देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में आजकल मृत्युंजय मिश्रा को लेकर घमासान चल रहा है। कुलपति प्रो. सुनील जोशी ने कुलसचिव डा. मृत्युंजय मिश्रा के समक्ष कोई भी पत्रावली किसी भी दशा में प्रस्तुत नहीं किए जाने के आदेश जारी किए हैं।
बताते चलें कि डा. मृत्युंंजय मिश्रा को वित्तीय गड़बडिय़ों के आरोप में 3 दिसंबर 2018 को गिरफ्तार किया गया था। वे बीते अगस्त 2021 में जमानत पर जेल से रिहा हुए।
अभी तीन दिन पहले ही मृत्युंजय मिश्रा को आयुर्वेद विश्वविद्यालय का कुलसचिव बना दिया गया, किंतु उनका मूल विभाग उच्च शिक्षा विभाग है। यही कारण है कि मिश्रा के उनके मूल विभाग में न भेजकर उन्हें विवि में पुन: नियुक्ति देने पर विश्वविद्यालय में उबाल आ गया है। उनका कुलपति डा. सुनील जोशी मुखर होकर विरोध कर रहे हैं और उन्होंने इसको लेकर एक आदेश भी जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि मृत्युंजय मिश्रा को कोई भी फाइल न दिखाई जाए।
चुनाव से ऐन पहले मचे इस बवाल को शांत करने के लिए मृत्युंजय मिश्रा को उनके मूल विभाग में भेजने की संभावना बनती दिखाई दे रही है।
बहरहाल, अब देखना यह होगा कि आयुर्वेद विवि में मचा यह घमासान आखिर कब तक शांत हो पाता है!
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