देहरादून/मुख्यधारा
तीरथ सिंह रावत के गत दिवस सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद अब नए सीएम को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच आखिरी कसरत शुरू हो गई है। अब से थोड़ी देर बाद तीन बजे देहरादून भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में विधान मंडल दल की बैठक में नया सीएम का नाम फाइनल हो जाएगा।
इस बीच पार्टी के कई क्षत्रप सीएम पद के लिए वेट एंड वाच की स्थिति में है और उनके समर्थकों ने कल से ही मोर्चा संभाला हुआ है। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का नाम सीएम पद के लिए सबसे ऊपर चल रहा है। इसके अलावा धन सिंह रावत भी लाइन में हैं, जबकि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का आत्म विश्वास बयां कर रहा है कि वह भी सीएम की दौड़ में हैं। साथ ही खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी का नाम भी तेजी से चल रहा है।
गत दिवस उत्तराखंड में हुए राजनीतिक घटनाक्रम के बाद आज देहरादून में पॉलिटिकल गहमागहमी बनी हुई है। आज सुबह दिल्ली से केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर देहरादून पहुंच चुके हैं। इसके अलावा पार्टी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम भी दून पहुंच गए हैं। अभी बीजापुर गेस्ट हाउस में बीजेपी हाईकमान की बैठक चल रही है। इसके बाद तीन बजे से भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में विधान मंडल दल की बैठक शुरू होने वाली है।
उक्त बैठक के बाद ही सीएम के नाम पर फैसला हो सकता है, किंतु जिस तरह से राज्यमंत्री धन सिंह रावत एवं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का आत्म विश्वास झलक रहा है और उनके घर/कार्यालयों के बाहर बड़ी संख्या में जिस तरह से उनके समर्थक उपस्थित हैं, ऐसे मेें माना जा रहा है कि इनमें से भी किसी एक नाम का चयन हो सकता है। हालांकि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को मार्च 2021 में जिस तरह से पार्टी हाईकमान ने उनसे सीएम पद से इस्तीफा दिलवाया था, ऐसे में उनके नाम पर इतनी जल्द दोबारा सहमति बनने की कम आसार लग रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों व पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक सतपाल महाराज वरिष्ठ नेता हैं। वे प्रदेशभर में खासा जनाधार रखते हैं। यही नहीं 2017 विधानसभा चुनाव के समय भी वे स्व. प्रकाश पंत एवं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के अलावा सीएम पद के प्रबल दावेदार थे, किंतु ऐन वक्त पर तब उनके नाम पर सहमति नहीं बन पाई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि सीएम पद के लिए मौजूदा परिस्थितियों में पार्टी नेतृत्व की पहली पसंद हो सकते हैं।
कुल मिलाकर फिलवक्त पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही प्रदेश के आम जनमानस की धड़कने भी बढ़ी हुई हैं कि आखिर पार्टी अपने किस विधायक पर भरोसा जताकर उन्हें उत्तराखंड के सीएम पद के लिए उपयुक्त मानती है। हालांकि सीएम की दौड़ में उछले नामों के अलावा अगर पार्टी किसी नए चेहरे पर ही सीएम पद के लिए दांव खेलती है तो इसमें भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए।