मुख्यधारा/यमकेश्वर
यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र रावत ने अपने समर्थकों के साथ आज नामांकन करा दिया है। आज पहली बार यमकेश्वर कांग्रेस मेें ऐसी एकजुटता दिखाई दी, जिसकी पार्टी को दरकार थी। इस सीट पर कांग्रेस के प्रबल दावेदार रहे महेंद्र राणा और उनकी पूरी टीम ने शैलेंद्र रावत को समर्थन मिलने से यमकेश्वर में कांग्रेस की स्थिति बेहद मजबूत हुई है।
बताते चलें कि शैलेंद्र रावत यमकेश्वर से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी वर्ष 2017 का चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि यहां से तब जीत ऋतु खंडूड़ी को मिली थी। इस बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में रेनू बिष्ट हैं, जो 2017 में निर्दलीय चुनाव लड़ी थी।
इससे पहले कांग्रेस यहां काफी कमजोर दिखाई दे रही थी, क्योंकि कांग्रेस के ही महेंद्र राणा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩे का मन बना चुके थे, किंतु ऐन चुनाव से पूर्व हाईकमान से हुए मान-मनोव्वल के बाद महेंद्र राणा ने कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र रावत को अपना समर्थन दे दिया है। अब सभी कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुट होकर कांग्रेस को जिताने के लिए जुट गए हैं।
वहीं नामांकन के अवसर पर शैलेंद्र रावत की भाव-भंगिमाएं बयां कर रही थी कि यमकेश्वर का रण इस बार नहीं जीत पाए तो फिर कभी नहीं!
बताते चलें कि यमकेश्वर सीट पर उत्तराखंड गठन के बाद हुए चुनाव में लगातार चार बार से भाजपा प्रत्याशी को ही जीत मिलती रही है। इनमें पहले के तीन विधानसभाओं में विजय बड़थ्वाल विधायक बनकर विधानसभा पहुंची तो 2017 के चुनाव में भुवनचंद्र खंडूड़ी की पुत्री ऋतु खंडूड़ी विधायक बनी। इस बार यहां से भाजपा ने रेनू बिष्ट को प्रत्याशी बनाया है। जिनके सामने कांग्रेस के शैलेंद्र रावत मैदान में हैं।
बहरहाल, अब देखना यह होगा कि क्या कांग्रेस की टीम भाजपा के अभेद्य गढ़ को इस बार भेद पाने में सफल हो पाती है या नहीं!