पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क में भारतीय मूल के लोगों को किया संबोधित, कहा- भारत विश्व की समृद्धि में भूमिका निभाना चाहता, कई टेक सीईओ से भी मिले
मुख्यधारा डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे के दूसरे दिन रविवार को न्यूयॉर्क में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया। इस दौरान प्रवासी भारतीयों में जोश दिखाई दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए न्यूयॉर्क के अलावा कई शहरों से हजारों अप्रवासी आए हुए थे।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को अब करीब डेढ़ महीने का समय बचा है। ऐसे में पीएम मोदी का यह दौरा राष्ट्रपति चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। रविवार शाम को प्रधानमंत्री के न्यूयॉर्क के नासाउ वेटरंस कॉलेजियम पहुंचते ही हजारों लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए।
पीएम मोदी ने भाषण की शुरुआत में नमस्ते कहकर लोगों को अभिवादन किया।
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पीएम मोदी के स्वागत में पहले अमेरिका का राष्ट्रगान और फिर भारत का राष्ट्रगान हुआ। इसके बाद मोदी ने भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय के बीच कहा कि भारत अपना प्रभुत्व नहीं चाहता बल्कि विश्व की समृद्धि में भूमिका निभाना चाहता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक शांति प्रक्रिया को गति देने में भारत की भूमिका अहम होगी। उन्होंने कहा कि नियति उन्हें राजनीति में लेकर आई है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनने के बारे में नहीं सोचा था। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में लोगों ने शासन के इस मॉडल को देखा है और इसलिए उन्हें तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए वोट दिया है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द, आप भारत में भी ओलंपिक देखेंगे। हम 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। आज, भारत का 5जी बाजार अमेरिका से भी बड़ा है। यह दो साल के भीतर हुआ है। अब, भारत मेड-इन-इंडिया 6जी पर काम कर रहा है। मैंने हमेशा प्रवासी भारतीयों की क्षमताओं को समझा है। आप सभी मेरे लिए हमेशा भारत के सबसे मजबूत ब्रांड एंबेसडर रहे हैं। यही कारण है कि मैं आप सभी को राष्ट्रदूत के रूप में संबोधित करता हूं।
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वह दिन दूर नहीं जब आप अमेरिका में मेड-इन-इंडिया चिप देखेंगे। यह छोटी सी चिप भारत की विकसित भारत की उड़ान को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। ये मोदी की गारंटी है। आज, जब भारत वैश्विक मंच पर कुछ कहता है, तो दुनिया सुनती है। कुछ समय पहले जब मैंने कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है, तो इसकी गंभीरता सभी को समझ में आई थी। जब भी कोई संकट होता है, तो भारत सबसे पहले प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में उभरता है।
भारत की प्राथमिकता दुनिया में अपना दबाव बढ़ाना नहीं बल्कि अपना प्रभाव बढ़ाना है। हम आग की तरह जलने वाले नहीं, सूरज की किरण की तरह रोशनी देने वाले हैं’। हम दुनिया में अपना वर्चस्व नहीं चाहते, बल्कि अपना वर्चस्व चाहते हैं। मेरे लिए, एआई का मतलब अमेरिकी भारतीय है। यही वह भावना है जो भारत-अमेरिका संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जा रही है।
भारत अब अवसरों की भूमि है। यह अब अवसरों की प्रतीक्षा नहीं करता, यह अवसर पैदा करता है। पिछले 10 वर्षों में, भारत ने हर क्षेत्र में अवसरों के लॉन्चिंग पैड बनाए हैं। हमने हरित परिवर्तन का रास्ता चुना। प्रकृति के प्रति प्रेम की हमारी परंपरा ने हमारा मार्गदर्शन किया और हम सौर और पवन ऊर्जा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। भारत अपने पेरिस जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने वाला पहला जी20 देश है।
हर आकांक्षा एक नई उपलब्धि को जन्म दे रही है, और हर उपलब्धि एक नई आकांक्षा के लिए सूत्रधार बन जाती है। एक दशक में, भारत अर्थव्यवस्था के मामले में 10वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंच गया है। अब, हर भारतीय चाहता है कि वह तीसरे स्थान पर आए।
भारतीय समुदाय को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी ने अमेरिका के बिजनेस लीडर्स से मुलाकात की। राउंड टेबल बैठक के दौरान उन्होंने AI, सेमीकंडक्टर्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, बायोटेक्नोलॉजी जैसे मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में गूगल के सीईओ सुंदर पिचई, आइबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा, एडोबी के सीईओ शांतनु नारायण और अन्य कई टेक सीईओ शामिल हुए।
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वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को नेपाल के पीएम केपी ओली, फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास और कुवैत के क्राउन प्रिंस शेख सबा खालिद अल-हमद अल-सबा के साथ द्विपक्षीय बैठक की। राष्ट्रपति अब्बास के साथ बैठक में मोदी ने गाजा में मानवीय संकट पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत फिलिस्तीन के लोगों के साथ है। प्रधानमंत्री ने एक बार फिर इजराइल और गाजा के बीच टू स्टेट सॉल्यूशन का समर्थन किया। उन्होंने जंग में सीजफायर और इजराइली बंधकों की वापसी के बाद बातचीत के जरिए मसले को सुलझाने की बात कही।
इसके अलावा नेपाली पीएम केपी ओली ने मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि उनकी बैठक काफी अच्छी रही।
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