मुख्यधारा/यमकेश्वर
यमकेश्वर विधानसभा सीट पर जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी जनता के रुख को समय रहते भांपने में सफल रही, ठीक यही चुनौती कांग्रेस के लिए भी अब बढ़कर दोगुनी हो गई है। इस सीट पर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी की पुत्री, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष एवं सिटिंग विधायक ऋतु खंडूड़ी में जीत की संभावना न दिखाई देने पर उनका टिकट काटने में जरा भी देर नहीं लगाई। इसका कारण यह है कि सत्तारूढ़ भाजपा इस बार साठ पार के फार्मूले को लेकर चुनाव मैदान में उतरी है।
वहीं कांग्रेस है कि अभी भी वर्चस्व की लड़ाई पर ही रेंग रही है और टिकट वितरण जैसे अहम मामले में भी जिताऊ प्रत्याशियों की अनदेखी कर गुटबाजी में ही उलझकर रह गई है। अब यमकेश्वर सीट पर पार्टी के समक्ष रेनू बिष्ट के सामने उतना ही हैवीवेट प्रत्याशी को उतारना कांग्रेस के लिए कड़ी चुनौती बनी हुई है।
बताते चलें कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में यमकेश्वर से रेनू बिष्ट की अनदेखी की गई तो वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरी और दूसरे स्थान पर रही थी। हालांकि तब पूर्व सीएम जनरल भुवनचंद्र खंडूड़ी की ईमानदार छवि के चलते उनकी पुत्री ऋतु खंडूड़ी चुनाव जीतने में सफल रही थी।
वहीं दूसरी ओर 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने शैलेंद्र रावत को चुनाव मैदान में उतारा था, किंतु वे दूसरे स्थान की बजाय तीसरे स्थान पर आ सके। हालांकि हार के बावजूद रेनू क्षेत्र में सक्रिय रही और इन्हीं परफोरमेंस के आधार पर इस बार रेनू बिष्ट को टिकट दिया गया। ऐसा ही परफॉर्मेंस कांग्रेस से राणा के पक्ष में भी देखा जाता है।
बदले मौजूदा हालातों को भांपने में भाजपा तो सफल हो गई, किंतु कांग्रेस को अभी भी इसका तोड़ ढूंढे नहीं मिल पा रहा है। यह स्थिति तब है, जब यमकेश्वर में बड़े जनाधार वाले नेता के रूप में द्वारीखाल प्रमुख महेंद्र राणा ने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। चूंकि क्षेत्रवासियों के आकलन में शैलेंद्र रावत भाजपा प्रत्याशी रेनू बिष्ट जैसी तेजतर्रार प्रत्याशी का रथ रोकने में उतने सबल नजर नहीं आ रहे हैं, जितना कांग्रेस को यहां आवश्यकता है, ऐसे में महेंद्र राणा यमकेश्वर में कांग्रेस के ऐसे हैवीवेट नेता हो सकते हैं, जो भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। क्षेत्रवासी बताते हैं कि यदि महेंद्र राणा को इस बार यमकेश्वर से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किया जाता है तो वे विगत चार बार के विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करा रही भारतीय जनता पार्टी के विजय रथरूपी अभियान पर विराम लगा सकते हैं।
बहरहाल, अब देखना यह होगा कि कांग्रेस इस सीट पर बने असमंजस को कब तक दूर कर यहां से प्रत्याशी का नाम फाइनल करती है!