जन्मदिन पर प्राणों की आहुति देगा पौड़ी का यह गौ-सेवक !!
25 वर्षों से पति पत्नी कर रहे गोवंश की सेवा
‘गोदाम्बरी देवी गौ सेवा समिति’ नाम से संचालित करते हैं गौशाला
द्वारीखाल। ग्रामसभा वरगड्डी बागों के कुछ युवकों द्वारा सोशल मीडिया फेसबुक पर ‘गोदाम्बरी देवी गौ सेवा समिति’ नाम से संचालित गौशाला को बदनाम किए जाने की नीयत से विभिन्न षडयंत्र रचे जा रहे हैं। हताश होकर इसके संचालक सोहनलाल सेमवाल ने फैसला लिया है कि यदि जिलाधिकारी को भेजे गए उनके शिकायती पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो वह अपने जन्मदिवस 24 नवंबर 2019 को गौशाला में ही अपने प्राणों की आहुति दे देंगे।
पाठकों की जानकारी के लिए बता दें कि पौड़ी जनपद के अंतर्गत द्वारीखाल ब्लॉक के ग्रामसभा वरगड्डी है। इसी ग्रामसभा में बागौं गांव है। यहां वर्ष 1995 से सोहनलाल सेमवाल व उनकी पत्नी गोदाम्बरी देवी ‘गोदाम्बरी देवी गौ सेवा समिति’ नाम से गौशाला संचालित कर नि:स्वार्थ भाव से गौ सेवा कर रहे हैं। वह बिना किसी सरकारी मदद के, जिसमें निराश्रित बांझ, वृद्ध गौ वंशों की सेवा करते हैं। वर्तमान में करीब पचास से अधिक गौवंश उनके गौ सदन में मौजूद हैं।
सोहनलाल सेमवाल आरोप लगाते हुए बताते हैं कि पिछले एक साल से उनकी ग्रामसभा के कुछ युवाओं द्वारा उनकी गौशाला को बंद कराने की नीयत से षडयंत्र रचे जा रहे थे, किंतु जब उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिल पाई तो अब वह फेसबुक पर उनके लिए तरह-तरह के दुष्प्रचार व टिप्पणियां कर रहे हैं। हमें दुनिया की नजरों में बहुत पापी और गौशाला के नाम पर सरकारी पैसे लेने का आरोप लगा रहे हैं। यही नहीं उनकी दहशतगर्दी का इसी बात से अंदाज लगाया जा सकता है कि वे उन्हें स्वयं दंडित करने जैसे निर्णय ले रहे हैं। इससे वे और उनका पूरा परिवार खौफ के साये में जीने को मजबूर है।
सेमवाल आपबीती बयां करते हुए बताते हैं कि इन लोगों ने उनके परिवार का सोना-खाना हराम कर दिया है। उनके इस तरह के षडयंत्रों व धमकियों से अब उन्हें जानमाल का खतरा उत्पन्न हो गया है। इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री उत्तराखंड को एक प्रार्थना पत्र 24 अक्टूबर 2019 को भेजा है।
सोहनलाल सेमवाल बताते हैं कि उन्होंने इन लोगों के षडयंत्रों के खिलाफ एक पत्र पहले भी पट्टी विचला ढांगू के पटवारी को दिया था, लेकिन उस पर आज तक भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस प्रार्थना पत्र की प्रतिलिपि डीएम पौड़ी और एसडीएम लैंसडाउन तथा पट्टी पटवारी को दे दी है।
कुछ वर्ष पहले की बात है, जब हमारे यहां जंगलों में आग लग गई थी, तब मेरी पत्नी गोदाम्बरी देवी अपने साथ अपने गौवंश को लेकर हथनूड़ महादेव मंदिर में कई दिनों तक शरण लेकर रही।
सेमवाल बताते हैं कि वर्ष 2016 तक हमने गौशाला में गौवंश छोडऩे वालों से एक रुपए भी शुल्क नहीं लिया। हमारा पूरा परिवार गौसेवा में जुटा है और आय के अन्य साधन न होने के कारण हमारे द्वारा गौसेवा करना संभव नहीं हो पा रहा है। इस कारण गौशाला में गौवंश लाने वालों से आज हम प्रति गौवंश 1100 रुपये लेते हैं। जिससे इन बेजुबानों की अच्छी से देखभाल हो सके। कुछ लोग इसे कमाई का जरिया बता रहे हैं और उनके मन में द्वेष उत्पन्न हो गया है।
सर्वविदित है कि लोगों द्वारा जगह-जगह सड़कों व बाजारों के साथ ही जंगलों में सैकड़ों गौवंश को लावारिस छोड़ा गया है। हमारे यहां के लोग उन गौवंश को हमारे द्वारा छोड़ा हुआ बताकर हमारा दुष्प्रचार करके हमें बदनाम किया जा रहा है। इन लोगों की ऐसी अनर्गल बातें सरासर गलत व निराधार व बेबुनियाद हैं।
सोहनलाल शालीनता से बताते हैं कि हम कोई भी गौवंश कभी नहीं छोड़ते। हां एक सांड हमारी गौशाला से बागों गांव में है। उसने गांव की एक बुजुर्ग महिला को गिरा दिया था, जिससे उनके हाथ पर गंभीर चोटें आई। हमने उसे गांव के लोगों की मदद से बांध दिया था कि वह किसी अन्य को जान से न मार दे। तब लोगों की सहमति बनी कि एक-दो दिन में इसे गौशाला में ले जाया जाएगा, किंतु तब तक गांव के लड़कों द्वारा उसे खोल दिया गया और उसकी फोटो खींची गई। इससे गुस्साये सांड ने गांव के ही किसी अन्य औरत का हाथ तोड़ दिया।
अब यही शरारती तत्व फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया में यह दुष्प्रचार कर रहे हैं कि हम लोग ऐसी गौसेवा कर रहे हैं। इससेे समाज में हमें शर्मिन्दगी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन यह कोई नहीं सोच रहा कि अगर वह सांड आज किसी को मार दे तो जवाबदेही किसकी होगी?
सेमवाल कहते हैं कि हमने अपने जीवन का सर्वांश तन-मन-धन समाजसेवा में लगाया है। भैरव गढ़ी पंपिंग योजना सहित बीस मांगों को लेकर 2003 में भूख हड़ताल से लेकर जेलबन्द हुए। 309 का मुकदमा झेला।
गौसेवा में 24 वर्ष पूर्ण कर 25वें वर्ष में प्रवेश किया है और चंद युवा आज हमारी सामाजिक प्रतिष्ठा के साथ इस तरह का खिलवाड़ कर हमें दंडित करने की धमकी दे रहे हैं। इससे उन्हें गहरा मानसिक आघात पहुंचा है।
वह निराश होकर मांग करते हुए कहते हैं कि जिलाधिकारी पौड़ी और मुख्यमंत्री कार्यालय को शीघ्र इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और शीघ्र ही मौके पर टीम भेजकर जांच करानी चाहिए। अगर मेरे प्रार्थना पत्र पर शीघ्र कोई कार्यवाही नहीं होती तो मैं सोहनलाल सेमवाल अपने जन्मदिवस 24 नवंबर 2019 को गौशाला में ही अपने प्राणों की आहुति देने को विवश हो जाऊंगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।