन रेखा समझी जाती है। इस सड़क से दिनभर सैकड़ों वाहन ऊपर-नीचे गुजरते हैं, लेकिन नीचे से अत्यंत जर्जर और खोखली हो चुकी सड़क से ये लोग अंजान होकर बेखौफ आवाजाही करने को मजबूर हैं। श्री भट्ट सड़क की भयावह स्थिति को देखकर बड़ी आकस्मिक दुर्घटना की आशंका जताते हैं।
क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट कहते हैं कि यदि उक्त स्थान पर दो वाहन आते-जाते पास होते हैं तो उस दौरान कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इससे चिंतित होकर सुदेश भट्ट समेत समस्त क्षेत्रवासियों की सरकार से मांग है कि दुर्घटना को न्यौता दे रही इस समस्या का शीघ्र समाधान किया जाए, अन्यथा यमकेश्वर की इसी तरह की तमाम विकट समस्याओं को लेकर स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीण सड़कों पर उतरने को बाध्य होंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
बताते चलें कि कुछ दिन पहले भी सुदेश भट्ट मुख्यधारा के पाठकों के समक्ष यमकेश्वर ब्लॉक मुख्यालय से महज चार सौ मीटर की दूरी पर स्थित ऐसी ही एक खोखली हो चुकी सड़क की दुर्दशा को उजागर कर चुके हैं। इसके अलावा श्री भट्ट क्षेत्रीय जन सरोकारों से जुड़े मुद्दों को समय-समय पर उठाते रहते हैं।
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