अक्षय तृतीया : धूमधाम के साथ मनाई जा रही अक्षय तृतीया, शुभ कार्यों के लिए माना जाता है अबूझ मुहूर्त, इस दिन सोना खरीदने की है परंपरा

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अक्षय तृतीया : धूमधाम के साथ मनाई जा रही अक्षय तृतीया, शुभ कार्यों के लिए माना जाता है अबूझ मुहूर्त, इस दिन सोना खरीदने की है परंपरा

मुख्यधारा डेस्क

आज पूरे देश भर में अक्षय तृतीया का पावन पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। हर साल अक्षय तृतीया के दिन ही चार धाम में से दो, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के कपाट भी खोले जाते हैं। पूरे साल भर में यह दिन शुभ कार्यों के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त भी होता है। इसी तिथि पर त्रेतायुग की शुरुआत हुई, इसलिए इसे युगादि तिथि भी कहा जाता है। यानी आज शुभारंभ का दिन है।

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इस तिथि पर भगवान परशुराम प्रकट हुए थे। परशुराम चिरंजीवी यानी अक्षय हैं। इसलिए इस तिथि को अक्षय तृतीया और चिरंजीवी तिथि कहते हैं। हालांकि इस बार भगवान परशुराम की जयंती एक दिन पहले 29 अप्रैल को मनाई गई है। लेकिन आज भी भगवान परशुराम जयंती मनाई जा रही है। इसके साथ सोने की खरीदारी भी खूब होती है। हालांकि इस बार सोना एक लाख प्रति दस ग्राम के आसपास हो गया है।

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स्कन्द पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन खरीदा गया सोना कभी नष्ट नहीं होता और समृद्धि देने वाला होता है। आज पड़ने वाली अक्षय तृतीया काफी खास है, क्योंकि आज के दिन कई बड़े राजयोगों के साथ-साथ शुभ नक्षत्र बन रहे हैं। आज बुधवार के साथ रोहिणी नक्षत्र बन रहा है। इसके साथ ही आज वाशि योग, गजकेसरी, आनन्दादि योग, सुनफा योग, मालव्य योग, सर्वार्थसिद्धि योग, लक्ष्मी नारायण, आदित्य योग, शोभन योग के साथ अक्षय योग का निर्माण हो रहा है।

आज अक्षय तृतीया के मौके पर दुर्लभ अक्षय योग बना है, जो करीब 24 साल के बाद बन रहा है। ऐसा दुर्लभ योग साल 2001 में अक्षय तृतीया के दिन बना था। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है।

अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है

धार्मिक मान्यता के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। अक्षय तृतीया के अवसर पर कई शुभ और अशुभ योग का निर्माण हो रहा है। तृतीया तिथि 29 अप्रैल को रात्रि 11 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर 30 अप्रैल को रात्रि 9 बजकर 37 मिनट तक रहेगी।

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ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि राशि से दूसरे, छठे, दसवें और ग्यारहवें भाव में जब चंद्रमा और गुरु का संयोग बनता है तब अक्षय योग बनता है। इस शुभ योगों में मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति हो सकती है। घर में सुख-शांति के साथ-साथ अथाह पैसे की प्राप्ति होती है।

आइए जानते हैं अक्षय तृतीया के मौके पर कब खरीदें सोना-चांदी सहित अन्य चीजें। अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ रात को इस मंत्र का जाप करते हुए दीपक जलाने से घर में सुख-शांति बनी रहती हैं और पैसों की कमी कभी नहीं होती है। ‘ॐ लक्ष्मी लक्ष्मी सर्वत्र गच्छ गच्छ मम गृहे ते स्थिर भव’ मुख्य द्वार की चौखट में एक घी का दीपक जलाकर इस मंत्र के साथ मां लक्ष्मी को घर आने के लिए कामना करें।

वैवाहिक जीवन में किसी न किसी प्रकार की समस्या या फिर वाद-विवाद होता रहता है, तो आज भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को हल्दी की गांठ का एक जोड़ा कलावे से बांधकर अर्पित करें। इससे आपके जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी।

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